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लोन नहीं भरने वालों के लिए RBI ने जारी की गाइडलाइन, बैंकों से कहा- अब न करें रहम

Reserve Bank of India : भारतीय रिजर्व बैंक ने लोन नहीं भरने वालों पर सख्ती करने को लेकर बैंकों को कहा है। आरबीआई (RBI) की गाइडलाइन के बाद अब लोन नहीं भरने वालों को दिक्कत होने वाली है। लोन नहीं भरने पर आरबीआई (RBI Rules) के नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी। आरबीआई ने किसी प्रकार के रहम से मना किया है। 

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Reserve Bank of India : लोन नहीं भरने वालों के लिए RBI ने जारी की गाइडलाइन, बैंकों से कहा- अब न करें रहम

HR Breaking News (reserve Bank of India) भारतीय रिजर्व बैंक ने नियमों के अनुसार 90 दिनों तक लोन नहीं भरने पर बैंक खाते एनपीए घोषित किए जाते हैं। फिर उनको डिफॉल्टर (RBI Rules) की श्रेणी में लाया जाता है। इसके लिए एक तय प्रक्रिया होती है। प्रक्रिया के अनुसार ही किसी को डिफॉल्टर घोषित किया जाता है।

 

अब आरबीआई (reserve Bank of India) के निर्देशों के अनुसार विलफुल डिफॉल्टर घोषित करने के लिए कोई ज्यादा समय नहीं मिलेगा।

 

 

जरूरतें पूरा करने के लिए लेते हैं लोन
 

लोन अकसर लोग अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए ही लेते हैं, लेकिन जरूरतें पूरी करने के बाद कई लोग लोन नहीं भरते हैं। अब ऐसे लोगों की खैर नहीं है। आरबीआई (reserve Bank of India) की सख्ती की चपेट में ऐसे लोग आने वाले हैं। आरबीआई (RBI rules) ने बैंकों को इसको लेकर कड़े निर्देश दिए हैं।

 

 

विलफुल डिफॉल्टर के लिए नहीं कोई अधिक समय


बैंकों ने विलफुल डिफॉल्टर घोषित करने की प्रक्रिया के लिए आरबीआई (reserve Bank of India loan rules) से अतिरिक्त समय मांगा था। लेकिन, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI loan roles) की ओर से मांग खारिज कर दी गई है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की ओर से बैंकों को निर्देशित किया गया है कि जानबूझकर कर्ज न चुकाने वाले लोगों को 6 महीने के अंदर विलफुल डिफॉल्टर घोषित करना ही होगा। भारतीय रिजर्व बैंक (reserve Bank of India) के अनुसार कार्रवाई की प्रक्रिया में देरी होने से बैंकों की संपत्तियों की कीमत घटती है। इससे बैंकों को सीधा नुकसान होता है।  

 

 

 

विलफुल डिफॉल्टर की प्रक्रिया जल्द पूरी होगी
 

आरबीआई (RBI) के अनुसार विलफुल डिफॉल्टर घोषित करने की समय सीमा निर्धारित करने से ऐसे लोगों पर कार्रवाई करने में बैंकों को मदद मिलेगी। इस प्रक्रिया की तेजी बैंकों के एसेट सुरक्षित रहेंगे। आरबीआई (reserve Bank of India) ने यह फैसला बैंकों के हित में ही लिया है। इससे देश में आर्थिक स्थिरता बनी रहेगी। 

गलत फायदा उठाते हैं डिफॉल्टर
 

आरबीआई (RBI Rules) के नियमों के अनुसार जब कोई व्यक्ति 90 दिन तक लोन की किस्त नहीं देता है तो बैंक खाते को एनपीए घोषित करता है। फिर प्रक्रिया शुरू होती है विलफुल डिफॉल्टर घोषित करने की। लेकिन इसमें समस्या ये है कि सामने वाले को अपनी बाद रखने का समय आरबीआई (reserve Bank of India) के नियमों अनुसार दिया जाता है। परंतु, डिफॉल्टर अपना जवाब दाखिल करने में देरी कर प्रक्रिया को ही देरी में धकेल देते हैं। 


 
लोन मिलना होगा असंभव


जब बैंक किसी को विलफुल डिफॉल्टर घोषित कर देता है तो उस व्यक्ति को किसी भी बैंक से कर्ज मिलना भविष्य के लिए लगभग असंभव ही हो जाता है। वहीं, उसका सिबिल स्कोर (CIBIL Score) भी बुरी तरह से प्रभावित होता है। ऐसे लोगों की बैंक के साथ साथ समाज में भी साख पर बात आती है।

देश छोड़कर नहीं भाग सकेंगे लोग
 

आरबीआई (RBI updated rules) ने निर्देशित किया है कि उक्त प्रक्रिया जल्दी पूरी होगी तो जिसपर कार्रवाई हो रही है वह मौका पाकर देश से बाहर नहीं भाग सकेगा। वहीं, कानूनी मापदंड़ों के अनुसार बैंक उस व्यक्ति से अपना रुपया वसूल सकेगा।