Rajasthan ka Mausam : राजस्थान के इन जिलों में गिरे ओले, जानिये आगे का मौसम
rajasthan news : राजस्थान में कई दिनों से बदल छाये हुए हैं और आज भी इन ज़िलों में बारिश आने की संभावना बताई जा रही है, बीते कुछ घंटों में राजस्थान के इन इलाकों में ओले भी पड़े | आइये जानते हैं राजस्थान के मौसम का हाल

HR Breaking News, New Delhi : राजस्थान में बढ़ती गर्मी के बीच एक बार फिर आंधी-बारिश के आसार बन रहे हैं। मंगलवार को दिन में करीब 12 बजे बीकानेर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ और आसपास के इलाकों में धूल भरा तूफान आया। इसके बाद बारिश हुई।
मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक पश्चिमी राजस्थान के ऊपर एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम एक्टिव है। इससे अगले तीन दिन आंधी चल सकती है। कुछ इलाकों में बादल छाने के साथ हल्की बारिश हो सकती है।
मौसम का पर्वानुमान : आने वाले 24 घंटों में इस जगह पर 40 डिग्री पहुंचेगा पारा
बीकानेर के लूणकरनसर और खाजूवाला सहित कई गांवों में बारिश हुई। खाजूवाला में दोपहर 12 बजे से तेज हवा का सिलसिला शुरू हो गया। फिर बारिश शुरू हो गई, जो करीब एक घंटे तक चली। लूणकरनसर में भी ऐसा ही मौसम रहा। तेज धूप के बीच अचानक बादल छा गए। कुछ देर बाद बारिश शुरू हो गई। काफी देर तक बारिश का सिलसिला चलता रहा। हनुमानगढ़ के अनूपशहर में धूल से भरा तूफान आगे बढ़ते हुए नजर आया। इस दौरान पूरे शहर में आंधी चली। बारिश हुई।
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इधर, बाड़मेर, बूंदी में पारा 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने के साथ गर्मी के तेवर तेज हो गए हैं। संभावना है कि अगले एक-दो दिन में तापमान और बढ़ेगा। पिछले 24 घंटे की रिपोर्ट देखें तो चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़, बाड़मेर और जालोर में बारिश के साथ ओले गिरे। बाड़मेर में 2 से 6MM तक बारिश हुई। शेष राज्य में मौसम साफ रहा और दिनभर धूप निकलने के साथ उमस भी रही।
आज भी राज्य के अधिकांश हिस्से में सुबह से मौसम साफ रहा। हालांकि दोपहर बाद गंगानगर, हनुमानगढ़ के अलावा पश्चिमी राजस्थान के कुछ हिस्सों में मौसम में बदलाव देखने को मिल सकता है। यहां धूलभरी आंधी चलने के साथ कहीं-कहीं हल्की बारिश या बूंदाबांदी हाे सकती है।
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राज्य में चक्रवात का कम दिखेगा असर
इधर, अरब सागर में बने साइक्लोनिक सर्कुलेशन (चक्रवाती हवा का सिस्टम) जो आगे चलकर एक चक्रवात का रूप ले सकता है। उसका राजस्थान पर प्रभाव कम देखने को मिलेगा। विशेषज्ञों के मुताबिक इस सिस्टम का असर पश्चिमी तटीय क्षेत्र केरल, गोवा, महाराष्ट्र और गुजरात के कुछ हिस्सों में देखने को मिल सकता है। इस सिस्टम आगे बढ़ने के बाद ओमान की तरफ टर्न लेने के आसार हैं, जिसके चलते राजस्थान में इसका असर ज्यादा रह सकता है।
मानसून में देरी का एक कारण चक्रवात भी रहेगा
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राजस्थान में मानसून की देरी का एक कारण यह चक्रवात भी रहेगा। दक्षिण-पश्चिमी मानसून की स्पीड को यह चक्रवात कुछ समय के लिए रोक लेगा। इसके कारण महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान समेत मध्य भारत में मानसून की एंट्री में देरी होगी।