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UP कैबिनेट के फैसले से नोयडा के 5 लाख लोगों को होगा फायदा

UP news : यूपी सरकार ने नॉएडा में बनने वाली इस रोड को मंजूरी दे दी है , ये रोड लगभग 5.96 किलोमीटर लम्बी होगी और इस रोड से नॉएडा के 5 लाख लोगों को फायदा होगा 

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HR Breaking News, New Delhi :  दो राज्यों को जोड़ने वाली चिल्ला एलिवेटड रोड को यूपी कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है. चिल्ला एलिवेटेड रोड सेक्टर-14ए से एमपी-3 नोएडा को जोड़ते हुए शाहदरा ड्रेन के समानान्तर छह लेन की करीब 5.96 किलोमीटर की होगी. इसके निर्माण से अक्षरधाम, मयूर विहार से नोएडा, परिचौक, कालिंदी कुंज, सरिता विहार तक आने वाले लोगों को जाम की समस्या से निजात मिल जाएगा. इसका बजट 801 करोड़ के आसपास रहेगा.

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इस परियोजना का 50 प्रतिशत खर्च करीब 39,365.91 लाख (393.65 करोड़) रुपए भारत सरकार की स्कीम फॉर स्पेशल असिस्टेंस टू स्टेट फॉर केपिटल इनवेस्टमेंट 2023-24 के तहत दिया जाएगा. शेष 50 प्रतिशत नोएडा अथॉरिटी खुद खर्च करेगा. बता दें चिल्ला एलिवेटड को बजट अप्रूवल के लिए कैबिनेट में रखा गया था. इस योजना के बनने से करीब 5 लाख लोगों को राहत मिलेगी.

परियोजना वर्ष 2008 में तैयार की गई थी, लेकिन वर्ष 2019 में धरातल पर उतर सकी. हालांकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शिलान्यास के बावजूद भी इसका काम पूरा नहीं हो सका. यदि समय पर यह परियोजना पूरी हो गई होती तो आज चिल्ला बार्डर से महामाया फ्लाईओवर तक वाहन चालकों को जाम नहीं झेलना पड़ता. यही एक लिंक है जो सीधे दिल्ली को एक्सप्रेसवे से जोड़ता है. इसका फिजिकल काम 13 प्रतिशत हो चुका है. इसकी नई डेड लाइन मार्च 2025 तय की गई है.

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605 करोड़ का बजट पहुंचा था 1000 करोड़ के पारइस प्रोजेक्ट का बजट 2013 में 605 करोड़ था. 2019 में काम शुरू किया गया. करीब 74 करोड़ रुपए खर्च किए गए. इसके बाद मामला पीडब्लूडी की ओर से बजट रिलीज नहीं होने से फंस गया. वहीं ब्रिज कारपोरेशन ने प्रोजेक्ट में वैरिएशन करते हुए योजना का बजट 1076 करोड़ का प्रस्ताव प्राधिकरण को भेजा. प्राधिकरण ने इसे खारिज कर दिया. साथ ही नए सिरे से बजट बनाया गया और आईआईटी से एप्रूव होने के बाद ये बजट 801 करोड़ तय किया गया.

अब तक चार बार बंद हो चुकी है परियोजना
चिल्ला एलिवेटेड रोड का काम चार बार बंद हो चुका है. अब तक परियोजना का 13 प्रतिशत ही काम हो सका है. वर्ष 2020 में कोरोना की आई पहली लहर के कारण करीब चार-पांच माह काम बंद रहा था. फिर उसी साल और फिर 2021 में प्रदूषण की रोकथाम के लिए नेशनल ग्रीन ट्रीब्यूनल (एनजीटी) के आदेश के कारण भी करीब दो माह काम बंद पड़ा रहा. वर्ष 2020 के नवंबर में काम बंद होने पर अक्टूबर 2021 में काम शुरू हुआ था. अब चौथी बार काम बंद हो गया.

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