Supreme Court : सरकारी कर्मचारियों को लेकर सर्वोच्च अदालत का अहम फैसला, अब सबूत की नहीं होगी जरूरत
HR Breaking News - (SC decision)। कहा जाता है कि किसी भी मामले में कार्रवाई या फैसले पर पहुंचने के लिए कोर्ट सबूत मांगती है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक ऐतिहासिक फैसला (SC decision on Corruption) सुनाया है, जो सरकारी विभागों में काम करने वाले अनेक सरकारी कर्मचारियों के लिए जानना जरूरी है।
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court big decision) ने कहा है कि अब इस तरह के मामलों में कोई सरकारी कर्मचारी संलिप्त पाया जाता है तो कार्रवाई करने के लिए किसी सबूत की जरूरत नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने कई तरह की टिप्पणी भी की है।
भ्रष्टाचार से जुड़ा है मामला-
सुप्रीम कोर्ट (SC decision for employees) की ओर से सुनाया गया फैसला भ्रष्टाचार के एक मामले से जुड़ा है। इसमें सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि भ्रष्टाचार विरोधी कानून (anti corruption law) के अनुसार किसी सरकारी कर्मचारी को दोषी करार देने के लिए प्रत्यक्ष सबूत होना जरूरी नहीं है। इस मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने एबी भास्कर राव और सीबीआई (CBI) के एक फैसले का उदाहरण भी दिया है।
परिस्थिति के आधार पर हो सकती है कार्रवाई-
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सरकारी कर्मचारी (govt employees news) पर अगर रिश्वत या भ्रष्टाचार का आरोप है तो परिस्थिति जन्य आधार ही दोषी ठहराने के लिए काफी है, इसमें सबूतों की जरूरत नहीं है।
भ्रष्टाचार के मामले किए जाने चाहिए उजागर-
कोर्ट ने कहा कि अक्सर देखा जाता है कि किसी भ्रष्ट सरकारी अधिकारी को कोर्ट तक लाने में काफी प्रयास करने पड़ते हैं। भ्रष्ट अधिकारी या कर्मचारी को कानूनी कटघरे में लाना चुनौती भरा है। लोगों को ऐसे मामले उजागर करने से हिचकिचाना या डरना नहीं चाहिए। इस पर गौर करते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court news) ने यह फैसला सुनाया है।
Supreme Court ने की यह टिप्प्णी -
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की 5 जजों की पीठ ने कहा है कि बेशक मृत्यु की वजह से भी शिकायत देने वाला साक्ष्य चाहे न हो, लेकिन कानूनी प्रावधानों के अनुसार रिश्वत, भ्रष्टाचार (bribery, corruption case) जैसे मामलों में सरकारी कर्मचारी या अधिकारी को दोषी करार दिया जा सकता है।
भ्रष्टाचारी पर कार्रवाई के लिए न डरें-
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर भ्रष्टाचार में लोक सेवक यानी IAS और IPS भी आरोपी हों, तो भी शिकायत देने वाले और जांच अधिकारी को बिना किसी डर के ईमानदारी से भ्रष्टचार के आरोपी (accused in corruption case) अधिकारी को दंडित कराने का हर संभव प्रयास करना चाहिए। तभी प्रशासनिक व्यवस्था सही हो सकेगी और भ्रष्टाचार (SC decision on corruption) पर लगाम लगाई जा सकेगी।
आरोपी के प्रति न दिखाएं कोई उदारता -
सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा है कि किसी भी कर्मचारी या अधिकारी (decision for govt employees)को लेकर यह सूचना मिलती है कि वह भ्रष्टाचार में शामिल है, तो उस आरोपी के प्रति कोई उदारता न दिखाएं। न ही उसके प्रति किसी तरह की उदारता दिखाने की मांग को माना जा सकता। भ्रष्टाचार (proves for corruption cases) देश को खोखला कर देता है, इसलिए लोक सेवकों की ओर से भ्रष्टाचार किया जाना एक गंभीर समस्या कही जा सकती है।
