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Rajasthan Railway : राजस्थान में जल्द बिछाई जाएंगी 30 नई रेलवे लाइन, इन जिलों को होगा फायदा

Rajasthan Railway update : एक रिपोर्ट के हवाले से ऐसा कहा जा रहा है कि राजस्थान में तीस नई रलेवे लाइन बिछाने का काम जल्द ही शुरू किया जाएगा। फिलहाल 15 नए रेलवे रूट का सर्वे (Survey) पूरा किया जा चुका है।15 और रूट के सर्वे करने के निर्देश दिए गए हैं। इस अपडेट से जुड़ी पूरी जानकारी जानने के लिए खबर के साथ अंत तक बने रहे...

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HR Breaking News, Digital Desk- Rajasthan Railway Network: उत्तर पश्चिम रेलवे के तहत राजस्थान में 30 नई रेलवे लाइनें (Railway Lines) बिछाने काम शुरू किया जाएगा. नई रेलवे लाइनें बिछाने के पीछे कारण बढ़ता यात्री भार, छोटे कस्बों और शहरों में नए रेलवे स्टेशन (New Railway Station) बनाना तथा दूर-दराज की जगहों को रेलवे नेटवर्क से जोड़ना है.

 

 

 

फिलहाल 15 नए रेलवे रूट का सर्वे (Survey) पूरा किया जा चुका है. 15 और रूट के सर्वे करने के निर्देश दिए गए हैं. ये काम जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा. उसके बाद राजस्थान में नए रेलवे स्टेशन देखने को मिलेंगे.

रेलवे ने इस साल राजस्थान में रेल नेटवर्क (rail network) को बढ़ाने के लिए पिछले साल के मुकाबले 28 फीसदी अधिक बजट दिया है. इस बार बढ़े हुए बजट से राजस्थान में नई रेलवे लाइन बिछाने का काम किया जाएगा. इससे दूर दराज के क्षेत्रों में भी ट्रेन की सुविधा मिल सकेगी. उत्तर पश्चिम रेलवे के निर्माण विभाग ने जयपुर से सवाईमाधोपुर, अजमेर से चित्तौड़गढ़ और लूणी-भीलड़ी-समदड़ी के बीच डबलिंग की डीपीआर रेलवे बोर्ड को भेज दी है.

 

अब जल्द ही इसकी मंजूरी मिलने पर काम शुरू किया जाएगा. इसमें सबसे महत्वपूर्ण जयपुर-सवाईमाधोपुर के बीच डबलिंग है. क्योंकि इसके पूरा होते ही दिल्ली से मुंबई वाया जयपुर ट्रंक रूट पर कंजेशन कम हो जाएगा. वहीं जयपुर से मुंबई तक ट्रैक डबल होने से ट्रेनों की फ्रीक्वेंसी भी बढ़ जाएगी. इन लाइनों को बिछाने के दौरान राजस्थान के 8 स्टेशनों पर बाइपास रूट भी बनेगा.

उत्तर पश्चिम रेलवे के सीपीआरओ कैप्टन शशि किरण ने बताया कि रेलवे ने फिलहाल जिन नए मार्गों का सर्वे किया है उनमें रास-मेड़ता सिटी नई लाइन/46.60 किमी, मेड़ता रोड-बीकानेर डबलिंग/172 किमी, भटिंडा-हनुमानगढ़-सूरतगढ़-बीकानेर डबलिंग/323.90 किमी, लालगढ़-फलोदी-जैसलमेर/313.95 किमी, पुष्कर-मेड़ता रोड़/59 किमी, नारनौल-फुलेरा/163.57 किमी, केरला-मारवाड़ जंक्शन/45.54 किमी और रेवाड़ी-सादुलपुर/141.28 किमी शामिल हैं.

इनके अलावा देवगढ़ मंडारिया-बर/92.30 किमी, बवानीखेड़ा-हंसी-हिसार/42 किमी, मारवाड़ बाईपास/10 किमी, सरमथुरा-गंगापुर सिटी नई लाइन/75.64 किमी, लूणी-केरला/39.96 किमी, रींगस-खाटू श्यामजी नई लाइन/16 किमी और रामदेवरा-पोकरण वाया भैरव गुफा-कैलाश टेकरी/14 किमी शामिल है.

पुष्कर-मेड़ता नई लाइन की डीपीआर को भी जून तक भेज दिया जाएगा. इस रेललाइन के बन जाने से पुष्कर का ब्रह्मा मंदिर और ख्वाजा की दरगाह सीधे रेल लाइन के जरिए जोधपुर और बीकानेर से जुड़ जाएंगे. बीकानेर सीधे उदयपुर से जुड़ जाएगा. इसकी अनुमानित लागत करीब 450 करोड़ है. सब कुछ समय पर हुआ तो करौली स्टेशन भी बनाया जाना संभव है.

इसके अलावा 15 रूट पर सर्वे का काम होना अभी बाकी है. कुल 30 नए रूट पर सर्वे पूरा होने के बाद नई रेलवे लाइने बिछाई जाएंगी. काम पूरा होने के बाद बहुत से छोटे कस्बे और शहरों में नए रेलवे स्टेशन बनेंगे. नई ट्रेनें के चलने से उत्तर पश्चिम रेलवे का यात्रीभार कम होगा और यात्रियों को सीटें मिलने में आसानी होगी.