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Income Tax Notice : इन टैक्सपेयर्स को इनकम टैक्स धड़ाधड़ भेज रहा है नोटिस, जान लें कहीं आप नाम तो नहीं है लिस्ट में

ITR Filing : इनकम टैक्स विभाग द्वारा टैक्सपेयर्स के लिए समय-समय पर नोटिस जारी किया जाता है। कई बार टैक्सपेयर द्वारा की गई चूक की वजह से इनकम टैक्स विभाग टैक्सपेयर को नोटिस भेज देता है। इन दिनों इनकम टैक्स विभाग ऐसे टैक्सपेयर्स (Taxpayers news) को धड़ाधड़ नोटिस भेजा जा रहा है। आइए विस्तार से जानते हैं कि इनकम टैक्स के इस अपडेट के बारे में।
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Income Tax Notice : इन टैक्सपेयर्स को इनकम टैक्स धड़ाधड़ भेज रहा है नोटिस, जान लें कहीं आप नाम तो नहीं है लिस्ट में 

HR Breaking News - (Update for taxpayer)। अगर आप भी इनकम टैक्स का भुगतान करते हैं तो ये खबर आपके काफी काम की हो सकती है। हाल ही में इनकम टैक्स विभाग ने टैक्सपेयर्स के लिए एक बड़ा अपडेट जारी किया है। इन दिनों इनकम टैक्स (income tax notice update) विभाग ने कुछ टैक्सपेयर्स पर अपनी तीखी नजरें गढ़ाई हुई है। अपडेट के मुताबिक अब इनकम टैक्स विभाग द्वारा टैक्सपेयर्स को नोटिस भेजा जा रहा है। ऐसे में आपके लिए ये जानना काफी ज्यादा जरूरी है कि विभाग किन कारणों की वजह से नोटिस भेज रहा है। आइए विस्तार से जानते हैं इस बारे में।

जानिये क्या है परेशानी-


नई रिजीम (Tax Regime) के तहत टैक्सपेयर्स को कुल 7 लाख रुपए तक की इनकम होने पर टैक्स में छूट दी जाती है। इसकी वजह से उनकी टैक्स लायबिलिटी भी जीरो हो जाती है। हालांकि कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह साफ नहीं है कि कैपिटल गेन्स (Capital Gains) जैसी स्पेशल रेट इनकम पर यह लागू की जाएगी या फिर नहीं।

एक टैक्स (IT notice kab) एक्सपर्ट ने जानकारी देते हुए बताया कि धारा 87A के तहत टैक्स एप्लीकेशन में एक समस्या हो सकती है। खास तौर पर उन टैक्सपेयर्स के लिए जो रेग्युलर इनकम और एसटीसीजी जैसी स्पेशल रेट इनकम दोनों को ही रखते हैं। इस बात पर कनफ्यूजन बना हुआ है कि रिबेट की कैलकुलेशन (Calculation of Rebate) कुल इनकम के हिसाब से ही लागू होती है।

इस वजह से भेजे जा रहे हैं नोटिस-


सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (Central Board of Direct Taxes) ने हाल ही में ITR यूटिलिटी पोर्टल के जरिए रिटर्न प्रोसेस को करते हुए शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन्स (STCG) और लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG) को छूट से बाहर कर दिया है। इसकी वजह से कई टैक्सपेयर्स (Update for taxpayer) को टैक्स नोटिस भी भेजे जा रहे हैं। फोर्विस मजार्स के डायरेक्ट टैक्स पार्टनर ने जानकारी देते हुए बताया कि सीबीडीटी ने ITR यूटिलिटी पोर्टल पर खुद संज्ञान लेते हुए इस तरह के शॉर्ट-टर्म और लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन्स (Long-Term Capital Gains) पर धारा 87A के तहत छूट देने का सुनिश्चित करने से सपष्ट रुप में मना कर दिया है। इसकी वजह से विवाद बढ़ रहा है।

इस समय पर दी जाती है छूट-


जब नॉर्मल इनकम पर स्लैब दरों के हिसाब से टैक्स (tax rules in india) लगाया जाता है तो इसपर छूट दी जाती है। इसके अलावा धारा 112 के अंतर्गत लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन्स लिस्टेड इक्विटी शेयरों और इक्विटी म्यूचुअल फंड्स (Equity Mutual Funds) के अलावा दूसरे कैपिटल एसेट्स पर भी टैक्स में छूट दी जाती है। इसके अलावा धारा 111A के अंतर्गत शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन्स जैसे लिस्टेड इक्विटी शेयरों और इक्विटी म्यूचुअल फंड्स (Mutual Fund investment) पर 15 प्रतिशत टैक्स की राहत दी जाती है। 

इस समय नहीं मिलती छूट-


धारा 112A के तहत लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन्स यानी इक्विटी शेयरों (shere market) और इक्विटी म्यूचुअल फंड्स पर 10 प्रतिशत टैक्स की छूट नहीं दी जाती है। एक्सपर्ट्स ने बताया कि कुछ टैक्सपेयर्स का मानना ​​है कि धारा 87A के तहत छूट कैपिटल गेन्स (Capital Gain kya h) सहित कुल इनकम पर उपलब्ध दी जाती है। कुछ सीआईटी (ए) रुलिंग्स ने इसे सपोर्ट भी किया है। जब तक मामला विधायी या न्यायिक रूप से हल नहीं हो जाता है तब तक ही टैक्सपेयर्स (news for taxpayer) को इनकार का विरोध करना होगा और उचित जवाब को भी फाइल करना होगा।

नोटिस मिलने पर करें ये काम-


नोटिस को रिव्यू करें - नोटिस (IT notice milne par kya kare) मिलने पर आपको ये चेक करना चाहिए कि छूट का दावा टैक्स प्रावधानों के मुताबिक ही होता है। 
टैक्स एक्सपर्ट से सलाह लें - इसके अलावा नोटिस आने पर आप क्लेम को वैलिडेट करने के लिए चार्टर्ड अकाउंटेंट (Chartered Accountant) की भी सलाह लें सकते हैं।
सुधार या अपील दायर करें - अगर गलत तरीके से आपकी रिक्वेट को रिजेक्ट (Request Rejected) कर दिया गया है तो इसमें भी सुधार के लिए अनुरोध को दायर करें या नोटिस का विरोध करें।