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property possession : थर थर कांपेगा आपकी प्रोपर्टी पर कब्जा करने वाला, बस उठाना होगा ये कदम

property possession : प्रॉपर्टी की बढ़ती कीमतों के साथ-साथ प्रॉपर्टी पर कब्जे के मामले भी लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं। अगर आपकी प्रॉपर्टी पर भी किसी ने कब्जा कर लिया है तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं उसे रास्ते के बारे में जिसे अपनाने के बाद थर - थर कांपेगा आपकी प्रॉपर्टी पर कब्जा करने वाला।
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property possession : थर थर कांपेगा आपकी प्रोपर्टी पर कब्जा करने वाला, बस उठाना होगा ये कदम

HR Breaking News : (property possession) बीतें कई दिनों से प्रोपर्टी की कीमतें हर रोज बढ़ती ही जा रही है। लेकिन फिर भी लोग इसकी खरीद और बिक्री पर काफी जोर दे रहे है। इसी बीच प्रोपर्टी पर कब्जें के मामलें भी हर रोज बढ़ते ही जा रहे है। आजकल जमीन पर अवैध कब्जा किया जाना आम बात हो गई है। 


लेकिन अब सारें रिकॉर्ड पूरी ऑनलाइन होने के चलते कई राज्यों में यह समस्या समाप्त हो गई है। फिर भी आए दिन हमें कहीं न कहीं से अवैध कब्जे (property possession rule) को लेकर झगड़े सुनने में मिल ही जाते हैं। प्रॉपर्टी पर यदि कोई अवैध कब्जा कर भी लेता है तो उससे झगड़ा करने का कोई मतलब नहीं है। 


आप चाहें तो बहुत आसान तरीके से कब्जा छुड़वा सकते हैं। इस मामले में सरकारी तंत्र खुद मदद करता है, लेकिन बेहद कम लोगो को ही इसकी जानकारी होती है। यदि आप इसे जान लेंगे तो आप खुद कभी ऐसी मुसीबत में नहीं फंसेंगे और दूसरों को भी इस तरह के झमेले से बचा लेंगे।


जानकारी के लिए आपको बता दें कि पीड़ित के पास आपराधिक और सिविल दोनों ही तरह के मुकदमे दर्ज करने का विकल्प होता है। हो सकता है कि कानूनी प्रक्रिया (legal process) कुछ लंबी हो, लेकिन हिंसा से तो देर भली है। आज हम आपको प्रॉपर्टी पर अवैध कब्जे (illegal occupation of property) को हटवाने के लिए इस्तेमाल में लाए जाने वाले कुछ कानूनों के बारे में बता रहे हैं। इसमें शुरुआत की 3 धाराएं आपराधिक कानून हैं, जबकि अंतिम धारा सिविल कानून के तहत आती है।


IPC की धारा 420


यह काफी चर्चित धारा है। इसका इस्तेमाल मुख्य रूप से धोखाधड़ी (property news) के अनेक मामलों किया जाता है। अगर किसी व्यक्ति को बल प्रयोग कर उसकी संपत्ति से हटाया गया है, तो ये कानून इस्तेमाल में लाया जा सकता है। किसी भी पीड़ित को सबसे पहले इसे इस्तेमाल में लाना चाहिए।


आईपीसी की धारा 406


इस कानून का इस्तेमाल (indian law) उस वक्त किया जाता है जब कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति का विश्वास पात्र बनकर उसकी प्रॉपर्टी में सेंध लगाता है। इसे भी संगीन अपराध की श्रेणी में रखा गया है। पीड़ित व्यक्ति इस धारा के तहत अपने नजदीकी पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करा सकता है।


धारा 467


अगर किसी संपत्ति को फर्जी तरीके से तैयार दस्तावेजों (property documents) के माध्यम से हथियाया जाता है तब यह कानून लागू होता है। इसे कूटरचना कानून के तौर पर भी जाना जाता है। इसमें कूटनीति के तहत फर्जी दस्तावेज बनाकर किसी की संपत्ति हथियाने के मामले का निपटान किया जाता है।


स्पेसिफिक रिलीफ एक्ट


ये एक सिविल कानून है। इसका इस्तेमाल खास परिस्थिति में होता है। इसमें किसी तरह की धोखाधड़ी नहीं होती, ना ही कोई फर्जी दस्तावेज बनाए (Specific Relief Act) जाते हैं। आरोपी व्यक्ति बस मनमर्जी से पीड़ित की संपत्ति पर जबरन कब्जा(forcible possession of property) कर लेता है। 


इसकी धारा 6 के तहत पीड़ित को जल्दी व आसान न्याय देने का प्रयास होता है। हालांकि, इस कानून में एक पेंच ये है कि कब्जे के 6 महीने के अंदर ही इस कानून के तहत मुकदमा दर्ज हो जाना चाहिए। दूसरा पेंच यह कि इसके तहत सरकार के खिलाफ मुकदमा नहीं कर सकते।


इनमें से जो भी रास्ता आपको सही लगे आप उसका इस्तेमाल कर सकते हैं। यदि आप गलत नहीं हैं तो आप इन रास्तों को अपनाकर अपनी प्रोपर्टी पर हुए जबरन कब्जें को छुटवा सकते है। अन्यथा इस तरह के मामलें में आप किसी अच्छे वकील की भी सहायता ले सकते है जोकि आपके लिए और भी सही रहेगा।