Old Gurugram को मेट्रो की सौगात, दूसरे चरण का भू तकनीकी सर्वे पूरा, हर 5 मिनट में मिलेगी सुविधा
New metro line : ओल्ड गुरुग्राम का दोहरीकरण लगातार रफ्तार पकड़ रहा है यहां पर मेट्रो की सुविधा दी जाएगी। बता दें कि अब ओल्ड गुरुग्राम को मेट्रो की सौगात मिलेगी। मेट्रो का निर्माण करने के लिए दूसरे चरण का काम यानी भू तकनीकी सर्वे पूरा हो गया है। अब हर 5 मिनट में सुविधा मिलने की तैयारी हो रही है।
HR Breaking News - (GMRL)। हरियाणा सरकार गुरुग्राम का रूप बदलने में निरंतर कोशिश कर रही है। बता दें कि अब ओल्ड गुरुग्राम को मेट्रो की सौगात मिलने वाली है। इस मेट्रो परियोजना के लिए दूसरे चरण का कार्य भी पूरा हो गया है। अब जल्द ही क्षेत्र में मेट्रो की सुविधा मिलेगी।
यात्रियों को मिलेगी सुविधा-
ओल्ड गुरुग्राम मेट्रो (Old Gurugram Metro) के स्टेशन बनने के बाद यात्रियों को हर पांच मिनट के अंतराल पर मेट्रो की सुविधा मिलने वाली है। इसकी अधिकतम रफ्तर 80 किलोमीटर प्रति घंटा तक की होने वाली है। शुरुआत में तीन कोच वाली मेट्रो में 975 यात्री सफर कर सकते है। जबकि GMRL ने मेट्रो के संचालन के लिए 117 कोच का इंतजाम किया जाता है।
नई मेट्रो की इतनी होगी रफ्तार-
ओल्ड गुरुग्राम मेट्रो (new metro line) के स्टेशन बनने के बाद हर यात्रियों को हर पांच मिनट के अंतराल पर पांच मेट्रो को उपलब्ध कराया जाने वाला है। इसके अलावा दावा किया जा रहा है कि इस नई मेट्रो की अधिकतम रफ्तार 80 किलोमीटर प्रति घंटा रहने वाली है।
जीएमआरएल ने जारी किया अपडेट-
गुरुग्राम मेट्रो रेल लिमिटेड (Gurugram Metro Rail Limited) मेट्रो को 90 किलोमीटर प्रति घंटे के हिसाब से डिजाइन कर रहा है। GMRL की तरफ से ओल्ड गुरुग्राम मेट्रो के तैयार डिजाइन के मुताबिक शुरुआत में तीन कोच लगाकर मेट्रो का संचालन किया जाएगा।
इसमें एक बार में 975 यात्री सफर कर सकेंगे। इनमें 136 यात्रियों को सीट उपलब्ध होगी। यात्रियों की संख्या बढ़ने के बाद इसको छह कोच किया जाएगा। इसमें 286 यात्रियों के बैठने की व्यवस्था होगी। 2004 यात्री इसमें सफर कर सकेंगे। मेट्रो निर्माण से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि इसकी बॉडी स्टेनलेस स्टील की होगी।
मेट्रो संचालन के लिए 117 कोच का होगा इंतजाम-
इसकी ऊंचाई 3.9 मीटर तय की गई है। वहीं चौड़ाई के बारे में बात करें तो ये 2.9 मीटर रहने वाली है। जीएमआरएल (GMRL) की ओर से मेट्रो संचालन के लिए 117 कोच का इंतजाम किया जाने वाला है। जानकारी के लिए बता दें कि दिल्ली मेट्रो की अधिकतम रफ्तार 80 किलोमीटर प्रति घंटा है, हालांकि यह 32 से 35 किलोमीटर प्रति घंटा के हिसाब से दौड़ने वाली है।
भू तकनीकी सर्वे होगा पूरा-
जीएमआरएल (GMRL) ने दूसरे चरण में भू तकनीकी सर्वे पूरा कर लिया गया है। दूसरे चरण में सेक्टर-नौ से लेकर डीएलएफ साइबर सिटी तक मेट्रो का संचालन किया जाने वाला है। लगभग 13 किलोमीटर में भू तकनीकी सर्वे पूरा कर लिया गया है। सेक्टर-पांच से रेलवे स्टेशन तक भू तकनीकी सर्वे को जल्द शुरू कर लिया जाएगा। इस सर्वे के तहत पानी और मिट्टी के नमूने लेकर टेंडर के दस्तावेजों को तैयार किये जाने वाले हैं।
वहीं ओल्ड गुरुग्राम मेट्रो (Old Gurugram Metro) के निर्माण को लेकर मिलेनियम सिटी सेंटर मेट्रो स्टेशन (Millennium City Centre Metro Station) से लेकर सुभाष चौक तक पेड़ों की कटाई का काम तेजी से किया जा रहा है। सेक्टर-33 स्थित ट्रांसपोर्ट नगर में कास्टिंग यार्ड बनने के बाद मेट्रो का निर्माण तेज गति से शुरू होने वाला है।
खत्म होगा साइकिल ट्रैक-
ओल्ड गुरुग्राम मेट्रो (Old Gurugram Metro) के निर्माण के तहत जाम से बचने के लिए मिलेनियम सिटी सेंटर से लेकर सुभाष चौक तक साइकिल ट्रैक को खत्म किया जाने वाला है। वहीं आसपास लगते सेक्टरों के यातायात को सर्विस रोड पर चलाया जाने वाला है। इसके कारण मुख्य सड़क पर यातायात जाम कम हो जाएगा। GMDA की ओर से इस सड़क पर ओल्ड गुरुग्राम मेट्रो का निर्माण कार्य शुरू होने के चलते तैयार की गई है।
इस मुख्य सड़क के साथ दो लेन की सर्विस रोड को GMDA ने तीन साल पहले तैयार कर दिया गया था। इसके बाद में जिला प्रशासन के आग्रह पर सर्विस रोड को साइकिल ट्रैक बना दिया गया है। वहीं बैरियर लगाकर इसके ऊपर यातायात संचालन बंद कर दिया गया है। हालांकि इसका विरोध आसपास लगते सेक्टर के निवासियों की ओर से किया जा रहा है, हालांकि इसकी सुनवाई नहीं की गई है। कुछ जगह पर बेरीकेडिंग को हटाकर टैक्सी चालकों ने इस सर्विस रोड को टैक्सी स्टैंड में बदल दिया।
भू तकनीकी सर्वे होगा पूरा-
मेट्रो डिपो (metro depot) की निर्माण लागत में संशोधन कर दिया गया है। मौजूदा सर्वे के अनुसार 332 करोड़ रुपये इसके निर्माण में लागत आने वाली है। पहले इसके निर्माण में लगभग 110 करोड़ रुपये की लागत आनी थी। पहले मेट्रो डिपो को 5.5 हैक्टेयर जमीन में बनाने की योजना थी। अब 22.86 हैक्टेयर में बनाया जाएगा।
वहीं पहले मेट्रो डिपो के अंदर छह किलोमीटर लंबा ट्रैक बनाया जाना था, जोकि अब 18 किलोमीटर तक का कर दिया गया हहै। बता दें कि मेट्रो डिपो का निर्माण सेक्टर-33 स्थित मार्बल मार्केट के समीप होना है। अभी तक मेट्रो डिपो निर्माण के लिए जमीन GML को उपलब्ध नहीं करवाई जा सकी है।
