Tenant landlord Dispute : 40 साल से किराएदार ने कर रखा था प्रोपर्टी पर कब्जा, हाईकोर्ट ने सुनाया ऐतिहासिक फैसला
Tenant landlord Dispute - इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 40 साल से मुकदमे में उलझाए मकान पर किराएदार को मोटा जुर्माना लगाते हुए एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. बता दें कि किराएदार ने 1979 से किराया नहीं दिया और 1981 में संपत्ति खाली करने को कहा गया.... आइए नीचे खबर में जान लेते है इस मामले को विस्तार से-

HR Breaking News, Digital Desk- (Tenant landlord Dispute) इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) की लखनऊ बेंच ने एक किरायेदार पर 15 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. किरायेदार ने चार दशकों तक एक मकान को मुकदमे में उलझाए रखा, जिससे पूरी एक पीढ़ी अपने अधिकारों से वंचित रह गई. कोर्ट ने 30 साल पुरानी याचिका का निपटारा करते हुए जिलाधिकारी लखनऊ को दो महीने के भीतर हर्जाना वसूलने का निर्देश दिया है, यदि किरायेदार भुगतान नहीं करता है.
बता दें कि यह पूरा मामला राजधानी के फ़ैजाबाद रोड स्थित एक प्रॉपर्टी से जुड़ा है. किराएदार ने 1979 से किराया नहीं दिया और 1981 में जब संपत्ति (property) की मालकिन ने संपत्ति खाली करने को कहा तो मुकदमों में उलझा दिया. 1982 में संपत्ति की मालकिन कस्तूरी देवी ने प्राधिकारी के सामने रिलीज़ याचिका दाखिल की. इसके बाद 1992 में यह मामला हाईकोर्ट (highcourt) पहुंच गया.
किराएदार वोहरा ब्रदर्स की याचिका ख़ारिज-
हाईकोर्ट ने किराएदार (tenant) वोहरा ब्रदर्स की याचिका ख़ारिज करते हुए कहा कि करीब 40 सालों तक एक पूरी पीढ़ी को अधिकारों से वंचित कर दिया गया. हाईकोर्ट ने किराएदार पर 15 लाख रुपए का जुर्माना (fine) लगाया। हाईकोर्ट ने डीएम लखनऊ (lucknow) को आदेश दिया कि यदि हर्जाने की रकम 2 महीने में जमा नहीं की जाती है तो वसूली की जाए.
मकान कब्जे की नियत से शुरू की मुकदमेबाजी-
मालकिन कस्तूरी देवी ने 1982 में वोहरा ब्रदर्स से फैजाबाद रोड की अपनी संपत्ति (property) खाली करने को कहा ताकि उनका बेटा वहां व्यवसाय शुरू कर सके. हालांकि, वोहरा ब्रदर्स ने न केवल संपत्ति खाली करने से इनकार कर दिया, बल्कि 187 रुपये का किराया भी देना बंद कर दिया. इसके बाद, किराएदार ने संपत्ति पर अवैध कब्जा (Tenant illegally occupies property) करने के लिए मुकदमा दायर कर दिया.