UP News : 20 हजार करोड़ की लागत से यूपी के इन जिलों में बनेंगे नए एक्सप्रेसवे
UP News : उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस-वे निर्माण में एक रिकॉर्ड स्थापित कर रहा है। हाल ही में आई एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक आपको बता दें कि यूपी के इन जिलों में 20 हजार करोड़ की लागत से नए एक्सप्रेसवे बनाएं जाएंगे... बताया जा रहा है कि इन एक्सप्रेसवे पर लगभग 20 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च होंगे-
HR Breaking News, Digital Desk- (UP News) उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस-वे निर्माण में एक रिकॉर्ड स्थापित कर रहा है। वर्तमान में, राज्य में छह एक्सप्रेस-वे चालू हैं, छह निर्माणाधीन हैं, और नौ नए एक्सप्रेस-वे प्रस्तावित हैं। इन 21 एक्सप्रेस-वे के पूरा होने पर, यात्रा करना बहुत आसान हो जाएगा, जिससे गांवों और शहरों के बीच की दूरी कम हो जाएगी। इन एक्सप्रेस-वे से न केवल यात्रा सुगम होगी, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे, जिससे राज्य के आर्थिक विकास को गति मिलेगी।
उत्तर प्रदेश ने एक्सप्रेस-वे के निर्माण में तेजी ला दी है, जिससे राज्य में कुल छह एक्सप्रेस-वे पहले से ही मौजूद हैं। इनमें से एक को छोड़कर बाकी सभी का निर्माण यूपीडा (UPEIDA) ने किया है। आगामी नौ नए एक्सप्रेस-वे में से, सात का निर्माण यूपीडा द्वारा और दो का निर्माण एनएचएआई (NHAI) द्वारा किया जाएगा। इन नौ नए एक्सप्रेस-वे के पूरा होने के बाद, उत्तर प्रदेश में एक्सप्रेस-वे की कुल लंबाई 4374 किलोमीटर तक पहुंच जाएगी। इस उपलब्धि के साथ, यूपी अन्य राज्यों से एक्सप्रेस-वे के निर्माण में बहुत आगे निकल जाएगा।
चित्रकूट से रीवा लिंक एक्सप्रेस वे, मेरठ-हरिद्वार एक्सप्रेसवे और लखनऊ लिंक एक्सप्रेसवे के अलावा गोरखपुर सिलीगुढ़ी एक्सप्रेसवे और गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे प्रमुख हैं। इन एक्सप्रेसवे पर लगभग 20 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च होंगे।
रोजगार और औद्योगिक विकास को मिलेगी रफ्तार-
यूपीडा के एसीईओ ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) द्वारा प्रदेश को हर जिले के साथ देश के हर हिस्से से जोड़ने की मंशा के तहत यूपी में एक्सप्रेसवे का निर्माण और तेज किया जा रहा है। नौ नए एक्सप्रेसवे इसी प्रक्रिया के तहत बनाने की तैयारी है। इनसे औद्योगिक विकास को तीव्र गति मिलेगी।
इन एक्सप्रेस वे पर शुरू है संचालन-
नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे, जिसकी लंबाई 24.53 किलोमीटर है। यमुना एक्सप्रेस-वे, 165 किमी., आगरा लखनऊ एक्सप्रेस-वे, 302 किलोमीटर, पूर्वांचल एक्सप्रेस वे, 341 किमी. यह यूपी का अभी तक संचालित होने वाला सबसे बड़ा एक्सप्रेस वे है। बुन्देलखण्ड एक्सप्रेसवे, 296 किमी. मेरठ - दिल्ली एक्सप्रेसवे (Delhi Expressway) की लंबाई 96 किमी है।
यह हैं यूपी के निर्माणाधीन एक्सप्रेस वे-
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे-91 किमी, गंगा एक्सप्रेसवे- 594 किमी, चित्रकूट लिंक एक्सप्रेसवे- 15.20 किमी, दिल्ली-सहारनपुर एक्सप्रेसवे- 210 किमी, बलिया लिंक एक्सप्रेसवे- 114 किमी, लखनऊ कानपुर एक्सप्रेसवे-63 किमी, गंगा एक्सप्रेस वे यूपी का सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे बनेगा।
यह हैं यूपी के प्रस्तावित एक्सप्रेसवे-
लखनऊ लिंक एक्सप्रेसवे- 49.96 किमी, यह आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे से पूर्वांचल एक्सप्रेसवे तक बनेगा। फर्रुखाबाद - लिंक एक्सप्रेसवे 90.84 किमी गंगा एक्सप्रेसवे से आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे तक, जेवर लिंक एक्सप्रेसवे (jewar link expressway) - 74.30 किमी, यमुना एक्स से गंगा एक्स वाया बुलन्दशहर, झांसी लिंक एक्सप्रेसवे- 118.90 किमी, विन्ध्य एक्सप्रेसवे - 320 किमी, मेरठ - हरिद्वार लिंक एक्सप्रेसवे-120 किमी, चित्रकूट से रीवा लिंक एक्सप्रेसवे -70 किमी, गोरखपुर - सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे- 519 किमी, गोरखपुर - शामली एक्सप्रेसवे- 700 किमी है।
औद्योगिक विकास में एक्सप्रेसवे का योगदान-
उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPEIDA) द्वारा राज्य में छह प्रमुख एक्सप्रेसवे के किनारे औद्योगिक गलियारों का विकास किया जा रहा है। इन परियोजनाओं के लिए 5,500 हेक्टेयर से अधिक भूमि का अधिग्रहण किया गया है, जिसमें गंगा, बुंदेलखंड, आगरा-लखनऊ, पूर्वांचल और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे (Gorakhpur Link Expressway) शामिल हैं।
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे (Bundelkhand Expressway) के किनारे औद्योगिक कॉरिडोर (Industrial corridor) विकसित किए जा रहे हैं, जिसके तहत अब तक 42 करोड़ रुपये की भूमि किसानों से खरीदी जा चुकी है। इस पहल का उद्देश्य पिछड़े गांवों में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देना और वहां की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाना है ।
8 सालों में बढ़े 347 प्रतिशत रोजगार-
राज्य सरकार की नीतियों के चलते पिछले आठ वर्षों में उत्तर प्रदेश में रोजगार के अवसरों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPSIDC) के प्रयासों से 2017-18 में 11,570 लोगों को रोजगार मिला था, जो 2024-25 में बढ़कर 51,761 तक पहुंच गया है, जो लगभग 347% की वृद्धि है।
इसके अतिरिक्त, चित्रकूट धाम मंडल में 3,600 खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना की योजना के तहत स्थानीय युवाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान किए जा रहे हैं। इस पहल के अंतर्गत अब तक 500 युवाओं को रोजगार प्राप्त हो चुका है।
रक्षा और तकनीकी उद्योग में विस्तार-
उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारा (UPDIC) परियोजना, उत्तर प्रदेश को रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। यह परियोजना छह नोड्स में फैली हुई है: लखनऊ, कानपुर, झांसी, आगरा, अलीगढ़ और चित्रकूट। इस परियोजना ने 96% भूमि अधिग्रहण पूरा करके एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल किया है। इससे रक्षा विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा, जिससे निवेश आकर्षित होगा और हजारों लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
इसके अलावा, नोएडा के पास यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) क्षेत्र में HCL और Foxconn द्वारा एक सेमीकंडक्टर निर्माण इकाई स्थापित की जा रही है, जो प्रति माह 3.6 करोड़ डिस्प्ले ड्राइवर चिप्स का उत्पादन करेगी और लगभग 2,000 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार प्रदान करेगी।
