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Tenancy law : अब नहीं चलेगी मकान मालिक की मनमानी, किराएदारों को कानून ने दी बड़ी राहत

Tenant rights : बढ़ती आबादी के चलते लोग बेहतर अवसर पाने के लिए दूसरे शहरों में चले जाते हैं और किराए पर रहकर अपना गुजर बसर करते हैं। कई बार मकान मालिक (Landlord's property rights) के बरताव से किराएदार को परेशानी का सामना करना पड़ता है । अब इससे बचने के लिए कानून में किराएदारों को कुछ अहम प्रावधानों किए गए हैं, जिससे किराएदारों (tenant properry rights) को कोई परेशानी का सामना नहीं करना होगा और मकान मालिक की मनमानी पर भी अंकुश लगेगा।

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Tenancy law : अब नहीं चलेगी मकान मालिक की मनमानी, किराएदारों को कानून ने दी बड़ी राहत

HR Breaking news : (Tenant rules) अक्सर किराएदार और मकान मालिक के बीच विवाद होते रहते हैं, अधिकतर विवादों का कारण मकान मालिक का किराएदार पर की जाने वाली मनमानी ही होती है। अब कुछ कानूनी प्रावधान किराएदारों के लिए एक नई उम्मीद की किरण बने हैं। मकान मालिकों की मनमानी पर कड़ी लगाम लगने वाली है। कानून ने किराएदारों को कुछ अहम अधिकार (landlord tenant rights) दिए हैं, जिससे उनकी सुरक्षा सुनिश्चित होगी। मकान मालिकों द्वारा दी जाने वाली बेवजह की परेशानियों का सामना अब किराएदारों को नहीं करना पड़ेगा। यह बदलाव एक नए युग की शुरुआत का संकेत है, जहां हर किराएदार को उसका हक मिलेगा।

मकान खाली करवाने का है अलग नियम -


अगर कोई किराएदार को निर्धारित समय से पहले घर छोड़ने के लिए कहा जाए, तो यह कानूनी तौर पर सही नहीं है। मकान मालिक केवल कुछ स्थितियों में ही किराएदार (Tenant rights for property) से घर खाली करा सकते हैं, जैसे कि 2 महीने से किराया न देने पर या घर का गलत इस्तेमाल होने पर। इन परिस्थितियों में भी मकान मालिक को किराएदार को पहले से 15 दिन का अलर्ट देना जरूरी है। रेंट एग्रीमेंट (rent agreement) में जो बातें लिखी गई हैं, उनका पालन करना दोनों पक्षों के लिए जरूरी होता है और बिना उचित कारण के घर खाली कराना गलत होगा।


ऐन टाइम पर नहीं बढ़ाया जा सकता किराया-


अगर घर के मालिक को किराए में बढ़ोतरी करनी हो, तो उसे कम से कम तीन महीने पहले किराएदार को सूचित करना होगा। बिना सूचना के किराया (house rent rules) बढ़ाना गलत होगा। इसके अलावा, किराएदार को अपनी ज़रूरत की बुनियादी सुविधाएं, जैसे कि पानी, बिजली का कनेक्शन और पार्किंग की सुविधा, मांगने का पूरा अधिकार है। मकान मालिक इन आवश्यक सुविधाओं को देने से इंकार नहीं कर सकते। यह सभी अधिकार किराएदार के लिए सुनिश्चित हैं, और मकान मालिक (makan malik ke adhikar) को इन्हें पूरा करना होता है।


सिक्‍योरिटी मनी पर यह नियम लागू -


कानूनी रूप से किराएदार से ली जाने वाली सिक्योरिटी मनी 2 महीने के किराए से अधिक नहीं हो सकती। अगर मकान मालिक सुरक्षा राशि के रूप में अधिक पैसा मांगते हैं, तो इसे रेंट एग्रीमेंट (Rent Agreement rules) में साफ तौर पर उल्लेख करना चाहिए। यह राशि किराएदार के घर छोड़ने के बाद एक महीने के अंदर वापस करनी होती है। इस नियम का पालन करना जरूरी है, ताकि किराएदार का अधिकार सुरक्षित रहें ।


मकान की मरम्मत का जिम्मा मकान मालिक का -


रेंट एग्रीमेंट के बाद अगर घर खराब हो रहा है, तो उसकी मरम्मत का जिम्मा घर प्रोपर्टी (property knowledge) के मालिक पर होता है। यदि मकान मालिक घर को ठीक कराने में सक्षम नहीं है, तो किराएदार किराए (Tenant house rent rules) में कमी की मांग कर सकता है। अगर दोनों के बीच कोई विवाद उत्पन्न होता है, तो किराएदार को रेंट अथॉरिटी से सहायता लेने का अधिकार है। यह सुनिश्चित करता है कि किराएदार को उचित सुविधा और अधिकार मिले, और किसी भी समस्या का समाधान कानूनी तरीके से हो सके।

मकान मालिक की नहीं होगी दखलंदाजी -


रेंट एग्रीमेंट के बाद घर के किरायेदार (kirayedar ke adhikar) को बिना कारण परेशान नहीं किया जा सकता। वह किरायेदार के कामों में दखलंदाजी करके उसे डिस्टर्ब नहीं कर सकता। अगर मकान मालिक को घर में कुछ बदलाव या मरम्मत (Tenant renovation rules) करने का काम करना हो, तो उसे कम से कम एक दिन पहले किराएदार को लिखित में सूचित करना जरूरी है। यदि किराएदार घर में नहीं है, तो मकान मालिक घर के ताले नहीं खोल सकते और न ही किराएदार का सामान बाहर निकाल सकते हैं। यह सब नियम किराएदार के अधिकारों की सुरक्षा करते हैं और मकान मालिक को अनुशासन में रहकर काम करना पड़ता है।