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land acquisition : जमीन अधिग्रहण मामले में अहम फैसला, सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से लाखों लोगों को बड़ा फायदा

SC decision on land acquisition : जमीन अधिग्रहण से जुड़े कई मामले आज भी अलग अलग कोर्ट में पेंडिंग हैं। इनमें से अधिकतर मामलों में अहम मुद्दा मुआवजा राशि का ही होता है। सुप्रीम कोर्ट (supreme court decision) ने ऐसे ही एक मामले में अहम फैसला सुनाया है। देश की शीर्ष अदालत का यह फैसला लाखों लोगों के हित में सुनाया गया है, जिसका उन्हें काफी फायदा मिलेगा।

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land acquisition : जमीन अधिग्रहण मामले में अहम फैसला, सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से लाखों लोगों को बड़ा फायदा

HR Breaking News (supreme court) जब भी किसी जमीन का अधिग्रहण किया जाता है तो भू मालिक की नजर मुआवजा राशि पर होती है। यह राशि भू मालिक के आर्थिक नुकसान और फायदे में अहम भूमिका निभाती है। अक्सर भू अधिग्रहण (land acquisition rules) से जुड़े मामले कोर्ट तक पहुंच ही जाते हैं। सुप्रीम कोर्ट में भी भू अधिग्रहण का एक मामला पहुंचा तो इसमें सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला  (SC decision) सुना दिया। इस फैसले से लाखों लोगों को राहत मिलेगी, इस कारण इस निर्णय की अब चारों ओर चर्चाएं हो रही हैं। आइये जानते हैं क्या कहा है शीर्ष अदालत ने।


NHAI ने किया था जमीन का अधिग्रहण-


जमीन अधिग्रहण के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बताया है कि किसी अधिग्रहण की गई जमीन का मुआवजा कब और कैसे तय होगा। यह मामला NHAI (national highway authority of india) की ओर से अधिग्रहीत की गई जमीन की मुआवजा राशि से जुड़ा है।


याचिका को किया खारिज-


सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जमीन अधिग्रहण (land acquisition case) पर मिलने वाला मुआवजा और ब्‍याज उसी दिन से लागू माना जाएगा, जिस दिन से जमीन का अधिग्रहण होता है। यानी मुआवजा (land compensation rules) और ब्याज राशि जमीन की अधिग्रहण की तारीख से ही लागू होगा। यह कहते हुए सुप्रीम कोर्ट ने NHAI  की ओर से लगाई गई याचिका  खारिज कर दी है।


NHAI ने यह कहा था याचिका में-


सुप्रीम कोर्ट ने जमीन अधिग्रहण में मुआवजे व ब्याज राशि को लेकर एक फैसला सुप्रीम कोर्ट (supreme court news) ने 2019 में सुनाया था। इसमें कोर्ट ने कहा था कि मुआवजे की अनुमति देने वाला 2019 का फैसला उसी प्रभाव से लागू होगा। NHAI की ओर से यह फैसला भावी रूप में लागू किए जाने की याचिका लगाई गई थी। इसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया।


यह रोक लगाए जाने की भी की थी मांग-


सुप्रीम कोर्ट के दो जजों की पीठ ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण  याचिका खारिज करते हुए बताया कि NHAI ने सितंबर 2019 के मामलों को दोबारा खोलने पर रोक लगाने की भी मांग की थी। कोर्ट ने पाया कि इन मामलों में भूमि अधिग्रहण (Land acquisition) किया जा चुका था और मुआवजा भी निर्धारित किया जा चुका था।


सुप्रीम कोर्ट ने की अहम टिप्पणी-


सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में टिप्पणी (SC comment on Land acquisition) करते हुए कहा कि NHAI की दलीलों में कोई दम नहीं लगता। साल 2019 के तरसेम सिंह मामले (tarsem singh case) में ‘मुआवजा’ और ‘ब्याज’ की लाभकारी प्रकृति के बारे में सिद्धांत स्थापित हैं, उन्हीं सिद्धांतों की पुष्टि कोर्ट की पीठ की ओर से की जाती है। मामले में किसी तरह का भेदभाव नहीं होना चाहिए।। इसलिए NHAI की अर्जी खारिज की जाती है।

मुआवजे को लेकर कही यह बात-


सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर अधिग्रहण (NHAI Land acquisition rules) की तिथि के बाद किसी जमीन का मुआवजा व ब्याज दिया जाए तो यह गलत है। यह भूमालिकों को उचित मुआवजे से वंचित करने के समान है। जमीन अधिग्रहण (Land acquisition case) से जुड़े 2019 के मामले में सुनाए गए निर्णय को भावी रूप में लागू किया जाता है, तो वह सही नहीं होगा। किसी को उसकी जमीन के मुआवजे व ब्याज से एक दिन के लिए भी वंचित नहीं किया जा सकता।