NHAI Rule 2025 : टोल प्लाजा पर इतनी लंबी लाइन होने पर नहीं देना पड़ेगा टोल टैक्स, जानिए NHAI की गाइडलाइन
NHAI Rule 2025 : वाहन चालकों के लिए जरूरी खबर. दरअसल एनएचएआई (NHAI) की ओर से जारी एक गाइडलाइन के मुताबिक आपको बता दें कि टोल प्लाजा (toll plaza) पर इतनी लंबी लाइन होने पर अब टोल टैक्स नहीं देना होगा... इस अपडेट से जुड़ी पूरी डिटेल जानने के लिए खबर को पूरा पढ़ लें-

HR Breaking News, Digital Desk- (NHAI Rule 2025) देश में हाईवे (highway) और एक्सप्रेसवे (expressway) का जाल बिछ रहा है, और इनके साथ टोल टैक्स में भी बढ़ोतरी हो रही है. अक्सर लोग टोल टैक्स दिए बिना टोल बूथ पार करना चाहते हैं. यह संभव है! NHAI के एक पुराने ट्वीट के मुताबिक, यदि किसी टोल बूथ पर गाड़ियों की कतार 100 मीटर से अधिक लंबी हो जाती है, तो वाहनों को बिना भुगतान के वहां से निकाला जाएगा ताकि जाम कम हो सके.
एनएचएआई (NHAI) ने 2021 में ट्वीट किया था कि टोल प्लाजा पर भुगतान के लिए अधिकतम 10 सेकंड का समय निर्धारित है. भीड़भाड़ वाले समय (पीक आवर्स) में भी टोल पर गाड़ियों की कतार 100 मीटर से लंबी नहीं होनी चाहिए. इसके लिए हर टोल लेन में बूथ से 100 मीटर दूर एक पीली पट्टी बनाई गई है. यदि गाड़ियों की लाइन इस पीली पट्टी को पार कर जाती है, तो टोल फ्री कर दिया जाएगा. लाइन के 100 मीटर के अंदर आते ही टोल टैक्स की वसूली फिर से शुरू हो जाएगी.
क्या है 60 किलोमीटर रूल-
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (Ministry of Road Transport and Highways) के अनुसार, फी रूल 2008 यह निर्धारित करता है कि किसी भी राजमार्ग पर दो टोल प्लाजा के बीच की दूरी 60 किलोमीटर होनी चाहिए। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Union Minister Nitin Gadkari) ने भी इस बात की पुष्टि की है और उनका लक्ष्य है कि 60 किलोमीटर के भीतर केवल एक ही टोल प्लाजा (toll plaza) रहे। वर्तमान में, यह अंतर कम हो सकता है। मंत्रालय ने इसका कारण जगह की कमी, यातायात और भीड़भाड़ बताया है, जिससे कुछ विशेष परिस्थितियों में 60 किलोमीटर के दायरे में दो टोल प्लाजा (toll plaza) स्थापित करने पड़ सकते हैं।
टोल टैक्स और रोड टैक्स में अंतर-
रोड टैक्स और टोल टैक्स (toll tax) में मुख्य अंतर है कि रोड टैक्स (road tax) वाहन चालक द्वारा आरटीओ को राज्य की सभी सड़कों के उपयोग के लिए दिया जाता है. वहीं, टोल टैक्स किसी खास सड़क (जैसे हाईवे या एक्सप्रेसवे) पर वसूला जाता है, जिसका भुगतान उस सड़क का निर्माण करने वाली कंपनी या NHAI को किया जाता है, न कि किसी राज्य सरकार को.