Income Tax की सेक्शन 194P के तहत इन लोगों को टैक्स में मिलती है छूट, आप भी जान लें ये नियम
ITR Filing :भारत में हर नौकरी करने वाले शख्स को आईटीआर के तहत टैक्स का भुगतान करना होता है। टैक्स का भुगतान करने के लिए उन्हें आइटीआर फाइल करने की जरूरत नहीं होती हैं। ऐसे में कुछ लोन ऐसे भी हैं जो टैक्स (Income Tax Rules) से पूरी ही तरह से दूर रहते हैं और इनकम टैक्स विभाग की ओर से भी इन्हें कुछ नहीं कहा जाता है। ऐसे में अगर आप भी इन लोगों में शामिल है तो आपको टैक्स का भुगतान करने की जरूरत नहीं है।

HR Breaking News - (Income Tax Relief)। भारत में रह रहे हर व्यक्ति को इनकम टैक्स का भुगतान करना होता है। जब भी बात टैक्स की होती हैं तो अक्सर लोगों के मन में ये ख्याल आता है कि काश उन्हें इनकम टैक्स को न भरना पड़े। ऐसे में आपको बता दें कि कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिन्हें टैक्स (news for taxpayer) का भुगतान करने की जरूरत नहीं है। हैरानी की बात तो ये है कि इनकम टैक्स विभाग की ओर से भी इन्हें टैक्स भरने के लिए नहीं कहा जाता है। आइए विस्तार से जानते हैं इन लोगों के बारे में जिनको टैक्स का भुगतान नहीं करना होता है।
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इन लोगों को मिलती है टैक्स से छूट-
अगर आपकी कमाई इनकम टैक्स (Income Tax) द्वारा बनाई गई छूट सीमा के अंदर बनाई जाती हैं तो ऐसे में आपको आईटीआर भरने से छूट मिल सकती है। आपको इनकम टैक्स विभाग की ओर से टैक्स भरने में राहत दी जाती है। लेकिन इस बात का आपको ध्यान देना चाहिए कि आपकी कमाई पर लगने वाली डिडक्शन को शामिल नहीं किया गया है। डिडक्शन लेने के बाद निकलने वाली टैक्सेबल इनकम (taxable income) पर ही टैक्स लगाया जाता है। अगर आपकी कमाई टैक्स छूट की सीमा से ज्यादा है तो आपके लिए भी आईटीआर को भरना जरूरी है।
जानिये कौन है दूसरे शख्स-
आयकर विभाग (Income Tax Department) की ओर से सेक्शन 194P के तहत 75 साल की उम्र से ज्यादा लोगों को आईटीआर भरने से छूट दी जा रही है। हालांकि, इसके लिए कुछ शर्तें भी हैं। ये काफी ज्यादा जरूरी है कि सीनियर सिटीजन को पिछले साल में भारत का ही नागरिक होना चाहिए। साथ ही ये भी काफी ज्यादा जरूरी है कि सीनियर सिटीजन (taxpayer responsiblities) की कमाई पेंशन इनकम और उसे बैंक में रखने से उस पर मिले ब्याज से ही हो रही हो। साथ ही में उसी बैंक खाते में पेंशन आती हो जिससे वो आईटीआर को भर रहे हैं।
ITR भरने से मिलते हैं बंपर फायदे-
अगर आप इन दोनों ही कैटेगरी में नहीं आते हैं तो भी ये जरूरी नहीं है कि आपको आईटीआर को भरने की जरूरत है। हालांकि, अगर आप आईटीआर फाइल (ITR filling benifits) करते रहते हैं तो इसकी वजह से आपके पास एक लीगल डॉक्युमेंट तैयार हो जाता है तो आपको लोने लेने के समय काफी ज्यादा काम आ सकता है। अगर आप इन कैटेगरी में नहीं हैं तो गलती से भी आईटीआर फाइल करना ना भूलें, वरना आपको जुर्माना भरना पड़ सकता है। भले ही आप पर टैक्स (tax bachane ke tarike) नहीं लगता है, लेकिन अगर आप नौकरी करते हैं तो आपको आईटीआर जरूर फाइल करना चाहिए। आईटीआर फाइल करने के भी कई फायदे होते हैं।
इनकम प्रूफ के तौर पर करता है काम-
ITR इस बात का सबूत देता है कि आपकी हर महीने की कमाई कितनी है। यानी अगर आपको किसी बैंक या किसी और जगह पर ये दिखाना है कि आप कितने पैसों को कमाते हैं तो ITR (ITR as income prof) आपके लिए एक इनकम टैक्स प्रुफ के ही रूप में काम करता है। आईटीआर आपके इनकम प्रूफ की तरह काम ही काम करता है।
लोन का अप्रूवल हो जाता है आसान-
आईटीआर भरने की वजह से अगर आप होम लोन, पर्सनल लोन या फिर कार लोन को लेने के बारे में विचार कर रहे हैं तो भी आईटीआर (ITR filling rules) आपके लिए एक सबुत के तौर पर ही काम करता है। इसकी वजह से बैंक को ये भरोसा हो जाता है कि आप कितने पैसे कमाते हैं साथ ही में आप लोन की राशि को समय पर चुका सकते हैं या नहीं।
वीजा पाने के लिए जरूरी है ITR-
अगर आप कहीं विदेश यात्रा करने के बारे में भी सोच रहे हैं तो वीजा के आवेदन करने के लिए भी ITR फाइलिंग एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है। ये इस बात को दिखाता है कि आपका फाइनेंशियल स्टेटस (financial stauts) कैसे है। इसकी वजह से जो खुद नहीं कमाते हैं, उनके माता-पिता या अभिभावक के आईटीआर की कॉपी दी जा सकता है। वीजा अप्रूवल में ये आपकी काफी ज्यादा मदद करता है।
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बिजनेस को शुरू करने में भी करता है मदद-
अगर आप किसी बिजनेस को शुरू करने के बारे में विचार कर रही है तो भी आईटीआर आपकी काफी मदद करते हैं। जिसमें आप किसी सरकारी विभाग से कॉन्ट्रैक्ट को भी हासिल कर सकता है। आपको आईटीआर (ITR filling tips) की जरूरत नहीं पड़ने वाली है। किसी भी सरकारी विभाग में कॉन्ट्रेक्ट लेने के लिए आपसे 5 साल का ITR मांगा जा सकता है।
बीमा पॉलिसी भी लेना होता है आसान-
इसके साथ ही में जब आप 50 लाख या 1 करोड़ रुपए या फिर इससे भी ज्यादा की रकम लेते हैं या कोई बीमा पॉलिसी को खरीदते हैं तो भी आपको इसके लिए आईटीआर की रसीद को ही दिखाने की जरूरत पड़ती है।