NPS vs OPS : रिटायर्ड कर्मचारियों के लिए गुड न्यूज, एनपीएस को लेकर नई गाइडलाइन जारी
NPS New Rules : अगर आप भी रिटायर्ड कर्मचारी हैं तो ये खबर आपके काफी काम की हो सकती है। देशभर के कर्मचारियों के लिए हाल ही में सरकार ने एक बड़ा अपडेट जारी किया है। सरकार ने एनपीएस (new rule of NPS) को लेकर एक नई गाइडलाइन को जारी किया है। इसकी वजह से जो भी रिटायर्ड कर्मचारी एनपीएस स्कीम के तहत पेंशन का लाभ ले रहे हैं उनको इसकी वजह से काफी लाभ होगा।

HR Breaking News - (latest update on pension)। रिटायर्ड कर्मचारियों की पेंशन का कार्य सेंट्रल पेंशन अकाउंटिंग ऑफिस (CPAO) द्वारा संभाला जाता है। हाल ही में सेंट्रल पेंशन अकाउंटिंग ऑफिस (CPAO kya h) ने रिटायर्ड कर्मचारियों के लिए एक नई गाइडलाइन को जारी किया है। ये अपडेट नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) से संबंध रखता है। सरकार ने एनपीएस के नियमों में बदलाव कर दिया है। इसकी वजह से करोड़ों पेंशनर्स को राहत मिली है। आइए विस्तार से जानते हैं इस अपडेट के बारे में।
अधिकारियों के लिए सीपीएओ ने जारी किये निर्देश-
सीपीएओ के अधिकारियों ने हाल ही में राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS news) के पेंशन मामलों को पुराने पेंशन योजना (OPS update) की तरह ही निपटाने की कोशिश की है। सरकार ने ठीक ऐसा ही कदम 18 दिसंबर 2023 को पहले कहा गया था। हालांकि पहले ही इस बारे में निर्देशों को जारी किया जा चुका था। हालांकि CPAO (Central Pension Accounting Office) ने पाया है कि कुछ कार्यालय अभी भी पेंशन मामलों को गलत तरीके से निपटाने की कोशिश की जा रही है। खासतौर पर जहां दो PPO (Preferred provider organization) पुस्तिकाओं की जरूरत होती है वहां कुछ कार्यालय पुराने तरीके से तीन प्रतियों के साथ अस्थायी PPO को जमा कराने की कोशिश करते हैं।
इन लोगों को दिये आदेश-
केंद्र सरकार (central govt. latest update) ने पेंशन के वितरण को सुचारू और तेज बनाने के लिए, सीपीएओ द्वारा सभी संबंधित अधिकारियों, प्रिंसिपल सीसीए, सीसीए (CCA), एजी और अधिकृत बैंक सीपीपीसी से निर्धारित दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करने के लिए निर्देशों (latest guideline related to pension) को जारी किया है। सरकार के इन कदमों का उद्देश्य इस बात को सुनिश्चित करना है कि एनपीएस सेवानिवृत्त लोगों को समय पर और बिना किसी बाधा के ही उनकी पेंशन दी जा सके।
जानिये क्या है NPS और OPS में फर्क-
सरकारी कर्मचारियों के लिए OPS और NPS (Diffrence between OPS and NPS) के बीच का अंतर हमेशा चर्चा का विषय बनी हुई है। जनवरी 2004 में केंद्र सरकार ने OPS को बंद कर दिया था और इसकी जगह NPS पेंशन प्रणाली को भी शुरू किया गया था। हालांकि, कई राज्यों ने बाद में ट्रेड यूनियनों (Trade unions) और कर्मचारी प्रतिनिधि निकायों द्वारा नई पेंशन योजना के खिलाफ आंदोलन और विरोध प्रदर्शन को करना भी शुरू कर दिया। अब तक, जब एकीकृत पेंशन योजना (Integrated Pension Scheme) की घोषणा की गई है और इसे इस साल 1 अप्रैल से लागू किया जाना है, तो कई कर्मचारी संघ केंद्र से OPS को फिर से लागू करने की मांग कर रहे हैं।
ओपीएस में दी जाती है निश्चित मासिक वेतन-
ओपीएस स्कीम के तहत कर्मचारियों को रिटायरमेंट (retirement rules) के बाद एक निश्चित मासिक पेंशन दी जाती थी, जो कर्मचारियों की अंतिम वेतन का ही एक निश्चित हिस्सा होती थी। इसमें सरकार द्वारा पेंशन की भी पूरी गारंटी दी जाती थी। इसकी वजह से रिटायरमेंट (retirement age) के बाद वित्तीय सुरक्षा भी उपलब्ध कराई जाती थी।
एनपीएस में इस हिसाब से मिलती हैं पेंशन-
अगर एनपीएस के बारे में बात करें तो ये एक अंशदान आधारित (Defined Contribution scheme) योजना है, इस योजना में कर्मचारी और नियोक्ता दोनों को ही एक निश्चित राशि निवेश करनी होती है। इसके बाद पेंशन की राशि पूरी तरह से बाजार में निवेश (NPS me pension kese taye hoti h) के प्रदर्शन पर भी निर्भर करती है। अगर रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली राशि को तय नहीं किया जाता है तो इसकी वजह से कई रिटायर्ड कर्मचारी इसे लेकर असमंजस में रहते हैं।
सीपीएओ ने जारी किये दिशा निर्देश-
सीपीएओ (CPAO latest guidelines) ने नए दिशा-निर्देश को जारी करके एनपीएस पेंशन प्रक्रिया को और भी ज्यादा आसान बनाने की कोशिश की है। लंबे समय से पेंशन (pension rules in india) स्वीकृति में देरी से सेवानिवृत्त कर्मचारियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। इसकी वजह से उन्हें वित्तीय अनिश्चितता (Financial uncertainty) का भी सामना करना पड़ रहा था।
पेंशन वितरण में भी आएगा सुधार-
सीपीएओ के नए नियमों के मुताबिक अब एनपीएस (NPS ke faide) के तहत सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों की पेंशन प्रक्रिया को ओपीएस की प्रक्रिया के समान बनाया जाता है। इसकी वजह से न सिर्फ पेंशन वितरण (Pension distribution) में तेजी देखने को मिलेगी बल्कि इसमें पारदर्शिता भी आएगी और इस बात को भी सुनिश्चित किया जाएगा कि एनपीएस (NPS kya h) लाभार्थियों को समय पर और बिना किसी परेशानी के उनकी पेंशन मिले।