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Supreme Court ने कहा- इन सरकारी कर्मचारियों को तलब करने के लिए जारी होगी गाइडलाइन

Supreme Court - हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा कि वह देश में अलग-अलग जगहों पर तैनात सरकारी अधिकारियों को समन भेजने के लिए जल्द ही गाइडलाइंस निर्धारित करेगी। सुप्रीम कोर्ट की ओर से आए इस फैसले को विस्तार से जानने के लिए खबर के साथ अंत तक बने रहे...
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Supreme Court ने कहा- इन सरकारी कर्मचारियों को तलब करने के लिए जारी होगी गाइडलाइन

HR Breaking News, Digital Desk- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह देश में अलग-अलग जगहों पर तैनात सरकारी अधिकारियों को समन भेजने के लिए जल्द ही गाइडलाइंस निर्धारित करेगी। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने कहा कि बकाया केसेज और अंतिम निर्णय में अवमानना के मामलों से निपटने के लिए अलग नियम होने चाहिए। 

 

 

पीठ ने कहा कि जिन केसों में फैसला नहीं हुआ है, उनमें अधिकारियों के एफिडेविट ही काफी होंगे, लेकिन कोर्ट का आदेश न मानने पर जो अवमानना के मामले होंगे, उनमें अफसरों की मौजूदगी जरूरी होगी। बेंच ने कहा कि हम सरकारी अफसरों को समन के लिए कुछ दिशा-निर्देश तय करेंगे। 

पीठ ने कहा कि लंबित और निर्णय हो चुके विषयों का दो हिस्सों में विभाजन होना चाहिए। लंबित मामलों के लिए अधिकारियों को तलब करने की जरूरत नहीं है, लेकिन जब निर्णयन पूरा हो जाए, तब अवमानना कार्यवाही शुरू की जाए।


सरकारी अधिकारियों को तलब करने के लिए दिशानिर्देश बनाने पर अपना आदेश सुरक्षित रखते हुए पीठ ने कहा कि यह इलाहाबाद हाईकोर्ट के दो आदेशों को निरस्त करेगा, जिनसे उत्तर प्रदेश सरकार के वित्त विभाग के दो सचिवों की गिरफ्तारी हुई थी। अवमानना के एक मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेशों पर अधिकारियों को हिरासत में लिया गया था।

उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से न्यायालय में पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज ने तत्काल सुनवाई के लिए मामले का उल्लेख किया था। उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय ने एक अभूतपूर्व आदेश दिया, जिसके जरिए वित्त सचिव और विशेष सचिव (वित्त) को हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की सुविधाओं से जुड़े एक मामले में अवमानना कार्यवाही को लेकर हिरासत में लिया गया। राज्य के मुख्य सचिव को जमानती वारंट भी जारी किया गया।



इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट चार अप्रैल को कहा था कि कोर्ट में उपस्थित अधिकारियों शाहिद मंजर अब्बास रिजवी, सचिव (वित्त), उत्तर प्रदेश और सरयू प्रसाद मिश्रा, विशेष सचिव (वित्त) को हिरासत में लिया जाता है। उन्हें आरोप तय करने के लिए कोर्ट में पेश किया जाए।