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Supreme Court's Decision - सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, संयुक्त परिवार में पिता की संपत्ति पर भाईयों से पहले बेटी का हक

Supreme Court's Decision - संयुक्त परिवार में पिता की संपत्ति पर भाईयों से पहले बेटी के हक को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। आइए नीचे खबर में जानते है सुप्रीम कोर्ट की ओर से आए इस बड़े फैसले को विस्तार से...

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Supreme Court's Decision - सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, संयुक्त परिवार में पिता की संपत्ति पर भाईयों से पहले बेटी का हक

HR Breaking News, Digital Desk- पिता की संपत्ति पर बेटियों के अधिकार को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा है कि किसी भी संयुक्त परिवार में अगर कोई शख्स बिना वसीयत किए मर जाता है तो उसकी संपत्ति पर बेटी का हक चचेरे भाइयों से अधिक होगा।

पिता के भतीजों की तुलना में संपत्ति के अधिकार में बेटियों को प्राथमिकता दी जाएगी। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि यह व्यवस्था हिंदी उत्तराधिकार कानून 1956 के के पहले के मामलों में भी लागू होगी।

दरअसल सुप्रीम कोर्ट तमिलनाडु के एक मामले में सुनवाई कर रहा था। जस्टिस एस अब्दुल नज़ीर और जस्टिस कृष्ण मुरारी की बेंच ने यह बड़ा फैसला सुनाया है। यह मामला जब मद्रास हाई कोर्ट में गया था तो वहां संपत्ति पर भाई के बेटों को अधिकार दे दिया गया था। इसके बाद याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। हाई कोर्ट के फैसले को ख़ारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 51 पेज का फैसला सुनाया और कहा कि पिता की अपनी कमाई और पैतृक संपत्ति पर बेटी का अधिकार सगे भाइयों से ज्यादा होगा।

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?


सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि मरने के बाद हिंदू पुरुषों की बेटियां उनकी खुद कमाई गई संपत्ति और पैतृक संपत्ति की हकदार होंगी। परिवार के अन्य सदस्यों के मुकाबले उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी। कोर्ट ने कहा कि अगर बिना वसीयत लिखे शख्स की मौत हो जाती है तो उसके बेटे और बेटी प्रॉपर्टी में बराबर हिस्सेदार होंगे।


बता दें कि साल 2005 में हिंदू उत्तराधिकार कानून में संशोधन किया गया था और कहा गया था कि उत्तराधिकार का मतलब संतान होगा। उसमें पुत्र और पुत्री दोनों शामिल होंगी। उत्तराधिकार की अवधारणा के तहत प्रॉपर्टी में बेटे और बेटी दोनों का बराबर अधिकार होगा। अब सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कह दिया है कि यह आदेश पुरानी तारीख से लागू होगा। इससे कई पुरानी विवादों का हल निकल सकता है।