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Railway Facts : 150 साल पुराने इस रेलवे रूट पर दौड़ती है रेल बस

भारत में रेलवे का अपना इतिहास है। यहां ट्रेन का सफर हर किसी के लिए यादगार होता है। मथुरा में भी एक ऐसी ट्रेन चलती है जिसका सफर एक बार हर कोई करना चाहता है। आइए जानते है इसके बारे में विस्तार से.
 
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Railway Facts : 150 साल पुराने इस रेलवे रूट पर दौड़ती है रेल बस

HR Breaking News (ब्यूरो):  मथुरा वृंदावन के 12 किलोमीटर के मीटर गेज ट्रैक पर दौड़ने वाली रेल बस का लोगों के बीच हमेशा क्रेज रहा है। मथुरा वृंदावन के बीच 24 वर्षों से दौड़ रही रेल बस अब रिटायर होने जा रही है क्योंकि अब इसकी जगह आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित बनी नई रेल बस लेने वाली है।


1998 में पहली बार दौड़ी थी रेल बस


मथुरा वृंदावन के बीच रेल ट्रैक करीब डेढ़ सौ वर्ष पुराना है। यहां मीटर गेज पर पहले भाप की ट्रेन उसके बाद डीजल से चलने वाली 6 डिब्बे की ट्रेन चलती थी। लेकिन इस ट्रैक पर 1998 में 6 डिब्बों की ट्रेन को हटा दिया गया इसके साथ ही हट गया वह डीजल इंजन जो इन 6 डिब्बों में यात्रियों को बैठाकर मथुरा से वृंदावन लाता था। इस 6 डिब्बों की ट्रेन की जगह एक डिब्बे की ट्रेन ने ले ली जो कुछ बस की तरह नजर आती है।

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रेल बस में चलता है रेलवे का 3 स्टाफ


मथुरा वृंदावन के बीच चलने वाली रेल बस भारतीय रेल की अनोखी ट्रेन है। इस रेल बस में यात्रियों के अलावा इसको चलाने वाला लोको पायलट यानी इसे चलाने वाले इसके ड्राइवर, यात्रियों की चलती ट्रेन में टिकट काटने के लिए टीटी और रास्ते में पड़ने वाले रेलवे के फाटक को बंद व खोलने के लिए मोबाइल गेट मैन इसी में चलते हैं।


180 हौर्स पावर के इंजन से दौड़ती है रेल बस


मथुरा वृंदावन के बीच 12 किलोमीटर के रेल ट्रैक पर चलने वाली रेल बस 180 हौर्स पावर के इंजन से दौड़ती है। इस ट्रेन में 56 यात्रियों के बैठने की और 78 यात्री खड़े हो कर यात्रा कर सकते हैं।

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इस रेल बस में यात्री जिस कोच में बैठकर यात्रा करते हैं उसी कोच में बैठकर लोको पायलट इसे चलाते हैं। दोनों तरफ से चलने वाली इस खास ट्रेन में सफर करने का लोगों में क्रेज रहता है।


2003 में मथुरा जंकशन से चली रेल बस


6 डिब्बों की चलने वाली ट्रेन 1998 में बंद हो गई। इसकी जगह रेल बस ने ली। पहले यह ट्रेन मथुरा छावनी स्टेशन से चलती थी। 5 साल तक मथुरा छावनी से जंकशन होकर वृंदावन तक यह रेल बस आती थी। लेकिन 2003 से इसका संचालन मथुरा जंकशन से होने लगा। शुरू में दो रेल बस चलती थीं। लेकिन एक रेल बस 10 वर्षों में ही खराब हो गई और फिर एक ही रेल बस रह गई।


नई रेल बस में होंगे सीसीटीवी और साउंड सिस्टम


24 वर्ष तक मथुरा वृंदावन के बीच दौड़ने वाली इस रेल बस के अब रिटायरमेंट का समय आ गया है। इस रेल बस की जगह अब आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित रेल बस लेने वाली है। रेलवे के इज्जत नगर मंडल में बनी यह आधुनिक रेल बस जल्द ही पुरानी रेल बस की जगह ले लेगी। इस नई रेल बस में सीसीटीवी कैमरा , साउंड सिस्टम के अलावा धार्मिक चित्र लगे होंगे।

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मथुरा पहुंची नई रेल बस


1 वर्ष तक इज्जत नगर मंडल में बनाई गई नई रेल बस अब मथुरा पहुंच गई है। बड़े ट्रेलर से अनलोड करने के लिए 4 क्रेन लगाई गई जिसके बाद नई रेल बस को ट्रेलर से उतार कर रेल ट्रैक पर रखा गया। करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद नई रेल बस अनलोड हुई। इस ट्रेन अनलोड करते समय देखने वालों की भीड़ लग गई। लेकिन अब नई रेल बस पूरी तरह कवर है जिसकी वजह से इसकी झलक दिखाई नहीं दी।


नई रेल बस में हैं यह खासियत


4 करोड़ 17 लाख रुपए की लागत से तैयार हुई नई रेल बस कई सुविधाओं से लैस है। इस नई रेल बस में 320 हौर्स पावर का साउंड इंसोलेशन केनोपी इंजन लगा है। जिसकी वजह से इसकी आवाज 25 डेसिबल तक कम है।

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इसके साथ ही इसमें आने वाले स्टेशन की जानकारी देने के लिए साउंड सिस्टम लगा है तो सुरक्षा के नजरिए से सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं। नई रेल बस में गद्देदार सीट हैं जबकि पुरानी में पट्टे वाली सीट थी। इसके अलावा यह स्टेनलेस स्टील से बनी है और एल्यूमीनियम का इसका फ्लोर है।