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UP News : उत्तर प्रदेश में बनेगा 90 किलोमीटर लंबा नया लिंक एक्सप्रेसवे 1,100 करोड़ रुपये से होगा भूमि अधिग्रहण

UP News - उत्तर प्रदेश की योगी कैबिनेट ने आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे (Agra-Lucknow Expressway) को गंगा एक्सप्रेसवे से जोड़ने वाले फर्रुखाबाद लिंक एक्सप्रेसवे को मंजूरी दी है. बताया जा रहा है कि परियोजना के लिए लगभग ₹1,100 करोड़ भूमि अधिग्रहण पर खर्च किए जाएंगे... आइए नीचे खबर में जान लेते है इस रिपोर्ट से जुड़ी पूरी डिटेल-

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UP News : उत्तर प्रदेश में बनेगा 90 किलोमीटर लंबा नया लिंक एक्सप्रेसवे 1,100 करोड़ रुपये से होगा भूमि अधिग्रहण

HR Breaking News, Digital Desk- (UP News) उत्तर प्रदेश की योगी कैबिनेट ने आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे (Agra-Lucknow Expressway) को गंगा एक्सप्रेसवे से जोड़ने वाले फर्रुखाबाद लिंक एक्सप्रेसवे को मंजूरी दी है. लगभग 90.83 किमी लंबे इस एक्सप्रेसवे की लागत ₹7,488.74 करोड़ है. यह परियोजना देश और प्रदेश की राजधानियों से फर्रुखाबाद (Farrukhabad) को सीधा जोड़ेगी, जिससे कनेक्टिविटी सुधरेगी. इसका एक अन्य लाभ यह है कि यह कई महत्वपूर्ण धार्मिक और पर्यटन स्थलों तक लोगों की पहुंच को आसान बनाएगा. 

 

 

यह नया 6-लेन एक्सप्रेसवे इटावा के कुदरैल गांव (Kudrail village of Etawah) से शुरू होकर फर्रुखाबाद होते हुए हरदोई के सवाइजपुर तक बनेगा. इसे भविष्य में 8-लेन तक बढ़ाया जा सकता है. इसके निर्माण से मेरठ/प्रयागराज से आने वालों के लिए आगरा और राजस्थान का सफर आसान होगा. साथ ही, बाबा नीम करौरी धाम और बौद्ध तीर्थ स्थल संकिसा तक श्रद्धालुओं की पहुंच आसान हो जाएगी. इस परियोजना को दो चरणों में पूरा किया जाएगा: पहले चरण में कुदरैल से नीम करौरी धाम तक और दूसरे चरण में नदौरा से सवाइजपुर तक.

सुविधाओं से युक्त होगा एक्सप्रेसवे-

सर्विस लेन: यात्रियों के लिए 3.75 मीटर चौड़ी सर्विस लेन बनाई जाएगी.

पुल और अंडरपास: इस मार्ग पर 65 अंडरपास, 4 बड़े पुल, 25 छोटे पुल, 2 रेलवे ओवरब्रिज और 1 फ्लाईओवर का निर्माण किया जाएगा.

भूमि अधिग्रहण: परियोजना के लिए लगभग ₹1,100 करोड़ भूमि अधिग्रहण पर खर्च किए जाएंगे.

इस परियोजना के निर्माण से न केवल यात्रा का समय महत्वपूर्ण रूप से कम होगा, बल्कि यह फर्रुखाबाद, इटावा (Etawah), और हरदोई (Hardoi) जैसे जिलों के सामाजिक और आर्थिक विकास को भी एक नई दिशा प्रदान करेगी. यह एक्सप्रेसवे इन पिछड़े क्षेत्रों के लिए एक विकास का नया द्वार खोलने का काम करेगा, जिससे रोज़गार के अवसर बढ़ेंगे और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी. इसका दूरगामी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.