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Salary Hike : आठवें वेतन आयोग में इस फॉर्मूले से बढ़ेगी केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी, न्यूनतम वेतन में 16,560 का बंपर इजाफा

Salary Hike : केंद्रीय कर्मचारियों के लिए आठवें वेतन आयोग (8th Pay Commission) से जुड़ी एक अहम खबर सामने आ रही है. कहा जा रहा है कि इस नए वेतन आयोग में केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी इस फॉर्मूले से बढ़ेगी. न्यूनतम वेतन में होगा 16,560 का बंपर इजाफा... जारी इस अपडेट से जुड़ी पूरी जानकारी जानने के लिए इस खबर को पूरा पढ़ लें-

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Salary Hike : आठवें वेतन आयोग में इस फॉर्मूले से बढ़ेगी केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी, न्यूनतम वेतन में 16,560 का बंपर इजाफा

HR Breaking News, Digital Desk- (8th Pay Commission Exclusive) - केंद्रीय कर्मचारियों के लिए 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) से जुड़ी एक अहम खबर सामने आ रही है. हालांकि इसकी तैयारी अभी शुरुआती चरण में है, लेकिन सूत्रों के अनुसार, इस बार वेतन तय करने के लिए कोई नया 'पे-मैट्रिक्स' नहीं बनाया जाएगा. इसके बजाय, 7वें वेतन आयोग के दौरान तैयार किया गया मौजूदा 'पे-मैट्रिक्स' ही आठवें वेतन आयोग (8th pay commission latest update) का आधार बनेगा. 

फर्क सिर्फ इतना होगा कि इसमें नए डेटा और फिटमेंट फैक्टर को शामिल किया जाएगा. इससे सैलरी में अच्छा-खासा उछाल देखने को मिलेगा. लेकिन, सैलरी में ये उछाल एक 'जादुई' फॉर्मूले से तैयार होगा.

क्यों सातवें का फॉर्मूला ही 8वें में भी फिट?

केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन निर्धारण में पे-मैट्रिक्स एक महत्वपूर्ण उपकरण है। सातवें वेतन आयोग (7th pay commission) ने एक सरल और तार्किक पे-मैट्रिक्स पेश किया था, जिसने पुरानी जटिल पे-बैंड और ग्रेड-पे प्रणाली को समाप्त कर दिया। अब ऐसी खबर है कि आठवें वेतन आयोग (8th pay commission latest update) में संभवतः कोई नया पे-मैट्रिक्स नहीं बनाया जाएगा, बल्कि 7वें वेतन आयोग के मौजूदा पे-मैट्रिक्स को ही आगे बढ़ाया जा सकता है। 

7वें वेतन आयोग के दौरान तैयार किया गए 18-लेवल वाले पे मेट्रिक्स का स्ट्रक्चर डॉ. एक्रोयड फॉर्मूले (Dr. Aykroyd Formula) पर आधारित है. इस बार इस मेट्रिक्स में सिर्फ डेटा अपडेट होंगे- यानी नया फिटमेंट फैक्टर और संशोधित न्यूनतम वेतन.

डॉ. एक्रोयड का 'जादुई' फॉर्मूला-

सातवें वेतन आयोग (7th pay commission) का पे-मैट्रिक्स डॉ. वॉलेस एक्रोयड (Dr. Wallace Aykroyd)' के फॉर्मूले पर आधारित है. यह फॉर्मूला एक औसत भारतीय वयस्क की पोषण संबंधी आवश्यकताओं के आधार पर न्यूनतम वेतन निर्धारित करता है. इसी न्यूनतम वेतन को आधार मानकर पे-मैट्रिक्स के विभिन्न स्तर विकसित किए जाते हैं. चूंकि पे-मैट्रिक्स का मूल ढांचा वही रहने की संभावना है, इसलिए अब मुख्य ध्यान फिटमेंट फैक्टर पर है. फिटमेंट फैक्टर (fitment factor) एक गुणक है जिससे मौजूदा बेसिक सैलरी को गुणा करके नई बेसिक सैलरी तय की जाती है.

कितना होगा फिटमेंट फैक्टर?, कैसे बढ़ेगी सैलरी?

फिटमेंट फैक्टर यानी वह गुणांक जिससे वर्तमान बेसिक पे को गुणा कर नया वेतन तय होता है.

अगर 1.92 का फिटमेंट फैक्टर लागू होता है
मौजूदा न्यूनतम बेसिक सैलरी = ₹18,000
नई बेसिक सैलरी = ₹18,000 × 1.92 = ₹34,560
इससे न्यूनतम वेतन में ₹16,560 की सीधी बढ़ोतरी हो सकती है. हालांकि, अंतिम फैसला सरकार की मंजूरी पर निर्भर करता है. यह सिर्फ बेसिक पे है. इसके ऊपर महंगाई भत्ता (DA), मकान किराया भत्ता (HRA), यात्रा भत्ता (TA) और अन्य भत्ते भी जुड़ेंगे, जिससे कुल सैलरी और भी अधिक हो जाएगी.

पे मेट्रिक्स में लेवल मर्जिंग की संभावना-

एक और महत्वपूर्ण बदलाव जो आठवें वेतन आयोग (8th pay commission latest updates) में देखने को मिल सकता है, वह है पे-लेवल्स का विलय (Merger). मौजूदा वक्त में पे-मेट्रिक्स में कुल 18 लेवल होते हैं. खबरें हैं कि सरकार कुछ लेवल्स को मर्ज कर सकती है ताकि ग्रेड्स की संख्या घटे और प्रमोशन या पे-अपग्रेड आसान हो सके. इससे वेतन संरचना ज्यादा सरल और पारदर्शी बन सकती है.

कैसे हो सकता है मर्जर?

जैसा कि पहले भी चर्चा हुई है, प्रस्ताव यह है कि शुरुआती 6 लेवल्स को 3 में मर्ज किया जा सकता है (जैसे लेवल 1+2 = नया A, लेवल 3+4 = नया B, लेवल 5+6 = नया C). अगर ऐसा होता है तो निचले स्तर के कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में तत्काल बड़ा उछाल आ सकता है और प्रमोशन के रास्ते भी सुगम हो सकते हैं.

HRA और TA में भी होगा बदलाव-

नए वेतन आयोग में HRA (House Rent Allowance) और TA (Travel Allowance) को लेकर भी संशोधन संभव है. वेतन बढ़ने से HRA की गणना नए बेसिक पर होगी, जिससे यह भत्ता भी बढ़ सकता है. कुछ श्रेणियों में TA की राशि और पात्रता स्लैब बदले जा सकते हैं. शहरों की श्रेणियों (X, Y, Z) और महंगाई के मौजूदा स्तर को देखते हुए मकान किराया भत्ते (HRA) की दरों में संशोधन किया जा सकता है. यात्रा भत्ता (TA) भी मौजूदा परिस्थितियों के अनुसार रिवाइज किया जा सकता है, खासकर तब जब DA एक निश्चित सीमा को पार कर जाता है.

कर्मचारियों के लिए बीमा राशि होगी रिवाइज-

सरकारी ड्यूटी (government Duty) के दौरान कर्मचारी की मृत्यु होने पर वर्तमान बीमा राशि अपर्याप्त है. सूत्रों के अनुसार, आठवां वेतन आयोग (8th pay commission new guidelines) इस मुद्दे पर विचार कर सकता है. प्रस्तावित है कि बीमा कवर (bima cover) को बढ़ाया जाएगा ताकि मृतक कर्मचारी के परिवार को बेहतर वित्तीय सहायता मिल सके.

कब से लागू हो सकता है नया वेतन आयोग?

हालांकि, सरकार ने अभी तक 8वें वेतन आयोग का औपचारिक गठन नहीं किया है, लेकिन 2026 से इसके लागू होने की संभावना है. अगर इसकी अधिसूचना 2025 के अंत तक जारी होती है, तो इसे 1 जनवरी 2026 से लागू माना जा सकता है. ऐसे में कर्मचारियों को एरियर भी मिल सकता है. (When can the new pay commission be implemented?)

प्रक्रिया और अंतिम निर्णय-

- पे-मैट्रिक्स, फिटमेंट फैक्टर, लेवल मर्जर और अन्य भत्तों पर अंतिम निर्णय लेने की एक निर्धारित प्रक्रिया होती है.

- 8वां वेतन आयोग विभिन्न कर्मचारी संगठनों, विशेषज्ञों और सरकारी विभागों से सुझाव और ज्ञापन प्राप्त करेगा.

- आयोग इन सभी पर गहन विचार-विमर्श और गणना करने के बाद अपनी सिफारिशें सरकार को सौंपेगा.

- सरकार (आमतौर पर कैबिनेट) इन सिफारिशों पर विचार करेगी और जो भी उचित समझेगी, उन्हें मंजूरी देगी.

- इसके बाद ही नई वेतन संरचना और अन्य बदलाव लागू होंगे, संभावित रूप से 1 जनवरी 2026 से.

उम्मीदों कईं, पर इंतजार थोड़ा लंबा-

सरकार का आठवें वेतन आयोग (8th pay commission latest update) में मौजूदा पे मैट्रिक्स को बनाए रखने का निर्णय एक संतुलित कदम होगा. इससे प्रक्रिया सरल होगी और कर्मचारियों को उनके संभावित वेतन लाभ का पहले से अनुमान रहेगा. फिटमेंट फैक्टर 1.92 के आधार पर सैलरी में अच्छी बढ़ोतरी तय है, लेकिन इस पर अंतिम फैसला केंद्र सरकार (central government) ही लेगी. सभी को 8वें वेतन आयोग की आधिकारिक घोषणाओं और सिफारिशों का इंतजार है, जिसमें थोड़ा समय लग सकता है.

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