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Property Documents : रजिस्ट्री के लिए जरूरी हैं सबसे ये 5 डॉक्यूमेंट, प्रोपर्टी खरीदने से पहले जरूर जान लें

Property Knowledge : आज के समय में बढ़ रहे प्रॉपर्टी के रेटों की वजह से लोगों के लिए प्रॉपर्टी खरीदना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में  अगर आप प्रॉपर्टी (property registration) के खरीदते समय कुछ जरूरी बातों का ध्यान नहीं देते हैं  तो इसकी वजह से आपको मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में प्रॉपर्टी खरीदने से पहले आपको पांच जरूरी डॉक्यूमेंट की जरूर से  जांच कर लेनी चाहिए। आइए विस्तार से जानते हैं इस बारे में पूरी डिटेल। 

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Property Documents :  रजिस्ट्री के लिए जरूरी हैं सबसे ये 5 डॉक्यूमेंट, प्रोपर्टी खरीदने से पहले जरूर जान लें

HR Breaking News-(Property Rules)। प्रॉपर्टी के रेटों में पिछले कुछ दिनों से उछाल देखने को मिल रहा है। ऐसे में बढ़ रहे प्रॉपर्टी के रेटों की वजह से लोगों को प्रॉपर्टी खरीदने के लिए पाई-पाई जोड़नी पड़ जाती है। ऐसे में अगर कोई व्यक्ति प्रॉपर्टी (Ownership of the property) को खरीदते समय कुछ जरूरी बातों का ध्यान नहीं देता हैं तो इसकी वजह से आपको लाखों का नुकसान हो सकता है और खरीदी हुई प्रॉपर्टी भी आपके हाथ से जा सकती है। प्रॉपर्टी की खरीदी करने से पहले आपको कुछ दस्तावेजों की जांच करनी चाहिए ताकि आपको परेशानी न हो। 

प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इन बातों का दें ध्यान-


किसी भी प्रॉपर्टी की डीड दो तरीके से बनाई जाती है। पहला हम सीधे किसी डीड (property rights) राइटर या एडवोकेट से मिलकर अपने ट्रांजैक्शन के बारे में बताते हैं और डीड तैयार करवा कर रजिस्ट्री को करवाते हैं। वहीं दूसरा हम किसी प्रॉपर्टी डीलर के जरिए सारे काम को पूरा करवाते हैं, जिसमें डीड (sale deed rules) बनवाने का काम भी प्रॉपर्टी डीलर से ही कराया जाता है। दोनों में से कोई भी परिस्थिति हो, लेकिन ध्यान रखें कि डीड प्रॉपर्टी रजिस्टर कराने से चार-पांच दिन पहले ही तैयार करवा लें।

डीड बनवाते वक्त रखें इन बातों का ध्यान-


कई बार ऐसा भी होता है कि डीड राइटर (Deed Writer koan hota h) सिर्फ नाम-पता जैसी चीजें बदल कर पिछली रजिस्ट्री को ही कॉपी पेस्ट कर देते हैं और रजिस्ट्री को तैयार कर देते हैं। अगर रजिस्ट्री में कोई डिटेल को गलत दर्ज कर दिया जाता है तो भविष्य में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। बेहतर है डीड (Property Deed kya hoti h) 4-5 दिन पहले तैयार करवा लें और एक-एक चीज जांच कर लें।


डीड में प्रॉपर्टी की डिटेल (property detail verification) को भी बारीकी से जांच करें। चेक करें की प्रॉपर्टी का दाखिल-खारिज उस शख्स के नाम है जो आपको प्रॉपर्टी बेच रहा है। दूसरा- जो मेजरमेंट और चौहद्दी अंकित है वह भी सही होना काफी ज्यादा जरूरी है। अगर आपको डीड (sale deed rules) की कोई बात समझ नहीं आ रही है तो किसी एडवोकेट की मदद ले सकते हैं।


डीड पर लगने वाली स्टांप ड्यूटी (Stamp Duty) का कैलकुलेशन भी कुछ दिन पहले ध्यान से कर लेना चाहिए। टाइटल डीड को बनवाते वक्त हमें हमेशा ध्यान देना चाहिए कि भले ही स्टांप ड्यूटी थोड़ा ज्यादा लग जाए लेकिन डॉक्यूमेंटेशन प्रॉपर होना काफी ज्यादा जरूरी है। कई बार, लोग डीड (Deed ki verification kese karaye) में गलत फैक्ट लिखकर स्टांप ड्यूटी बचाने का प्रयास करते हैं लेकिन इसकी रिकवरी भी निकाली जा सकती है। इसलिए ये बेहतर है कि पहली बार में ही सही जानकारी दे दी जाएं। 

सबसे जरूरी बात यह है कि जिस प्रॉपर्टी (property registry rules) की आप रजिस्ट्री कराने के लिए जा रहे हैं उसके टाइटल की जांच करना काफी ज्यादा जरूरी है। इसके लिए कभी भी प्रॉपर्टीवाले दिन का इंतजार नहीं करना चाहिए। जिस डीलर या सेलर के जरिए आप डील कर रहे हैं उससे प्रॉपर्टी के सारे टाइटल (property titles) के पेपर की कॉपी को भी मांग लेना चाहिए। इसके अलावा उन पेपर्स को भी काफी ध्यान से देखना चाहिए कि टाइटल चेन पूरी है या नहीं।

डीलर या सेलर (property dealer rights) से आपको इस बात को भी पूछना चाहिए कि क्या उसके पास सारे डॉक्यूमेंट की ओरिजिनल कॉपी उपलब्ध है या नहीं। अगर नहीं है तो उसका क्या रीजन है और क्या पुलिस में कोई गुमशुदगी दर्ज कराई है। अगर आपको पेपर्स (papers of property) में जरा सा भी शंका लगे तो आपको तुरंत एडवोकेट से संपर्क करें।

बायर और सेलर दोनों के साइन की करें जांच-


रजिस्ट्री से पहले आपको इस बात बात की जांच करनी चाहिए कि आप जिस प्रॉपर्टी (property registry rules in india) को खरीद रहे हैं उस पर क्या वास्तव में सेलर का पजेशन है या नहीं। कई बार ऐसी स्थिति होती है कि आपने प्रॉपर्टी खरीदी और जब पजेशन लेने गए तो वहां किसी और का कब्जा (property procession rules) भी दिया जाता है। 100 रुपये के स्टांप पेपर पर पजेशन लेटर भी तैयार करवा लेंगे तो बेहतर होगा। इस पर बायर और सेलर दोनों के साइन होने काफी ज्यादा जरूरी है। पजेशन लेते समय वीडियो बना लेंगे तो और अच्छा रहेगा।

रजिस्ट्री वाले दिन इस काम को करना है जरूरी-


(A) प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री के समय आपको सेलर से सभी ओरिजिनल पेपर (property documents) से ही लेने है। प्रॉपर्टी पेपर सुपुर्द करते समय 100 रुपये का स्टांप पेपर बनवा लेना एक बेहतरीन विक्लप होता है। 

(B) आपको इस बात को भी चेक करना चाहिए कि आप जिस प्रॉपर्टी की खरीदी कर रहे हैं उस पर किसी तरह का कोई लोन या किसी विभाग का कोई बकाया तो नहीं है। जैसे हाउस टैक्स, (House Tax kya hota h) बिजली, पानी, टेलीफोन ब्रॉडबैंड जैसे बिल आदी। रजिस्ट्री के समय आपको इनके ताजा बिल की कॉपी को भी जरूर से ले लेना चाहिए।

(C) जब आप किसी प्रॉपर्टी रजिस्टर करवाते हैं तो उसमें कम से कम 2 विटनेस यानी गवाह की जरूरत  रहने वाली है। इन विटनेस के साइन भी डॉक्यूमेंट (property documents) पर ही होते हैं और सब रजिस्ट्रार ऑफिस में उनके बायोमेट्रिक को भी दर्ज करना होता है।  तमाम लोग विटनेस वाले विषय को गंभीरता से नहीं लेते हैं। कई बार तो प्रॉपर्टी डीलर या डीड राइटर को ही विटनेस बना साइन करवा देते हैं। अगर भविष्य में कभी भी जरूरत पड़ जाती है तो ऐसे विटनेस (property witness) आपके काम नहीं आएंगे। इस वजह से आपको हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि विटनेस के रूप में ऐसे शख्स को रखें जो जरूरत पड़ने पर कोर्ट में गवाही को दे सकते हैं। 

(D) यहां ध्यान रखने वाली बात यह है कि अपने किसी करीबी रिश्तेदार को विटनेस नहीं बनाना चाहिए क्योंकि कभी मामला कोर्ट में गया तो कोर्ट ऐसे विटनेस को हितवाद मानता है।