Supreme Court ने किया क्लीयर, कब्जाधारी कितने साल में बन जाएगा प्रोपर्टी का मालिक
Supreme Court - भारत के संपत्ति कानून में एक उपबंध (provision) है, जिसके तहत किरायेदार किसी कारणवश मकान मालिक की संपत्ति पर अधिकार जमा सकता है। यह उपबंध उन्हें कुछ स्थिति में अधिक अधिकार प्रदान करता है, जिससे मकान मालिकों को सजग रहने की आवश्यकता होती है। ऐसे में आइए नीचे खबर में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक जान लेते है कि आखिर कब्जाधारी कितने साल में प्रोपर्टी का मालिक बन जाएगा-

HR Breaking News, Digital Desk- (Does the Property Become Tenant After 12 Years) मकान को किराये पर चढ़ाना एक बेहतर आय स्रोत माना जाता है, जिससे परिवार की आमदनी बढ़ती है और मकान की देखरेख होती रहती है. लेकिन कई बार थोड़ी सी गलती बहुत भारी भी पड़ जाती है और इंसान को अपने मकान से हाथ भी धोना पड़ जाता है. आज हम ऐसे ही कुछ कानूनी उपबंधों के बारे में आपको बताने जा रहे हैं, जिनके बारे में आपको विस्तार से जान लेना बेहद जरूरी है-
खतरनाक है प्रतिकूल कब्जे का कानून-
भारत में अंग्रेजों के जमाने के दौरान, 'प्रतिकूल कब्जे' (Adverse Possession Rules) का कानून प्रचलित हुआ था. इस कानून के तहत, यदि कोई व्यक्ति किसी दूसरे की संपत्ति पर 12 साल से अधिक समय तक काबिज रहता था, तो उसे मालिक घोषित किया जा सकता था. इससे असल मकान मालिक अपना अधिकार खो सकता था. हालांकि, 2005 में इस कानून को पुनर्जीवित करने से पहले भारतीय अधिकारियों ने इसे रद्द करने का प्रयास किया.
इतने साल बाद किरायेदार का हो जाता है मकान-
इस कानून के तहत अगर किसी संपत्ति (Property Ownership 12 Years Rule) पर दूसरे व्यक्ति ने शांतिपूर्ण तरीके से कब्जा किया हुआ और इसका पता असल मकान मालिक को भी है लेकिन वह उस कब्जे को छुड़वाने के लिए (to release that possession) कोई कानूनी पहल नहीं करता तो 12 साल बाद किरायेदार उस जमीन का असल मालिक होने का दावा कर सकता है. हालांकि इसके लिए उसे कई शर्तें भी पूरी करनी पड़ती हैं. जिनमें 12 साल तक बिना किसी रुकावट के उस मकान में रहना, हाउस टैक्स (House tax) की रसीद, बिजली-पानी के बिल (electricity and water bills) अपने नाम से दिखाना शामिल हैं. साथ ही गवाहों के एफिडेविट की भी जरूरत होती है.
मकान मालिकों को सचेत रहने की जरूरत-
लीगल एक्सपर्ट कहते हैं कि अपनी संपत्ति (Property Ownership 12 Years Rule) को अवैध कब्जे से बचाने के लिए मकान मालिकों को बहुत सचेत रहना चाहिए. सबसे पहली बात तो ये है कि किसी भी व्यक्ति को मकान किराये पर देते समय 11 महीने का रेंट एग्रीमेंट बनवाना चाहिए. जब वह एग्रीमेंट खत्म (aggrement ends) हो जाए तो एक महीने का गैप देकर फिर से 11 महीने का एग्रीमेंट बनवाना चाहिए. ऐसा करना प्रॉपर्टी के लगातार कब्जे में ब्रेक माना जाएगा. दूसरा तरीका ये है कि आप समय-समय पर अपने किरायेदारों को बदल भी सकते हैं.
ढिलाई बरतने से गंवा सकते हैं प्रॉपर्टी-
अगर आप कहीं दूर रहते हैं तो महीने- दो महीने में एक बार अपनी प्रॉपर्टी (Property Ownership 12 Years Rule) की विजिट कर देख लेना चाहिए कि वहां पर कोई अवैध कब्जा (illegal possession) तो नहीं किया गया है. अगर आपकी प्रॉपर्टी में कोई अवैध रूप (Any illegal construction in the property) से रहता दिखाई दे तो तुरंत उसे बाहर करने के लिए पुलिस-प्रशासन में शिकायत करनी चाहिए. इस काम में ढिलाई बरतने पर आप अपनी प्रॉपर्टी से हाथ धो सकते हैं, जिसका नुकसान आपको ही हो सकता है.