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Success Story: यूपी के इस किसान की हरी मिर्च दुबई तक होती है सप्लाई, साल भर में कमा लेता है 5 करोड़

UP Green Chilli farming: भारत में ज्यादातर लोग खेती करते है। लेकिन समय के साथ बदलाव का न करने के कारण कई लोग उपजाऊ जमीन होने के बाद भी ज्यादा नहीं कमा पाते है और जो अपनाते है वो करोड़ों में कमाते है।आज हम आपको यूपी (UP farmer news) के एक ऐसे ही किसान की सफलता की कहानी बताएंगे जिसने ऑर्गेनिक खेती कर दुनियाभर में अपनी एक खास पहचान बनाई हैं। बता दें, आज इनकी सालाना इनकम (organic farming) लगभग 5 करोड़ है। आइए खबर में विस्तार से जानते है इनकी हरी मिर्ची की सफल कहानी-

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HR Breaking News (ब्यूरो)। आज हम आपको उत्तर प्रदेश (UP) के एक ऐसे सफल किसान की कहानी बताएंगे जिसने ऑर्गेनिक खेती कर दुनियाभर में अपनी एक खास पहचान बनाई हैं। गाजीपुर (Ghazipur Farmer News) जिले में स्थित मुहम्मदाबाद क्षेत्र के जोगा मुसाहिब के किसान डॉ। रामकुमार राय बड़े पैमाने में हरी मिर्च की खेती करते है। उनकी हरी मिर्च की सप्लाई खाड़ी देशों जैसे दुबई, शारजाह, ओमान और कतर में होती है। उनका आज सालाना इनकम 5 करोड़ के करीब है।

 

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रामकुमार राय ने बताया कि हरी मिर्च के 3580 बाक्स को लखनऊ स्थित पैक हाउस से दुबई भेजा गया है। एक बाक्स में 4 किलो मिर्च है। दुबई के जवरअली पोर्ट पर इससे उतार कर अलावीर सब्जी मंडी भेजा जाएगा। एक बाक्स 4 किलो का भारत में 210 से 220 रुपये की कीमत आती (green chilli farming) है। जबकि दुबई में 290 रुपये प्रति बाक्स के रेट से बिक जाता है। इससे पहले 4 हजार हरी मिर्च के बाक्स दुबई भेजा गया था। एक बार में 12 से 16 हजार किलो हरी मिर्च की सप्लाई (green chilli export) दुबई के लिए की जाती है। 

 

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130-145 रुपये प्रति किलो बेंचते है हरी मिर्च

डॉ। रामकुमार राय बताते हैं कि अब 24 घंटे में मिर्च विदेश पहुंच जाएगी। पहले ऐसा नहीं होता था। यही मिर्च भेजने में 5-6 दिन लग जाते थे। इससे लागत का खर्च उठाना मुश्किल हो जाता था। मिर्च की गुणवत्ता (UP farmer news) प्रभावित होती थी। उन्होंने बताया कि गाजीपुर की जो मिर्च बाजार में 30 रुपये प्रति किलोग्राम में मिल रही है, उसे किसानों से 40 रुपये में खरीदा गया।

 

इसका मतलब है कि प्रति किलोग्राम मिर्च के पीछे किसानों को 10 रुपये का फायदा हुआ है। विदेश भेजने में कस्टम, ग्रेडिंग और पैकिंग खर्च (green chilli export in Dubai) समेत कुल 94 रुपये खर्च आते हैं। यही मिर्च दुबई में 130-145 रुपये प्रति किलोग्राम तक बिकती है। 

 

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 इस साल मिला था एक्सपोर्ट का लाइसेंस

साल 2015 में खेती शुरू करने वाले गाजीपुर (farming news) के किसान उत्पादक संगठन के निदेशक डॉ। रामकुमार राय ने बताया कि 2020-21 में उन्हें एक्सपोर्ट करने का लाइसेंस मिला था। एपीडा (APIDA) उन्हें यह लाइसेंस दिया था। उसके बाद से हरी मिर्च का एक्सपोर्ट कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि आज गाजीपुर जिले में 615 किसान (export licence process) मिलकर 400 हेक्टेअर में खेती कर रहे हैं। जहां हर किसान लाखों रुपये का मुनाफा कमा रहा है।

पहले करते थे टीचर की नौकरी 

जोगा मुसाहिब गांव निवासी डॉ। रामकुमार राय की प्रारंभिक शिक्षा गांव में ही हुई। इसके बाद वह उच्च शिक्षा के लिए इलाहाबाद चले गए। वहां वकालत और पीएचडी (P.Hd.) करने के बाद अध्यापक की नौकरी की लेकिन मन में तो किसान था, इसलिए नौकरी छोड़कर किसानी में लग गए। अब वह गाजीपुर समेत (Dr. rajkumar rai success story) कई जिलों में किसानों के लिए प्रेरणा स्रोत बन गए है।

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सीएम समेत कई बड़ी हस्तियों से हुए सम्मानित

बता दें कि डॉ। राजकुमार राय ने सिर्फ खेती किसानी में ही अपनी अलग पहचान नहीं बनाई है, बल्कि उन्होंने उच्च शिक्षा भी ग्रहण की है। रामकुमार राय ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की उपाधि ले चुके हैं। सफल ऑर्गेनिक किसान (organic farming) के तौर पर उन्हें कई पुरस्कार भी मिल चुके हैं। यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन, मुख्यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ समेत कई बड़ी हस्तियों ने उनको (Up farmer success story) सम्मानित कर चुकी हैं। डॉ। राय ने बताया कि हमारे देश में हरी व लाल मिर्च दोनों उगाई जाती हैं। यहां हर मौसम में मिर्च उगाई जाती है। निर्यात के मामले में भारत प्रमुख मिर्च निर्यातक है। इसलिए बाजार में इसकी डिमांड हमेशा बनी रहती है।