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Supreme Court ने बताया- पत्नी की संपत्ति में पति का कितना हक

Supreme Court Ruling On Stridhan: भारतीय कानून में "स्त्रीधन" महिलाओं के पक्ष में एक सुरक्षित अधिकार हैं, जो महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वतंत्रता प्रदान करता है। यह महिला की वह संपत्ति होती है जो उसे (Wife's Property Rights) विवाह से पहले, विवाह के दौरान या विवाह के बाद प्राप्त होती है। लेकिन सवाल यह उठता हैं कि क्या स्त्रीधन पर पति का भी अधिकार होता हैं? आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से...

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Supreme Court ने बताया- पत्नी की संपत्ति में पति का कितना हक

HR Breaking News : Stridhan Supreme Court Judgement : भारतीय संविधान में महिलाओं के अधिकारों से जुडी अनेकों धाराएं बनाई गई हैं। इन्हीं अधिकारों के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है जिसमें महिलाओं के अधिकारों को मजबूत किया गया है। अदालत ने अपने फैसले में बताया हैं (husband share in wife property) कि पत्नी के 'स्त्रीधन' पर पति का कोई अधिकार है या नहीं? हालांकि, कोर्ट ने कहा कि जरूरत पड़ने पर पति पत्नी की संपत्ति (स्त्रीधन) का इस्तेमाल कर सकता है, लेकिन क्या बाद में उस स्त्रीधन पति को वापस करना होगा आइए जानते हैं महिलाओं के इस अधिकार के बारे में विस्तार से -

जानिए क्या था मामला -


शादी के समय महिला को उसके परिवार से 89 सोने के सिक्के मिले थे। शादी की पहली रात ही पति ने पत्नी के सभी गहने ले लिए और अपनी माँ को सुरक्षित रखने के लिए दे दिए। महिला ने अपने सुसराल वालों पर (stridhan kya hota hai) आरोप लगाया कि उसके पति और सास ने गहनों में हेरफेर किया और अपना कर्ज चुकाने के लिए उन्हें बेच दिया। 

सुप्रीम कोर्ट (stridhan in hindu law in hindi) ने कहा कि शादी आपसी विश्वास पर टिकी होती है और पति को पत्नी के 'स्त्रीधन' का सम्मान करना चाहिए। यह फैसला महिलाओं के अधिकारों और 'स्त्रीधन' के संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। शादी के बाद महिला के पिता ने उसके पति को 2 लाख रुपये का चेक भी दिया था।

कोर्ट में पहुंचा मामला -


2011 में फैमिली कोर्ट ने साबित हुआ कि पति और सास ने महिला के सोने के गहने गायब कर दिए थे। कोर्ट ने कहा कि महिला को हुए नुकसान की भरपाई मिलनी चाहिए। पति ने फैमिली कोर्ट के फैसले के (Women's Property Rights) खिलाफ केरल हाई कोर्ट में अपील की। हाई कोर्ट ने फैमिली कोर्ट के फैसले को पलट दिया, यह कहते हुए कि महिला यह साबित नहीं कर पाई कि उसके पति और सास ने गहनों में छेड़छाड़ की थी। इसके बाद महिला अपना केस लेकर सुप्रीम कोर्ट चली गई।

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा -


सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि "स्त्रीधन" पति-पत्नी की साझा संपत्ति नहीं है, बल्कि पत्नी की निजी संपत्ति है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया कि पति का इस पर कोई अधिकार नहीं है। पति केवल मुसीबत के समय  (Husband Rights In Wife's Property) पत्नी की इच्छा से ही स्त्रीधन का इस्तेमाल कर सकता है, लेकिन उसे वापस करना उसका नैतिक दायित्व है। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने कहा कि पति का 'स्त्रीधन' पर किसी तरह का मालिकाना हक नहीं होता। 

'स्त्रीधन क्या होता है - 


सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि महिला को शादी से पहले, शादी के दौरान या विदाई के समय मिली संपत्ति, उसकी निजी संपत्ति होती है जिसे 'स्त्रीधन' कहा जाता है। स्त्रीधन को लेकर संविधान में भी महिलाओं के अधिकार सुरक्षित किए गए हैं। यह संपत्ति उसकी पूर्ण स्वामित्व में है और वह अपनी मर्जी से इसका इस्तेमाल कर सकती है।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला -


सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया कि महिला ने 89 सोने के सिक्कों के बदले में रुपयों की वसूली के लिए सही कार्रवाई की थी। ये सिक्के 2009 में 8.90 लाख रुपये के थे। कोर्ट ने कहा कि फैमिली कोर्ट के फैसले को बदलना अन्याय होगा। समय बीतने, महंगाई और न्याय के हित को ध्यान में रखते हुए, कोर्ट ने अपनी शक्ति का इस्तेमाल करते हुए महिला को 25 लाख रुपये देने का फैसला दिया।