Supreme Court : चेक बाउंस होने पर नहीं काटने पड़ेंगे कोर्ट के चक्कर, सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया अहम फैसला
cheque bounce decision :चेक बाउंस होते ही लोगों के कोर्ट कचहरी के चक्कर लगने शुरू हो जाते हैं। अब उन्हें इस परेशानी से छुटकारा मिल सकेगा। सुप्रीम कोर्ट ने चेक बाउंस (cheque using tips) के मामले में एक अहम फैसला सुनाया है। इस फैसले से यह स्पष्ट हुआ है कि लोगों को चेक बाउंस में कचहरियों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। आइये जानते हैं सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बारे में।
HR Breaking News (cheque bounce case)। चेक बाउंस को दंडनीय अपराध माना जाता है, इसलिए चेक देनदारों की परेशानी उस समय काफी ज्यादा बढ़ जाती है, जब यह बाउंस हो जाता है। इस स्थिति में उन्हें कोर्टों में चक्कर भी काटने पड़ते हैं।
अब सुप्रीम कोर्ट (SC decision on check bounce) ने एक फैसले में यह क्लियर कर दिया है कि लोगों को चेक बाउंस होने पर कोर्टों में चक्कर काटने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इस फैसले को लेकर देशभर में चर्चाएं हो रही हैं। चेक यूजर्स (cheque users) के लिए तो इस फैसले के बारे में जानना सबसे ज्यादा जरूरी है।
सुप्रीम कोर्ट ने क्लियर की यह बात
सुप्रीम कोर्ट ने चेक बाउंस (check bounce rules) के मामले में सुनवाई के दौरान निचली अदालतों को नसीहत व सलाह दी है कि चेक बाउंस (cheque bounce hone par kya kre) के मामले में समझौते के प्रयास बन रहे हैं तो इन्हें तुरंत निपटाएं। निचली अदालतें मामलों को पेंडिंग न रखते हुए ऐसे मामलों में समझौते के प्रयास से मामला निपटाने की ओर कदम उठा सकती हैं।
सुप्रीम कोर्ट की इस टिप्पणी ने किया हैरान
सुप्रीम कोर्ट ने चेक बाउंस के मामलों पर चिंता जताते हुए कहा है कि देशभर में कई निचली अदालतों में चेक बाउंस (cheque bounce reasons) के अनेक मामले पेंडिंग पड़े हैं।
ऐसे में कोर्टों का काम बढ़ गया है। इन मामलों को समझौते के आधार पर जल्दी से निपटाकर इन्हें कम किया जा सकता है। इस टिप्पणी (SC note on cheque bounce) ने लोगों को हैरान कर दिया है।
निचली अदालतें दें इस बात पर ध्यान
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि चेक बाउंस (cheque bounce cases) के मामलों में सजा के बजाय मामले का निपटारा करने पर अधिक ध्यान दिया जाना चाहिए। इन मामलों में वचन पत्रों के केसों में दोनों पक्षों की सहमति दिखे तो अदालत को समझौते के प्रयास करते हुए मामले का पटाक्षेप कर देने की ओर कदम बढ़ाने चाहिए। इससे पेंडिंग (cheque bounce pending cases) मामले जल्दी से निपटाए जा सकेंगे।
सुप्रीम कोर्ट में ने की इस मामले में सजा रद्द
सुप्रीम कोर्ट (SC Decision in cheque counce) ने चेक बाउंस के एक मामले में चेक जारीकर्ता की सजा को यह कहते हुए रद्द कर दिया कि इस मामले में दोनों पार्टियों के बीच पहले ही समझौता हो चुका है।
इसलिए मामले को पेंडिंग रखने का कोई औचित्य नहीं है। दूसरे पक्ष ने याची को पूरी राशि का भुगतान (cheque payment rules) भी कर दिया है। इस आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने तत्परता से मामले को निपटा दिया।
