home page

टैक्सपेयर्स को HRA से इतनी मिलेगी इनकम टैक्स छूट, जानिये कौन से देने होंगे दस्तावेज

HRA Relief : सभी लोगों को यह जानकारी तो पहले से ही है कि टैक्स भरने की आखिरी तारीख नजदीक आ चूकी है। ऐसे में जो कर्मचारी अपने घर में रहता है या मकान का किराया नहीं देता, तो उसके वेतन में एचआरए के रूप में मिली रकम इनकम टैक्स के दायरे में आ जाती है। अब बात यह उठती है कि HRA पर लगने वाले इस टैक्स पर कैसे छूट प्राप्त की जा सकती है। आइए जान लेते है कि इसके लिए किन-किन  दस्तावेजों की जरूरत पड़ने वाली है। 

 | 

HR Breaking News (ब्यूरो): हर वेतनभोगी कर्मचारी को वेतन के साथ हाउस रेंट अलाउंस भी मिलता है। यदि आप भी वेतन पाने वाले इम्पलॉई हैं तो आपको हाउस रेंट अलाउंस (HRA) जरूर मिलता होगा. अब जब इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरने की आखिरी तारीख करीब आ रही है, आज हम आपको बता रहे हैं कि आप हाउस रेंट अलाउंस पर टैक्स छूट (HRA Relief) का दावा किस तरह कर सकते हैं. इनकम टैक्स कानून के हिसाब से एचआरए पर छूट सेक्शन 10 (13A) के तहत मिलता है. आइए जानें एचआरए के जरिए आप टैक्स बचत कैसे कर सकते हैं?

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कुल टैक्सेबल आमदनी की गणना HRA को कुल आय से घटाकर की जाती है. इस बात का ध्यान रखें कि अगर इम्पलॉई (goernment employees) अपने घर में रहता है या मकान का किराया नहीं देता, तो उसके वेतन में एचआरए के रूप में मिली रकम टैक्स के दायरे में आती है.

जान लें क्या है हाउस रेंट अलाउंस (एचआरए)?


HRA वास्तव में इम्पलॉई को दिया जाने वाला एक भत्ता है. नियोक्ता अपने इम्पलॉई को उनके घर का किराया चुकाने के लिए यह भत्ता देता है. इम्पलॉई के हाथ में आने पर यह भत्ता टैक्सेबल (करयोग्य) होता है.

आयकर कानून के सेक्शन 10(13A) के अंतर्गत कुछ सीमाओं के अधीन एचआरए पर टैक्स छूट (Tax exemption on HRA) ली जा सकती है. एचआरए के रूप में हुई आमदनी पर टैक्स की बचत केवल वही नौकरीपेशा व्यक्ति कर सकता है जिसके वेतन में एचआरए शामिल हो और वह किराए के मकान में रहता हो.

अपना रोजगार करने वाले व्यक्ति को एचआरए पर टैक्स छूट का लाभ नहीं मिलता.


जान लें कितना मिल सकता है लाभ?


-HRA के रूप में होने वाली कुल आमदनी
-महानगर में रहने वाले व्यक्ति को मूल वेतन के 50 फीसदी तक, छोटे शहरों में रहने वाले लोगों को बेसिक सैलरी का 40 फीसदी तक
-कुल सालाना आमदनी का 10 फीसदी मकान किराए के रूप में चुकाने पर

HRA पर टैक्स लाभ के लिए दस्तावेज


एचआरए पर टैक्स छूट उसी स्थिति में मिल सकती है जब आपके पास किराये की रसीद हो.
अगर आपके पास मकान मालिक के साथ हुआ रेंट एग्रीमेंट है तब भी आप इसका लाभ उठा सकते हैं.
यदि किराए के रूप में आपने हर महीने 15,000 रुपये या साल में एक लाख रुपये से ज्यादा किराया चुकाया है तो छूट पाने के लिए मकान मालिक का पैन नंबर देना जरूरी है.


एचआरए (HRA) डिडक्शन की गणना कैसे करें?


अपने सालाना/मासिक HRA के लिए उपलब्ध टैक्स छूट की गणना करने के लिए ये तरीके हैं:


-वेतन में मिला एचआरए
-बेसिक सैलरी का 40 फीसदी (यदि किराये पर ली गर्इ प्रॉपर्टी मुंबई, दिल्ली, चेन्नई या कोलकाता में है तो सैलरी का 50 फीसदी)
-वास्तव में चुकाए गए किराये में से वेतन का 10 फीसदी घटाने के बाद बची राशि


इनमें जो भी सबसे कम हो, उस रकम पर HRA पर टैक्स छूट का लाभ लिया जा सकता है.


HRA पर टैक्स छूट के लिए शर्त


-HRA पर यह डिडक्शन तभी लिया जा सकता है जब वास्तव में इम्पलॉई ने रहने के उद्देश्य से किराया चुकाया हो.
-इनकम टैक्स अधिकारी (income tax officer) चुकाए गए किराये की रसीद सबूत के तौर पर मांग सकता है.
-इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करते समय कोई दस्तावेज नहीं देना होता.


-यदि वित्त वर्ष के बीच में वेतन, किराया या HRA की रकम में किसी तरह का बदलाव हो या रहने की जगह महानगर से छोटे शहर में बदल गर्इ हो तो डिडक्शन की गणना मासिक आधार पर होगी.


-यदि घर का किराया परिवार के ही किसी सदस्य को चुकाया गया हो तब भी HRA पर डिडक्शन मिल जाएगा.
-यदि इम्पलॉई किसी घर का मालिक है, लेकिन वह उसी शहर में या दूसरे शहर में किराये के मकान में रहता है तब भी वह HRA पर टैक्स छूट ले सकता है.


-HRA पर टैक्स छूट (Tax exemption on HRA), होम लोन पर चुकाए गए ब्याज पर टैक्स छूट (सेक्शन 24b) के तहत और हाउसिंग लोन के रीपेमेंट पर सेक्शन 80C के तहत छूट एक साथ ली जा सकती है.


-यदि नियोक्ता द्वारा इम्पलॉई को वेतन में HRA नहीं दिया जाता तो इस सेक्शन के तहत इनकम टैक्स में राहत नहीं मिलेगी. चुकाए गए किराये के लिए हालांकि डिडक्शन सेक्शन 80GG के तहत ली जा सकती है.


इस तरह की जाएगी HRA की गणना?


यदि किसी इम्पलॉई का मूल वेतन और महंगाई भत्ता (DA) 40,000 रुपये है. उसकी कंपनी से उसे HRA के रूप में 20,000 रुपये मिलते हैं. वह इम्पलॉई दिल्ली में अपने मकान का किराया 15,000 रुपये चुकाता है.


साल का कुल वेतन-4,80,000 रुपये


-HRA के रूप में मिली रकम-2,40,000 रुपये
-वास्तविक किराया-1,80,000 रुपये


सबसे कम रकम- वास्तव में चुकाया गया किराया – सैलरी का 10%
=1,80,000-48,000
=1,32,000 रुपये

इस हिसाब से इस इम्पलॉई को नियोक्ता से मिले HRA की रकम में से 1,32,000 रुपये पर टैक्स छूट (tax exemption) मिलेगी, जबकि इस मद में ही मिली बाकी 1,08,000 रुपये की रकम पर इनकम टैक्स चुकाना पड़ेगा.