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Property Registration Act : अब बदल जाएंगे प्रोपर्टी खरीद बिक्री के 100 साल पुराने नियम, केंद्र सरकार करने जा रही ये बदलाव

Property Registration rules : देश के हर राज्य में प्रॉपर्टी खरीदने और बेचने को लेकर अलग अलग नियम होते हैं। उन नियमों के आधार पर ही राज्य में प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त होती है। सरकार समय समय प्रॉपर्टी से जुड़े कानून में संशोधन करती रहती है। हाल ही में सरकार ने यूपी में 117 साल पूराने प्रॉपर्टी नियम में बदलाव किया है। चलिए जानते हैं इससे प्रदेशवासियों को क्या फायदा मिलेगा। 

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Property Registration Act : अब बदल जाएंगे प्रोपर्टी खरीद बिक्री के 100 साल पुराने नियम, केंद्र सरकार करने जा रही ये बदलाव

HR Breaking News - (Property Registration rules 2025)। इस बात में कोई दौराय नहीं है कि प्रॉपर्टी की खरीद फरोख्त को लेकर भारत के हर राज्य के नियम अलग अलग हैं। हर राज्य के अपने कानून और नियम होते हैं जो प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया, शुल्क और जरूरी डॉक्यूमेंट को निर्धारित करते हैं।

 


 बता दें कि संपत्ति रजिस्ट्रेशन (Property Registration Update) उस प्रॉपर्टी पर मालिकाना हक को साबित करती है। प्रॉपर्टी का रजिस्ट्रेशन कानूनी रूप से मान्य है। अगर आप यूपी में घर, प्लॉट या जमीन खरीदने की योजना बना रहे हैं तो आपको प्रॉपर्टी से जुड़े नियमों के बारे में जान लेना चाहिए। क्योंकि हाल ही में सरकार ने यूपी में प्रॉपर्टी से संबंधित कानूनों में संशोधन कर दिया है। 


केंद्र सरकार ने प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन से जुड़े दस्तावेजों के डिजिटल संरक्षण को सुनिश्चित करने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य करने का एक प्लान तैयार किया है। सरकार द्वारा प्रॉपर्टी से जुड़े रजिस्ट्रेशन अधिनियम (Registration Act) में 117 साल बाद संशोधन किया गया है। ग्रामीण विकास मंत्रालय के अंतर्गत भूमि संसाधन विभाग ने इस मसौदे को जनता की राय के लिए जारी किया है।

 

मौजूदा समय में प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन अधिनियम (Property Registration Act) देशभर में लागू है। बता दें कि राज्य सरकार संपत्ति रजिस्ट्रेशन में बदलाव कर सकती हैं। लेकिन इसके लिए उन्हें केंद्र सरकार ने सलाह लेनी होगी। कई राज्यों ने पहले ही प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन कानून में बदलाव करते हुए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन (Online Registration) की मंजूरी दी है। 


केंद्र सरकार इसको ध्यान में रखते हुए एक विस्तृत कानून लेकर आएगी। जो पूरे देश में समान रूप से लागू होगा। मसौदा विधेयक के तहत अब एग्रीमेंट टू सेल (Agreement to Sell), पावर ऑफ अटॉर्नी, सेल सर्टिफिकेट और इक्विटेबल मॉर्गेज जैसे दस्तावेजों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया जाएगा।

इस तरह से होगा प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन का वेरिफिकेशन -

सरकार ने आधार कार्ड से प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन का वेरिफिकेशन (Property Registration Verification) करेगी। जिसमें नागरिकों की सहमति आवश्यक होगी। जो लोग आधार नंबर साझा नहीं करना चाहते उनके लिए वैकल्पिक सत्यापन की व्यवस्था भी की जाएगी। सरकार ने यह नया सिस्टम इसलिए बनाया है ताकि बड़े सकेल पर हो रहे धोखाधड़ी और फर्जीवाड़ा को कम किया जा सके। 


इसके साथ ही, सरकार इलेक्ट्रॉनिक रजिस्ट्रेशन प्रमाणपत्र (Electronic Registration Certificate) और रिकॉर्ड के डिजिटल रख रखाव की भी मंजूरी देने की तैयारी में है। अब दस्तावेजों की ई-प्रस्तुति और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया ऑनलाइन माध्यम से हो सकेगी। 

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