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property will : दादा और पिता ने नहीं की वसीयत तो कैसे होगा प्रोपर्टी का बंटवारा, यहां जानिये पूरी बात

property will : प्रॉपर्टी को लेकर अक्सर विवाद होता ही है। संपत्ति को लेकर झगड़ा तकरीबन हर तीसरे परिवार में देखने को मिलता है। किसी-किसी जगह यह बगैर कानून के हस्तक्षेप के हल हो जाता है तो कहीं बात कोर्ट कचहरी तक पहुंच जाती है। अगर दादा के केवल दो बेटे थे तो पिता और दादा के गुजरने के बाद चाचा अपनी मर्जी से प्रॉपर्टी को नहीं बेच सकते हैं। जानिये पूरी बात...
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HR Breaking News, Digital Desk - रोहन के पिता और दादा बिना वसीयत के दुनिया से चल बसे। उनके चाचा ने दादा की प्रॉपर्टी बेच दी। जबकि उनका भाई और मां एक घर में रहते हैं जो उनके दादा के नाम है। क्‍या इस प्रॉपर्टी में रोहन हिस्‍सा ले सकते हैं?


मान लेते हैं कि अगर रोहन के दादा के केवल दो बेटे थे तो पिता और दादा के गुजरने के बाद चाचा अपनी मर्जी से प्रॉपर्टी को नहीं बेच सकते हैं। कारण है कि उनका इसमें केवल 50 फीसदी हिस्‍सा है। बाकी के 50 फीसदी हिस्‍से पर रोहन के पिता के वारिसों का कानूनी अधिकार है।


इस तरह रोहन का अपने पिता की 50 फीसदी हिस्‍सेदारी में एक-तिहाई हिस्‍सा बनता है। पिता की प्रॉपर्टी में बाकी का एक-एक तिहाई हिस्‍सा उनकी मां और भाई का बनता है। रोहन, उनका भाई और मां मिलकर उस बिक्री को चुनौती दे सकते हैं जो उनके चाचा ने की है।


पवनेश के पिता की खुद की खरीदी एक प्रॉपर्टी है। इसे वह पवनेश और उनके भाई में बराबर-बराबर बांटना चाहते हैं। हालांकि, उनका भाई पवनेश को बाहर निकालने के लिए पिता को ब्‍लैकमेल कर रहा है। चूंकि पिता पर कुछ लोन बकाया है। इसलिए वह लाचार हैं। वह पिता को कैसे यह कदम उठाने से रोक सकते हैं?


चूंकि यह प्रॉपर्टी पवनेश के पिता की है। इसलिए वह इसे किसी को भी देने के लिए आजाद हैं। पवनेश के पिता उनके भाई को केवल तीन तरीकों से पूरी तरह प्रॉपर्टी दे सकते हैं। इनमें गिफ्ट डीड, वसीयत और प्रॉपर्टी की बिक्री शामिल है।


हालांकि, अगर पिता की मर्जी के बगैर गिफ्ट डीड के जरिये प्रॉपटी ट्रांसफर (Property transfer through gift deed) की जाती है तो इसे कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है। कोर्ट में पवनेश को साबित करना होगा कि उनके भी पिता के साथ अच्‍छे संबंध हैं और उनकी अच्‍छी तरह से देखरेख कर रहे हैं। अगर कोर्ट को लगा कि पिता ने दबाव में आकर प्रॉपर्टी ट्रांसफर की है तो इसे खारिज किया जा सकता है।


रूपेश के ससुर को उनकी मां से एक प्‍लॉट विरासत में मिला था। उन्‍होंने इस पर एक घर बनवा लिया। अब भूमि और घर की कीमत मिलाकर करीब 80 लाख रुपये हो गई है। ससुर के दो बेटियां और एक बेटा है। ये सभी शादीशुदा हैं। उनकी सास दुनिया में नहीं हैं। उनके ससुर घर को अपने बेटे को देना चाहते हैं। 10-10 लाख रुपये अपनी दो बेटियों को देने की इच्‍छा है। क्‍या रूपेश के ससुर घर को केवल अपने बेटे को दे सकते हैं? क्‍या बेटियां इस प्रॉपर्टी में बराबर का हिस्‍सा नहीं मांग सकती हैं?


जो प्रॉपर्टी उनके ससुर को मिली है, उसे सेल्‍फ एक्‍वायर्ड माना जाएगा। अपने जीते जी वह जिसे चाहें उसे यह प्रॉपर्टी दे सकते हैं। अगर जीवित रहते हुए वह यह काम नहीं करते हैं तो हिंदू उत्‍तराधिकार कानून (hindu succession law)के तहत उनकी दोनों बेटियां प्रॉपर्टी में भाई के साथ बराबर-बराबर हिस्‍सा मांग सकती हैं।