Rent Agreement बनवाते समय रखें इन बातों का ध्यान, नहीं तो पड़ सकते हैं लेने के देने

HR Breaking News - (Rent Agreement )। किराएदार और मकान मालिक के विवादों को निपटाने के लिए रेंट एग्रीमेंट बनवाया जाता है, लेकिन किराए पर घर लेने के लिए रेंट एग्रीमेंट में कुछ चीजों को उल्लेख करना बेहद जरूरी है। अगर रेंट एग्रीमेंट में यह जरूरी चीजें मेंशन नहीं होती है तो ऐसा होने पर मकान मालिकों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। दरअसल, किसी भी रेंट एग्रीमेंट में किराए की राशि, किराया देय की तारीख और एग्रीमेंट (Rent Agreement Rules) टाइम सहित कुछ महत्वपूर्ण जानकारी होती है। आइए जानते हैं इन जानकारियों के बारे में।
रेंट एग्रीमेंट में किन बातों को करना चाहिए मेंशन-
सबसे पहले तो रेंट एग्रीमेंट (Rent Agreement ke niyam) बनवाते समय यह चैक कर लें कि रेंट एग्रीमेंट में जो साइन है, वो किराया एग्रीमेंट से मेल खाता या नहीं। इसके साथ ही यह सुनिश्चित कर लें कि इस एग्रीमेंट में क्या-क्या शामिल है इन चीजों का जिक्र है या नहीं। हम एक उदाहण से आपको समझाते हैं, जैसे कि मान लें कि आपने जिस फ्लैट को लिया उसका किराया मेंटनेंस सहित है या नहीं और इसके साथ ही फ्लैट में जितने भी सामानों का विवरण दिया है वो एग्रीमेंट(Rent Agreement Registration) में लिखा गया है या नहीं। इसके साथ्ज्ञ ही रेंट एग्रीमेंट में पार्किंग चार्ज क्या है और बिजली बिल कितने रुपये यूनिट आदि सभी चीजों का उल्लेख होना बेहद जरूरी है।
ध्यान रखना चाहिए एग्रीमेंट ड्यूरेशन-
इसके साथ ही एग्रीमेंट (Rules of Rent Agreement) की टाइमलाइन क्या है, इस बात को भी उल्लेख करना चाहिए। एग्रीमेंट अगर 3 से 4 सालों के लॉन्ग टर्म के लिए है तो हर वर्ष किराए में कितनी बढ़ौतरी होगी इस बात को भी लिखना चाहिए। दरअसल, कई बार ऐसा होता है कि पहली बार एग्रीमेंट के तहत किराएदार इन अहम पहलूओं पर गैर नहीं करते हैं और जिसके चलते बाद में उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता है।किसी भी रेंट एग्रीमेंट (Rent Agreement Duration) में किराएकी राशि, किराया देय की तारीख और एग्रीमेंट टाइम सहित कुछ महत्वपूर्ण जानकारी होना बेहद जरूरी है।
रेंट एग्रीमेंट में होना चाहिए लॉक इन टाइम -
आपने देखा होगा कि कई बार मकानमालिक और किराएदार को निजी कारणों के चलते एग्रीमेंट को तोड़ना पड़ता है। इसलिए उस समय में विवाद न हो, इसके लिए एग्रीमेंट में नोटिस या लॉक इन टाइम (lock in time) का भी उल्लेख होना चाहिए। वैसे तो आमतौर पर नोटिस पीरिएड (Rent agreement notice period) एक महीने का होता है, जो दोनों पक्षों पर समान रूप से लागू होना चाहिए और ये रेंट एग्रीमेंट दोनों पक्षो की सहमति से ही बनता है।
उल्लेख होनी चाहिए ये शर्ते-
आपने देखा होगा कि कई मकान मालिक ऐसे होते हैं, जो किरायेदार पर कई तरह की चीजों का प्रतिंबध लगाते हैं। जैसे कि वो उस घर में पालतू जानवर नहीं रख सकते है, या फिर सोसायटी पार्किंग लॉट में पार्किंग करना। इसलिए जब भी रेंट एग्रीमेंट (Rent Agreement Tips) बनवाए तो एग्रीमेंट से पहले इन चीजों पर पूरी बातचीत कर लेनी चाहिए। हालांकि अगर प्रतिबंध अनुचित होते हैं तो इसपर किराएदार आपत्ति भी कर सकता है,जैसे कि किराए (kaise bnvaye rent ageement) पर रहने के दौरान पासपोर्ट के लिए आवेदन की अनुमति नहीं देना या फिर कोई अन्य कारण भी शामिल हो सकते हैं।