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Senior Citizen : सीनियर सिटीजन की लगी लॉटरी, 1 लाख की FD पर मिलेगा 26000 रुपये ब्याज

Fixed Deposit Interest Rate - भविष्य के लिए हर कोई पैसे इन्वेस्ट करना चाहता है। ज्यादातर निवेशक कम रिस्क और ज्यादा ब्याज वाले ऑप्शन ढूंढ़ते हैं। तो ऐसे में एफडी से अच्छा विकल्प और कहीं नहीं मिल सकता है। एफडी में आपका पैसा पूरी तरह से सुरक्षित रहता है। अगर आप भी एफडी में निवेश करने की सोच रहे हें तो अब कई बैंक एफडी (FD Interest Rate) पर तगड़ा ब्याज ऑफर कर रहे हैं। अगर आप सीनियर सिटीजन हैं और ऐसे बैंक की तलाश कर रहे हैं जो एफडी पर तगड़ा ब्याज दे रहा हो। तो आज हम आपको इस आर्टिकल में हम आपको एफडी पर ज्यादा ब्याज देने वाले बैंकों के नाम बताने जा रहे हैं चलिए नीचे खबर में जानते हैं- 
 

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HR Breaking News (ब्यूरो)। fixed deposit interest rate - हर कोई अपनी कमाई को बेहतर रिटर्न के साथ सेफ रखना चाहते हैं। लोग पैसा निवेश करने के लिए कम रिस्क और ज्यादा रिटर्न (high interest rate) वाले विकल्प ढूंढ़ते हैं। तो ऐसे में फिकस्ड डिपॉजिट (fixed deposit) से अच्छा विकल्प आपको कहीं और नहीं मिल सकता है। क्योंकि फिकस्ड डिपॉजिट को कम रिस्क और गारंटी रिटर्न वाला निवेश माना जाता है। हालांकि, देश में ज्यादातर लोग एफडी (FD) में ही निवेश करना पसंद करते हैं। यहां आपका पैसा भी पूरी तरह से सुरक्षित रहता है। अगर आप भी एफडी में निवेश (Investment) करने की प्लानिंग बना रहे हैं, लेकिन तीन साल की एफडी (FD) में निवेश का ऑप्शन तलाश रहे हैं तो आज हम आपको इस आर्टिकल में कुछ ऐसे बैंकों के नाम बताने जा रहे हैं, जो तीन साल की FD पर अधिकतम ब्याज ऑफर कर रहे हैं। यहां आप 1 लाख रुपये निवेश कर 26,000 रुपये इंटरेस्ट कमा सकते हैं।

 

 

बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank of Baroda)

 

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बैंक ऑफ बड़ौदा तीन साल की एफडी (FD) पर 7.75 प्रतिशत की दर से ब्याज दे रहा है। पब्लिक सेक्चर बैंकों में बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank of Baroda) सीनियर सिटीजन को सबसे ज्यादा ब्याज दे रहा है। अभी निवेश की गई 1 लाख रुपये की रकम तीन साल में बढ़कर 1.26 लाख रुपये हो जाएगी।

 


एक्सिस बैंक (Axis Bank)

 

 

एक्सिस बैंक सीनियर सिटीजन को तीन साल की फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) पर 7.60 प्रतिशत की दर से ब्याज दे रहा है। अभी निवेश की गई 1 लाख रुपये की रकम तीन साल में बढ़कर 1.25 लाख रुपये हो जाएगी।

एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank)

एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और पंजाब नेशनल बैंक तीन साल की फिक्स्ड डिपॉजिट पर 7.50 प्रतिशत की ब्याज दर की पेशकश करते हैं। अभी निवेश की गई 1 लाख रुपये की रकम तीन साल में बढ़कर 1.25 लाख रुपये हो जाएगी।

केनरा बैंक (Canera Bank)

केनरा बैंक सीनियर सिटीजन को तीन साल की फिक्स्ड डिपॉजिट पर 7.30 प्रतिशत ब्याज देता है। अभी निवेश की गई 1 लाख रुपये की रकम तीन साल में बढ़कर 1.24 लाख रुपये हो जाएगी।

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स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI)

भारतीय स्टेट बैंक (SBI) सीनियर सिटीजन को तीन साल की फिक्स्ड डिपॉजिट पर 7.25 प्रतिशत का ब्याज दे रहा है। अभी निवेश की गई 1 लाख रुपये की रकम तीन साल में बढ़कर 1.24 लाख रुपये हो जाएगी।

बैंक ऑफ इंडिया (Bank of India)

बैंक ऑफ इंडिया और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया तीन साल की फिक्स्ड डिपॉजिट पर 7 प्रतिशत की दर से ब्याज ऑफर करती है। अभी निवेश की गई 1 लाख रुपये की रकम तीन साल में बढ़कर 1.23 लाख रुपये हो जाएगी।

इंडियन बैंक (Indian Bank)

इंडियन बैंक सीनियर सिटीजन को तीन साल की फिक्स्ड डिपॉजिट पर 6.75 प्रतिशत की दर से ब्याज दे रहा है। अभी निवेश की गई 1 लाख रुपये की रकम तीन साल में बढ़कर 1.22 लाख रुपये हो जाएगी।

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भारतीय रिजर्व बैंक

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की सहायक कंपनी डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) 5 लाख रुपये तक की फिक्स्ड डिपॉजिट पर निवेश की गारंटी देती है। सीधे शब्दों में कहें तो इसका मतलब है कि फिक्स्ड डिपॉजिट में आपका 5 लाख रुपये तक का निवेश पूरी तरह सुरक्षित है।

फिनकेयर स्मॉल फाइनेंस बैंक


यूनिटी स्मॉल फाइनेंस बैंक की तरह ही फिनकेयर स्मॉल फाइनेंस बैंक (Fincare Small Finance Bank) भी सीनियर सिटीजन को अपनी एफडी स्कीम पर तगड़ा रिटर्न ऑफर कर रहा है. बैंक 7 दिन से लेकर 10 साल की फिक्स्ड डिपॉजिट पर 3.60 फीसदी से लेकर 9.11 फीसदी ब्याज दर दे रहा है. सबसे अधिक ब्याज दर यानी 9.11 फीसदी का 750 दिन की एफडी पर सीनियर सिटीजन को ऑफर किया जा रहा है।

 जन स्मॉल फाइनेंस बैंक


जन स्मॉल फाइनेंस बैंक (Jana Small Finance Bank) 7 दिन से लेकर 10 साल तक की फिक्स्ड डिपॉजिट पर 3.50 फीसदी से लेकर 9.00 फीसदी तक ब्याज दर ऑफर कर रहा है. बैंक सबसे अधिक ब्याज दर यानी 9 फीसदी का रिटर्न वरिष्ठ नागरिकों को 2 से तीन साल की एफडी पर ऑफर कर रहा है।

 सूर्योदय स्मॉल फाइनेंस बैंक


सीनियर सिटीजन को सूर्योदय स्मॉल फाइनेंस बैंक (Suryoday Small Finance Bank) द्वारा फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम पर शानदार ब्याज दर ऑफर किया जा रहा है जो महंगाई को मात देने में सक्षम है. बैंक 4.50 फीसदी से लेकर 9.10 फीसदी तक ब्याज दर 7 दिन से लेकर 10 साल की एफडी पर ऑफर कर रहा है. बैंक द्वारा अधिकतम ब्याज दर 15 महीने से लेकर 2 साल की एफडी पर ही दिया जा रहा है।

 ESAF स्मॉल फाइनेंस बैंक


ESAF स्मॉल फाइनेंस बैंक भी 7 दिन से लेकर 10 साल की फिक्स्ड डिपॉजिट पर 4.50 फीसदी से लेकर 9.50 फीसदी तक ब्याज दर ऑफर कर रहा है. बैंक द्वारा सबसे अधिक ब्याज यानी 9 फीसदी का रिटर्न 2 से 3 साल की अवधि पर ऑफर किया जा रहा है.

आजकल बेशक निवेश के तमाम ऑप्‍शंस मौजूद हों, लेकिन फिर भी तमाम लोगों को फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट (FD) का विकल्‍प ही पसंद आता है. खासतौर पर बुजुर्गों को, क्‍योंकि वो इस उम्र पर किसी भी तरह का रिस्‍क लेना पसंद नहीं करते हैं. एफडी के विकल्‍प सभी बैंकों में मौजूद रहते हैं. आपने अगर गौर किया हो कि ज्‍यादातर बैंक एफडी पर सीनियर सिटीजन (senior citizen) को आम लोगों की तुलना ज्‍यादा ब्‍याज की पेशकश करते हैं. कभी सोचा है आपने कि बैंक ऐसा क्‍यों करते हैं? आइए आपको बताते हैं-

ये है ज्‍यादा ब्‍याज देने की वजह

बुजुर्गों को ज्‍यादा ब्‍याज देने की वजह ये है कि बैंक उन्‍हें लो रिस्‍क वाली कैटेगरी में लॉन्‍ग टाइम इन्‍वेस्‍टर (long time investor) मानते हैं. ऐसे में वो उन्‍हें ज्‍यादा ब्‍याज की पेशकश करके निवेश करने के लिए प्रोत्‍साहित करते हैं. इसके अलावा बैंक सीनियर सिटीजंस (senior citizens) को प्राथमिकता वाले ग्राहकों की लिस्‍ट में शामिल करते हैं. इसका कारण है कि वे रिस्‍क नहीं लेना चाहते हैं और गारंटीड रिटर्न वाली स्‍कीम्‍स (Guaranteed return schemes) को पसंद करते हैं, इसकी वजह से उनकी एफडी स्‍कीम्‍स में निवेश करने की संभावना ज्‍यादा होती है. उस संभावना को और बेहतर करने के लिए बैंक उन्‍हें बेहतर ब्‍याज की पेशकश करते हैं।

फिकस्ड डिपॉजिट (FD) के हैं क्‍या फायदे

ज्यादातर बैंक सीनियर सिटीजन (senior citizen) को अलग-अलग टेन्योर वाले एफडी पर जनरल फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट (FD) के मुकाबले 50 बेसिस प्‍वॉइंट यानी 0.50% ज्यादा ब्याज देते हैं. इसके अलावा कुछ बैंक 80 साल या उससे ज्यादा उम्र वाले ‘सुपर सीनियर सिटिजन्स’ को 0.25% का और अतिरिक्त ब्याज देते हैं।

फिकस्ड डिपॉजिट (FD) पर आपको निश्चित रिटर्न मिलता है यानी आप जिस ब्‍याज दर के साथ पैसा जमा करते हैं, वही दिया जाता है. बीच में अगर बैंक ब्‍याज दरों में बदलाव करे तो उसका फर्क आपकी एफडी (FD interest rates) पर नहीं पड़ता. लेकिन अगर आपने फ्लोटिंग एफडी करवाई है तो ब्‍याज की दरें अलग-अलग हो सकती हैं।

अगर आपने कहीं फिकस्ड डिपॉजिट (FD) करवाई है, तो आपको इसके बदले में लोन की सुविधा मिल जाती है। इसके अलावा कई बैंकों में लोन के आधार पर ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी भी मिलती है। इसका कारण है कि एफडी की रकम बैंक के पास एक गारंटी के रूप में होती है। आपकी रकम के हिसाब से ही बैंक आपको लोन देता है. अगर आप लोन को समय से नहीं चुका पाते तो आपकी एफडी (FD) की रकम से उस लोन को कवर कर लिया जाता है।

अगर आप 5 साल या उससे ज्‍यादा समय के लिए एफडी करवाते हो, तो आपको आयकर अधिनियम 1961 की धारा 80सी के तहत टैक्स छूट क्लेम करने का मौका मिलता है. वहीं इनकम टैक्‍स एक्‍ट के सेक्शन 80TTB के अनुसार, सीनियर सिटीजंस को एफडी पर एक वित्त वर्ष में अर्जित होने वाले 50 हजार रुपए तक के ब्याज पर टैक्स नहीं देना होता है।


 

फिक्स्ड डिपॉजिट में पैसे लगाने के नुकसान भी- 

अपने पैसों को सही जगह इनवेस्ट करने के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) आज भी सबसे ज्यादा पसंदीदा योजनाओं में से एक है। कई सारे लोग अपने पैसों को सुरक्षित तरीके से इनवेस्ट करने के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट पर ही भरोसा करते हैं। पिछले कुछ महीनों के दौरान लगभग सारे प्राइवेट और सरकारी बैंकों ने फिक्स्ड डिपॉजिट (fixed deposit) पर इंटरेस्ट रेट को भी बढ़ा दिया है। हालांकि फिर भी एफडी में पैसा लगाने पर आपको जहां एक तरफ कई सारे फायदे होते हैं तो वहीं आपको कुछ नुकसान भी उठाना पड़ सकता है। ऐसे में आइये जानते हैं कि एफडी में पैसा लगाने पर आपको क्या नुकसान उठाने पड़ सकते हैं।


लॉक इन पीरियड

एक बार जब आप एफडी  में इनवेस्ट करते हैं तो आपका पैसा डिपॉजिट की अवधि के लिए लॉक हो जाता है। इसका मतलब यह है कि आप अपने पैसे को तब तक इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं जब तक कि वह पीरियड खत्म ना हो जाए। भले ही आपके साथ कोई इमरजेंसी की स्थिति क्यों ना हो।

फिक्स्ड इंटरेस्ट रेट

फिक्स्ड डिपॉजिट (fixed deposit) का एक नुकसान यह है कि इसमें आपको फिक्स्ड इंटरेस्ट मिलता है। इसमें खाता खोलते वक्त जो ब्याज दर रहती है उसी हिसाब से आपको रिटर्न मिलता है। जब आप एक फिक्स्ड इंटरेस्ट रेट (FD interest rate) पर कोई एफडी खोलते हैं तो आपको उसी अवधि के अंत तक उसी हिसाब से ब्याज मिलता है।


महंगाई

फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) पर ज्यादातर बार महंगाई दर से कम ही होती है। ऐसे में अगर एफडी से महंगाई दर से ज्यादा इंटरेस्ट नहीं मिलता तो उसमें निवेश करने पर आपको कुछ खास फायदा नहीं मिलेगा। अगर महंगाई की दर आपके एफडी इंटरेस्ट रेट(FD interest rate)  से ज्यादा है तो समय के साथ साथ आपके पैसों की वैल्यू कम होती जाएगी।

लिक्विडिटी

अगर कभी जरूरत पड़ने पर आप अपनी एफडी (FD) को तोड़ते हैं तो इस पर आपको प्री मेच्योर पेनाल्टी देनी होती है। इसके अलावा आपको एफडी पर कोई कैपिटल गेन्स टैक्स नहीं देना होता है।

TDS

एफडी (FD interest rate) पर आपको जो ब्याज दिया जाता है वह टैक्स के दायरे में आता है। इसका सीधा सा मतलब यह है कि आपको मिलने वाले ब्याज पर टैक्स देना होगा। एफडी पर प्याज इनकम फ्रॉम अदर सोर्स में गिना जाता है।


सीनियर सिटीजन को FD के ब्याज पर 10 फीसदी TDS देने से मिल सकती है छूट


Income Tax Rebate सरकार बुजुर्गों को टैक्स में छूट देती है। इसके तहत वरिष्ठ नागरिकों को एफडी के ब्याज पर टीडीएस (TDS) भुगतान से छूट दी गई है। अगर आप बुजुर्ग हैं और 10 फीसदी टीडीएस देने से बचना चाहते हैं तो आपको पहले कुछ जरूरी काम करने होंगे।


सेल्फ डिक्लेरेशन फॉर्म जमा करें


वरिष्ठ नागरिकों (senior citizens) को वित्तीय वर्ष की शुरुआत में स्व-घोषणा पत्र अपने बैंक में जमा करना चाहिए। इनमें फॉर्म 15जी और फॉर्म 15एच शामिल हैं।

बैंक से करें ब्याज न काटने का अनुरोध


यदि कर योग्य आय कर-मुक्त सीमा से कम है, तो करदाता बैंक से ब्याज पर कर नहीं काटने का अनुरोध कर सकता है। इस वर्ष से, 75 वर्ष और उससे अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिक जो आयकर रिटर्न दाखिल नहीं करना चाहते हैं, वे अपने बैंक में फॉर्म 12BBA जमा कर सकते हैं।


किसे मिलेगी छूट?


इनकम टैक्स रिटर्न  (income tax return) फाइल करने से छूट सिर्फ ऐसे वरिष्ठ नागरिकों को मिलती है, जिनकी पेंशन और फिक्स्ड डिपॉजिट पर मिलने वाले ब्याज से ही आमदनी होती है। दूसरी शर्त यह है कि पेंशन और फिक्स्ड डिपॉजिट एक ही बैंक में होना चाहिए। फॉर्म 12BBA में कई चीजें भरनी होती हैं। इनमें सेक्शन 80C से सेक्शन 80U के तहत कटौती, सेक्शन 87A के तहत टैक्स छूट और फिक्स्ड डिपॉजिट और फिकस्ड डिपॉजिट से होने वाले ब्याज से होने वाली कुल आय का विवरण शामिल है।

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के मुताबिक फॉर्म जमा करने के बाद बैंक करदाता की कुल आय की गणना करता है। इसके लिए वह धारा 87ए के तहत कर कटौती और छूट पर विचार करता है और स्लैब दर के अनुसार अंतिम आय से कर काटता है।

सीबीडीटी ने इस बात का विशे। खयाल रखा है कि इस फॉर्म को भरने में किसी तरह की परेशानी ना हो। इसके लिए उसने बैंकों से वरिष्ठ नागरिकों को फॉर्म भरने में मदद करने को कहा है।


एक तरह से बैंक वरिष्ठ नागरिक करदाताओं की ओर से आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करेगा। सीबीडीटी का यह कदम बहुत ही अच्छा है। दरअसल, वरिष्ठ नागरिकों को आईटीआर फाइल करने में दिक्कत होती है, क्योंकि इनकम टैक्स के नियम बदलते रहते हैं।

12BBA जमा करना क्यों जरूरी है?


फॉर्म 12BBA जमा करने का एक और फायदा यह है कि वरिष्ठ नागरिकों को फिकस्ड डिपॉजिट के ब्याज पर काटे गए टैक्स के रिफंड के बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है। इनकम टैक्स के नियमों के मुताबिक, अगर 60 साल और उससे ज्यादा उम्र के वरिष्ठ नागरिक की एक वित्तीय वर्ष में 50,000 रुपये से ज्यादा की ब्याज आय होती है तो बैंक उस पर 10 फीसदी टीडीएस काटेगा।

जो करदाता 5प्रतिशत  और 10प्रतिशत  आयकर स्लैब में आते हैं, उनका पैसा टीडीएस में चला जाएगा। जैस कि अगर किसी व्यक्ति की ब्याज आय 7 लाख रुपये है तो 10 फीसदी टीडीएस के हिसाब से उसे 70,000 रुपये का नुकसान होगा। अगर करदाता फॉर्म 12BBA जमा करता है तो उसे 52,500 रुपये का टैक्स देना होगा। फॉर्म 12BBA नहीं भरने वाले करदाताओं को 17,500 रुपये का रिफंड मिलेगा।

पैन कार्ड जमा नहीं कराने पर 20 फीसदी टैक्स लगता है


यदि जमाकर्ता स्थायी खाता संख्या (PAN) जमा नहीं करता है, तो एफडी पर 20प्रतिशत  कर लगाया जाएगा। अगर आपको मिलने वाली ब्याज की राशि छूट की सीमा के भीतर है और बैंक फिर भी टीडीएस काटता है, तो आप आयकर रिटर्न दाखिल करते समय इसका दावा कर सकते हैं।