Delhi NCR में 80 गांवों की भूमि का पर बसेगा नया शहर, 1000 करोड़ रुपये से होगा भूमि अधिग्रहण
HR Breaking News : (New City) देश को चमकाने के लिए सरकार नए-नए प्रोजेक्ट्स पर काम कर रही है। दिल्ली एनसीआर (Delhi NCR News) वासियों के लिए भी बड़ी खुशखबरी सामने आई है। आपको बता दे कि अब दिल्ली एनसीआर में 80 गांव की जमीन पर एक नया शहर बसाया जाएगा जिसे बचाने के लिए 1000 करोड रुपए से जमीन का अधिग्रहण (acquisition of land) किया जाएगा। नोएडा से सटे इस शहर को नया नोएडा नाम दिया जाएगा। इस महत्वाकांक्षी परियोजना की जिम्मेदारी नोएडा प्राधिकरण को सौंपी गई है। अधिकारियों के अनुसार, मुआवजे की दरें तय करने की प्रक्रिया अपने अंतिम चरण में पहुंच चुकी है।
जमीन का अधिग्रहण पूरा होते ही लेआउट प्लान तैयार किया जाएगा। Delhi NCR में बसाए जाने वाला ये नया शहर बुलंदशहर और दादरी क्षेत्र के 80 गांवों की ज़मीन पर विकसित किया जाएगा। बीतें साल 2024 के अक्टूबर महीनें में शासन ने इस परियोजना के लिए मास्टर प्लान-2041 को मंजूरी दी थी। कागजातों में इसे दादरी-नोएडा-गाजियाबाद इन्वेस्टमेंट रीजन (DNGIR) नाम दिया गया है।
दिल्ली एनसीआर का ये नया शहर (new city of Delhi NCR) 209.11 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला होगा। जो करीब 20,911.29 हेक्टेयर जमीन पर विकसित किया जाएगा। अधिग्रहण के लिए जिन 80 गांवों की ज़मीन चिन्हित की गई है। उन्हें पहले ही मैसेज किया जा चुका है। इस मास्टर प्लान को चार चरणों में लागू किया जाएगा।
इसका खाका दिल्ली स्थित स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर (SPA) ने तैयार किया है। ‘नया नोएडा’ पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विकास का प्रमुख इंजन बनने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा।
नोएडा प्राधिकरण की तरफ से मास्टर प्लान को मिला अंतिम रूप
सूत्रों ने बताया कि प्राधिकरण (New City In Delhi NCR) ने ‘नया नोएडा’ बसाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए मास्टर प्लान-2041 को अंतिम रूप दे दिया है। यह मास्टर प्लान प्राधिकरण की 210वीं बोर्ड बैठक में पेश किया गया था। सितंबर 2023 में इस पर सार्वजनिक आपत्तियां आमंत्रित की गई थीं।
जिसके बाद 12 जनवरी 2024 को इसे शासन को मंजूरी के लिए भेजा गया। सूत्रों के अनुसार, अब इस योजना को चार चरणों में लागू किया जाएगा। पहले चरण में साल 2027 तक 3165 हेक्टेयर भूमि का विकास किया जाएगा।
इसके बाद दूसरे चरण में 2027 से 2032 के बीच 3798 हेक्टेयर, तीसरे चरण में 2032 से 2037 तक 5908 हेक्टेयर और अंतिम चरण में 2037 से 2041 तक 8230 हेक्टेयर भूमि विकसित की जाएगी।
भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया
नए शहर के विकास के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया (land acquisition process) भी अलग-अलग मॉडल पर आधारित है। अधिकतर जमीन का अधिग्रहण धारा-4 और धारा-6 के तहत जिला प्रशासन के माध्यम से होगा। वहीं कुछ स्थानों पर किसानों से आपसी सहमति के आधार पर जमीन ली जाएगी।
नोएडा प्राधिकरण यह भी विचार कर रहा है कि नया शहर बसाने में गुरुग्राम मॉडल अपनाया जाए। जिसमें डेवलपर्स को सीधा लाइसेंस देकर भूमि अधिग्रहण की अनुमति (permission to acquire land) दी गई थी। इस मॉडल के तहत बाहरी विकास नोएडा प्राधिकरण द्वारा और आंतरिक विकास डेवलपर्स द्वारा किया जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि अभी प्राथमिकता किसानों की सहमति से ही जमीन लेने की है।
1000 करोड़ रुपये से होगा जमीन अधिग्रहण
नए नोएडा के लिए जमीन अधिग्रहण (land acquisition for new noida) और बुनियादी ढांचे के आंतरिक विकास हेतु नोएडा प्राधिकरण ने 1000 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया है। इस राशि का उपयोग जमीन अधिग्रहण के दौरान किया जाएगा। बजट को हाल ही में हुई प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में मंजूरी दी गई है।
गौरतलब है कि 29 अगस्त 2017 को शासन ने ‘दादरी-नोएडा-गाजियाबाद इन्वेस्टमेंट रीजन’ (DNGIR) के रूप में एक विशेष निवेश क्षेत्र अधिसूचित किया था। शुरुआत में इसे उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPCiDA) को सौंपा गया था, लेकिन 29 जनवरी 2021 को इसे नोएडा प्राधिकरण को स्थानांतरित कर दिया गया।
पूरे शहर को एक साथ बसाने की बजाय, इसे चार अलग-अलग ज़ोन में बांटकर चरणबद्ध तरीके से विकसित किया जाएगा।
मास्टर प्लान को दिल्ली के स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर (SPA) द्वारा तैयार किया गया है। जो शिकागो और यूरोपीय शहरों की तर्ज पर आधारित है। नया नोएडा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के औद्योगिक और शहरी विकास के लिए एक नया मील का पत्थर साबित होगा।
नोएडा प्राधिकरण के CEO का कहना...
नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) के सीईओ का कहना है कि ''नए नोएडा के लिए जमीन अधिग्रहण करने का काम अगले महीने से शुरू कर दिया जाएगा। इसे देश के सबसे अच्छे शहरों में से एक बनाएंगे।''
उन्होंने आगे बताया कि इसके प्रथम चरण में 3165 हेक्टेयर भूमि पर विकास कार्य साल 2027 तक पूरा किया जाना है। जबकि दूसरे चरण में साल 2032 तक 3798 हेक्टेयर भूमि का विकास कार्य पूरा किया जाएगा।
तीसरे चरण में साल 2037 तक 5908 हेक्टेयर भूमि के विकास के साथ चौथे और अंतिम चरण में साल 2041 तक 8230 हेक्टेयर भूमि का विकास करने का लक्ष्य रखा गया है।
