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UP New Highway : उत्तर प्रदेश में 6 लेन हाईवे बनना तय, जमीन अधिग्रहण पर NHAI ने क्लीयर की बात

UP New Highway - भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने इस राष्ट्रीय राजमार्ग को चार से छह लेन करने का फैसला किया है ताकि वाहनों की गति बढ़ाई जा सके और ट्रैफिक लोड कम किया जा सके। प्राधिकरण ने एक सर्वे कराकर इसका पूरा ब्योरा एकत्रित कर लिया है। अब डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार होने के बाद काम भी गति पकड़ेगा-

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UP New Highway : उत्तर प्रदेश में 6 लेन हाईवे बनना तय, जमीन अधिग्रहण पर NHAI ने क्लीयर की बात

HR Breaking News, Digital Desk- (UP New Highway) भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने सीतापुर राष्ट्रीय राजमार्ग को चार से छह लेन करने का फैसला किया है ताकि वाहनों की गति बढ़ाई जा सके और ट्रैफिक लोड कम किया जा सके। यह निर्णय इसलिए लिया गया है क्योंकि वर्तमान में इस राजमार्ग पर 38 हजार से अधिक हल्के और भारी वाहनों का संचालन हो रहा है।

प्राधिकरण ने एक सर्वे कराकर इसका पूरा ब्योरा एकत्रित कर लिया है। अब डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार होने के बाद काम भी गति पकड़ेगा। छह लेन होने के बाद राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहनों का संचालन कई दशक तक सुगमता से हो सकेगा।

वर्तमान में छह लेन बनाने के लिए जमीन अधिग्रहण करने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी। एनएचएआइ का दावा है कि वर्तमान में जो जमीन राष्ट्रीय राजमार्ग के दाएं व बाएं पड़ी है, उससे बड़ी आसानी से जरूरतें पूरी की जा सकेंगी। इसलिए बजट सिर्फ सड़क बनाने के लिए चाहिए होगा। अमूमन जमीन का मुआवजा देने में राष्ट्रीय राजमार्ग बनाने से ज्यादा खर्चा आ जाता है।

वर्तमान में लखनऊ सीतापुर राष्ट्रीय राजमार्ग चार लेन का है। पिछले पंद्रह सालों में यहां ट्रैफिक का लोड हर साल बढ़ता गया। मामपुर इंटौजा से गुजरने वाले वाहनों की संख्या हर दिन बढ़ती जा रही है। टोल से निकलवाएं गए आंकड़े और सर्वे के आधार एकत्रित हल्के व भारी वाहनों की संख्या 38 हजार के से अधिक पहुंच रही है।

ऐसे में अगर समय रहते सड़कों का चौड़ीकरण यानी चार से छह लेन बनाने का काम शुरू नहीं किया गया तो आने वाले समय में इस राष्ट्रीय राजमार्ग पर जाम व दुर्घटनाओं की संख्या बढ़नी तय है। एनएचएआइ लखनऊ द्वारा पूरा प्रस्ताव बनाकर सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को भेज दिया गया है। अधिकारियों को हरी झंडी मिलने का इंतजार है।

प्राधिकरण इस काम को प्रमुखता से करवाना चाहता है। प्रोजेक्ट की स्वीकृति मिलते ही टेंडर प्रकिया (tender process) शुरू करने की बात कही जा रही है और दो साल से भी कम समय में इस प्रोजेक्ट को पूरा करने की बात भी। अफसरों का कहना है कि जब जमीन अधिग्रहण नहीं करना तो सड़क बनाने में एक से डेढ़ साल बहुत है। अमूमन जमीन लेने की प्रकिया लंबी होती है और उसमें समय लग जाता है लेकिन इस प्रोजेक्ट में ऐसा कुछ नहीं है।



टोल भी अप्रैल से एनएचएआइ संभालेगा- 

सीतापुर राष्ट्रीय राजमार्ग (Sitapur National Highway) पर मामपुर इंटौजा स्थित टोल प्लाजा का निजी संचालन अप्रैल 2026 में समाप्त हो जाएगा। इसके बाद टोल का नियंत्रण एनएचएआई (NHAI) के पास वापस आ जाएगा। एनएचएआई वाहनों का सर्वे कराकर नए सिरे से टेंडर प्रक्रिया द्वारा इसका संचालन करवाएगा। यह टोल अक्सर लगने वाली लंबी लाइनों के लिए जाना जाता है, इसलिए एनएचएआई स्कैनर (NHAI Scanner) बदलवाने और बेहतर इंटरनेट कनेक्टिविटी (Internet connectivity) सुनिश्चित करने पर ध्यान देगा। यह कदम टोल पर लगने वाले जाम को कम करने में सहायक होगा।