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Supreme Court Decision : देश के लाखों बैंक कर्मचारियों को मिला तगड़ा झटका, सुप्रीम कोर्ट ने सुना दिया ये फैसला

Supreme Court Decision on Bank : सुप्रीम कोर्ट के एक ताजा फैसले ने देश के लाखों बैंक कर्मचारियों (bank employees) को तगड़ा झटका दे दिया है। देश की सर्वोच्च अदालत ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के कर्मचारियों को झटका दिया है। इसमें कोर्ट ने बैंक के कर्मचारियों को मिलने वाले लोन को लेकर एक अहम बात कह दी है। आइए नीचे खबर में विस्तार से जान लें क्या है सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय...

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HR Breaking News, Digital Desk : सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में अपना एक अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट (supreme court decision) के इस फैसले से देशभर के बैंक कर्मचारियों को झटका लगा है। देश की सर्वोच्च अदालत ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के कर्मचारियों को झटका दिया है। बैंकों की ओर से कर्मचारियों को मिलने वाले जीरो या लो इंटरेस्ट लोन पर अब बैंक कर्मचारियों को टैक्स देना (Employees will have to pay tax on zero or low interest loans) होगा। 


एक ऐतिहासिक फैसले में सर्वोच्च न्यायालय (supreme court verdict) ने कहा कि बैंक कर्मचारियों को दिए गए ब्याज मुक्त या लो इंटरेस्ट लोन पर अब टैक्स लगेगा।  

कोर्ट के इस फैसले से बैंक कर्मचारियों को तगड़ा झटका  

PSU बैंक के कर्मचारियों को बैंक की ओर से कई तरह की सहूलतें मिलती हैं। इसी में से एक है आसानी से लोन मिलना। बैंक कर्मचारियों को इंटरेस्ट फ्री या रियायती ब्याज दरों पर आसानी से लोन (loan for bank employees) मिल जाता है। अब सुप्रीम कोर्ट ने इसपर कैंची चला दी है। 


सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि बैंक कर्मचारियों को अपने बैंक से जीरो इंटरेस्ट या फिर लो इंटरेस्ट पर लोन मिलने से जो भी पैसा बचता है, उस पर अब उन्हें इनकम टैक्स लगेगा। सुप्रीम कोर्ट ने इनकम टैक्स एक्ट की धारा 17 (2)(viii) और इनकम टैक्स रूल और 3(7)(i) की वैधता को बरकरार रखा है। 


कोर्ट ने कहा कि लो इंटरेस्ट या फिर जीरो इंटरेस्ट (Low interest or zero interest loan to bank employees) बैंक कर्मचारियों को मिलने वाली एक यूनिक सुविधा है, जो सिर्फ बैंक कर्मचारियों को ही मिलती है।  

जान लें क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने

इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये सुविधा बैंक कर्मचारियों को सैलरी (Salary of bank employees) के अलावा मिलने वाली सुविधाओं में शामिल हो जाती है। कोर्ट ने कहा कि यह अनुलाभ माना जा सकता है। इसका मतलब हुआ कि इनकम टैक्स के संबंधित नियमों के हिसाब से यह टैक्सेबल है। 


नियम के अनुसार जब कोई बैंक कर्मचारी बैंक ने लो इंटरेस्ट या फिर जीरो इंटरेस्ट पर लोन (Bank employee loan at low interest or zero interest) लेना है तो वो सालाना अच्छी खासी रकम बचा लेता है। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कन्फेडरेशन , समेत  बैंक कर्मचारी यूनियनों की ओर से दायर अपील को खारिज करते हुए कहा कि कम ब्याज या फिर ब्याजमुक्त लोन से बचाई गई रकम पर टैक्स लगेगा।  


कोर्ट ने कहा कि रोजगार की स्थिति से जुड़ा यह लाभ वेतन के बदले लाभ से अलग है।  यानी अब इस तरह के लोन पर बैंक कर्मचारियों को टैक्स का भुगतान करना (Bank employees will have to pay tax) होगा।