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UP electricity bill : स्मार्ट मीटर बना मुसीबत, चार घरों का बिजली बिल आया 1.66 करोड

उत्तर प्रदेश में पिछले काफी समय से बिजली चोरी के मामले तेजी से सामने आ रहे थे। ऐसे में सरकार ने बिजली चोरी करने वालों को सब सिखाने के लिए स्मार्ट मीटर लगाए। लेकिन अब स्मार्ट मीटर सरकार के लिए मुसीबत बन गए हैं। हाल ही में बिहार में चार घरों का बिजली बिल (electricity bill ) 1.66 करोड़ आ गया। जब उपभोक्ता को ये बात पता चली तो पैरों तले से जमीन निकल गई। आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला- 

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UP electricity bill : स्मार्ट मीटर बना मुसीबत, चार घरों का बिजली बिल आया 1.66 करोड

HR Breaking News (ब्यूरो)। बिहार में  बिजली का स्मार्ट मीटर (Bihar Smart Meter) उपभोक्ताओं के लिए जी का जंजाल बन गया है। पहले मुजफ्फरपुर के अहियापुर के किसान को 7 लाख, फिर बंदरा के मजूदर को 31 लाख बिजली बिल बकाया बताया गया। इसके बाद अब 76 लाख (Electricity Bill of Rs 76 Lakh) और 52 लाख बकाया के मामले सामने आए हैं। इस कारण इन लोगों की बिजली काट दी गई है।

उपभोक्ताओं की शिकायत के बावजूद बिल दुरुस्त नहीं किया गया। विभाग की गलती की वजह से लोग अंधेरे में रहने को विवश हैं।
 बंदरा प्रखंड की सिमरा पंचायत के इनायतपुर की फूला देवी के घर की बिजली (Bihar Electricity Department) कट गई है। इनके यहां बिजली विभाग ने 76 लाख रुपए बकाया बताया है। दूसरी ओर बीते 27 जून को हरिशंकर मनियारी निवासी एमआर हरेश कुमार के घर की बिजली कट गई। रिचार्ज किया, लेकिन चालू नहीं हो सकी। जब बिल डाउनलोड कर देखा तो दंग रह गए।

काम छोड़ सीधे बिजली ऑफिस पहुंचे और इसकी शिकायत की। वहां पर उन्हें आश्वासन भी दिया गया, लेकिन बिल में अबतक सुधार नहीं किया जा सका है। इससे हरेश और उनका पूरा परिवार अभी भी अंधेरे में अपना जीवन बीता रहे हैं। बीते चार दिन में करीब एक करोड़ 66 लाख रुपए से अधिक का गड़बड़ बिजली बिल सामने आ चुका है।


बिजली विभाग (Electricity Department) के इंजीनियर एसके झा ने बताया कि स्मार्ट मीटर लगने के समय पुराने मीटर की रीडिंग नए मीटर में डाल दी जा रही है। सिक्योर कंपनी के बिहार हेड को मौखिक व लिखित पत्र के माध्यम से कहा गया है कि इस तरह के असमान्य बिल की जानकारी तत्काल विभाग को उपलब्ध कराएं, ताकि उसे तुरंत ठीक किया जा सके। हमलोगों ने शिकायत मिलने के बाद बिल को ठीक भी किया है। आगे एक सिस्टम विकसित किया जा रहा है, जिससे बिल संबंधित गड़बड़ी को पकड़ा जा सकता है।