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RRTS : दिल्ली से मोदीपुरम पहुंचने में कितना समय लेगी देश की पहली रैपिड रेल, जानिए कितनी-कितनी देर में मिलेगी ट्रेन

RRTS : आज हम आपको अपनी इस खबर में ये बताने जा रहे है कि आखिर देश की पहली ट्रेन दिल्ली से मोदीपुरम पहुंचने में कितना समय लेगी। मिली जानकारी के मुताबिक आपको बता दें कि यदि आप एक ट्रेन मिस करते हैं तो दूसरी ट्रेन के लिए ज्यादा लम्बा इंतजार नहीं करना होगा। एक ट्रेन के बाद दूसरी ट्रेन के आने के बीच केवल 15 मिनट का अंतराल होगा...
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HR Breaking News, Digital Desk- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को नमो भारत रैपिड ट्रेन को देश को सौंप दिया. यह ट्रेन दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ रूट पर दौड़ेगी. यह ट्रेन साहिबाबाद को दुहाई डिपो से कनेक्ट करती है. उद्घाटन से पहले इस ट्रेन का नाम रैपिडएक्स (RapidX) बताया गया था. यह ट्रेन देश की सबसे तेज ट्रेन वंदेभारत को स्पीड में टक्कर देगी.

कैबिनेट मंत्री हरदीप पुरी ने नमो भारत ट्रेन के बारे में कुछ जानकारियां शेयर की हैं. इसमें से सबसे ज्यादा फोकस इस ट्रेन में मिलने वाली सुविधाओं और स्पीड पर किया गया है. हरदीप पुरी ने अपने एक ट्वीट में बताया कि यह ट्रेन दिल्ली से मोदीपुरम (मेरठ का स्टेशन) पहुंचने में लगभग 1 घंटे के कम का समय लेगी. कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक यह 40-45 मिनट में पहुंच जाएगी.

दिल्ली से मोदीपुरम के बीच की दूरी 82 किलोमीटर है. इसी ट्वीट में उन्होंने कहा कि यह ट्रेन पूरी तरह एयर कंडीशनर है, सुरक्षित और आरामदायक है. शहरी विकास कल्याण मंत्री हरदीप पुरी ने बताया कि यह ट्रेन को इस तरीके से डिजाइन किया गया है कि यह 180 किलोमीटर प्रति घंटा के हिसाब से चल सके, लेकिन इसकी संभावित ऑपरेशनल स्पीड 160 किमी प्रति घंटे की होगी.

कितनी देर में चलेगी ट्रेन-
यदि आप एक ट्रेन मिस करते हैं तो दूसरी ट्रेन के लिए ज्यादा लम्बा इंतजार नहीं करना होगा. एक ट्रेन के बाद दूसरी ट्रेन के आने के बीच केवल 15 मिनट का अंतराल होगा. मतलब आप किसी भी वक्त स्टेशन पर पहुंचेंगे तो आपको अधिकतम 15 मिनट का इंतजार करना पड़ सकता है. छपी एक खबर के मुताबिक ये कहा गया है कि इस ट्रेन की फ्रीक्वेंसी को बढ़ाकर 5 मिनट भी किया जा सकता है.

इस चरण में 17 किलोमीटर का कोरिडोर 21 अक्टूबर (कल) से जनता के लिए इस्तेमाल के लिए खोल दिया जाएगा. इसके पांच स्टेशन होंगे, जिनमें साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो शामिल हैं.

फिलहाल 3 कोरिडोर पर चल रहा काम-
प्राप्त जानकारी के अनुसार, केंद्र सरकार ने 8 ऐसे कॉरिडोर की पहचान की है, जहां इंटरसिटी कनेक्टिविटी की आवश्यकता है. इनमें से 3 को पहली प्राथमिकता दी गई है, जिसमें दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ, दिल्ली-गुरुग्राम-SNB-अलवर, और दिल्ली-पानीपत हैं. दिल्ली से मेरठ के बीच के कोरिडोर पर 30,000 करोड़ रुपये का कुल खर्च होने वाला है.