Salary Hike : केंद्रीय कर्मचारियों पर बरसेगा पैसा, फिटमेंट फैक्टर के आधार पर बेसिक सैलरी 18 हजार से बढ़कर 51480 रुपये
Salary Hike : हाल ही में केंद्र सरकार ने घोषणा की कि आठवें वेतन आयोग का गठन किया जाएगा। कहा जा रहा है कि फिटमेंट फैक्टर के आधार पर न्यूनतम बेसिक सैलरी 18,000 रुपये से बढ़कर 51,480 रुपये हो सकती है... सरकार की ओर से जारी इस अपडेट से जुड़ी पूरी जानकारी जानने के लिए खबर को पूरा पढ़ लें-

HR Breaking News, Digital Desk- (8th Pay Commission) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतन, पेंशन और भत्तों में संशोधन के लिए 8वें वेतन आयोग के गठन का फैसला लिया है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव (Union Minister Ashwini Vaishnav) ने यह घोषणा की, जो बजट 2025 से ठीक पहले हुई है। इस आयोग का मुख्य उद्देश्य कर्मचारियों और पेंशनर्स के वित्तीय हितों को सुनिश्चित करना है।
आठवां वेतन आयोग क्या है?
यह आयोग केंद्र सरकार के कर्मचारियों और सेवानिवृत्त लोगों के लिए महत्वपूर्ण सिफारिशें करेगा। इसका मुख्य कार्य उनके वेतन, महंगाई भत्ते (DA) और पेंशन में बदलाव का सुझाव देना है। आयोग महंगाई के रुझानों को ध्यान में रखते हुए भत्तों को भी समायोजित करने की सिफारिश करेगा, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि कर्मचारियों और पेंशनभोगियों (pensioners) को उचित वित्तीय सहायता मिलती रहे।
कितनी बढ़ेगी सैलरी?
अभी सरकार ने वेतन वृद्धि का कोई आधिकारिक प्रतिशत नहीं बताया है। मगर, रिपोर्ट्स के मुताबिक, फिटमेंट फैक्टर (fitment factor) के आधार पर न्यूनतम बेसिक सैलरी (basic salary) 18,000 रुपये से बढ़कर 51,480 रुपये हो सकती है।
फिटमेंट फैक्टर क्या है?
यह एक गुणक (मल्टीप्लायर) होता है, जिसके आधार पर वेतन और पेंशन की गणना (pension calculation) की जाती है। इसमें महंगाई, सरकार की आर्थिक स्थिति और कर्मचारियों की जरूरतें जैसे कारक शामिल होते हैं।
किसे मिलेगा फायदा?
- लगभग 50 लाख केंद्र सरकार के कर्मचारी (रक्षा कर्मी भी शामिल)।
- करीब 65 लाख पेंशनर्स (रक्षा सेवानिवृत्त लोग भी)।
कब लागू होगा 8वां वेतन आयोग?
रिपोर्ट्स के अनुसार, इस आयोग का गठन 2026 तक किया जाएगा और इसकी सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू होने की उम्मीद है।
वेतन आयोग का काम क्या होता है?
हर 10 साल में गठित होने वाला यह आयोग सरकारी कर्मचारियों के वेतन, भत्तों, पेंशन (pension) और बोनस (bonus) की समीक्षा करता है। यह महंगाई, आर्थिक हालात और सरकारी खजाने की स्थिति को ध्यान में रखकर सिफारिशें बनाता है।
पहले भी हो चुके हैं 7 वेतन आयोग-
1946 से अब तक भारत में सात वेतन आयोग गठित किए जा चुके हैं, जिनमें से सातवें वेतन आयोग (7th pay commission) की सिफारिशें 2016 से प्रभावी हैं। मोदी सरकार का एक नया कदम इस 10-वर्षीय वेतन आयोग चक्र को आगे बढ़ाएगा, जो सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों (pensioners) के लिए राहत भरी खबर है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि आयोग की नई सिफारिशें आम जनता की जेब पर क्या प्रभाव डालती हैं।