UP News : ये हैं यूपी के 2 सबसे अमीर जिले, यहां 7 फिसदी से भी कम रह गई है गरीबों की संख्या
UP News : क्या आपको पता है उत्तर प्रदेश का सबसे अमीर और सबसे गरीब जिले कौन से है। इसको लेकर नीति आयोग की ओर से रिपार्ट जारी की गई है। नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, बहराइच, श्रावस्ती और बलरामपुर की आधी आबादी आज भी गरीब है। हालांकि, पहले की तुलना में इन जिलों में सुधार दिख रहा है।आइए जानते है इसके बारे में विस्तार से...

HR Breaking News (नई दिल्ली)। गरीबी को लेकर नीति आयोग की ताजा रिपोर्ट में देवीपाटन मंडल के तीन जिले पूरे प्रदेश में शीर्ष पर हैं। बहराइच, श्रावस्ती और बलरामपुर में औसतन आधी आबादी आज भी गरीब है। दूसरी तरफ अमीरों की श्रेणी में शीर्ष पर गाजियाबाद है। दूसरे नंबर लखनऊ और तीसरे नंबर पर कानपुर का कब्जा है।
रिपोर्ट के मुताबिक बहराइच, श्रावस्ती व बलरामपुर आज भी गरीबी की श्रेणी में सबसे ऊपर हैं। हालांकि सात साल पहले की तुलना में इनकी स्थिति में सुधार हुआ है। 2015-16 में बहराइच में 72, श्रावस्ती में 74 और बलरामपुर में 70 फीसदी आबादी गरीब थी। पर अब वहां क्रमश: 55, 50 और 42 फीसदी आबादी ही गरीबी रह गई है।
सबसे अमीर जिले गाजियाबाद में गरीबों की संख्या सबसे कम 7 फीसदी है। इसके बाद लखनऊ व कानपुर में क्रमश: 9-9 फीसदी गरीब आबादी है। अमीरी में चौथे नंबर पर गौतमबुद्धनगर व पांचवें पर हापुड़ है। पूरे प्रदेश की बात करें तो गांवों में पहले 44 फीसदी लोग गरीब थे। अब ये घटकर 26 फीसदी रह गए हैं। शहरों में पहले 17 फीसदी लोग गरीब थे, जो अब घटकर 11 फीसदी रह गए हैं।
इन मानकों पर हुई परख
गरीबी के लिए जिलों को मुख्य रूप से तीन मानकों स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवन स्तर के आधार पर परखा गया। इसमें जिलों को पोषण, जन्म व मृत्यु दर, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य, बच्चों के स्कूल जाने की उम्र, स्कूल में उपस्थिति, ईंधन, एलपीजी, सफाई, शौचालय, आवास, पीने का पानी, बिजली, संपत्ति, बैंक खातों को आधार बनाया गया।
गरीबी में शीर्ष 10 जिले (आंकड़े प्रतिशत में)
जिला -- वर्ष 2016 -- 2021
बहराइच -- 72 -- 55
श्रावस्ती -- 74 -- 50
बलरामपुर -- 70 -- 42
बंदायू -- 57 -- 40
सीतापुर -- 57 -- 40
सिद्धार्थनगर -- 57 -- 37
संभल - - -- 35
खीरी -- 60 -- 35
हरदोई -- 51 -- 34
बांदा -- 40 -- 34
सबसे कम गरीबी वाले शीर्ष 10 जिले (प्रतिशत में)
जिला वर्ष -- 2016 -- 2021
गाजियाबाद -- 17 -- 7
लखनऊ -- 12 -- 9
कानपुर नगर -- 14 -- 9
गौतम बुद्ध नगर -- 15 -- 12
हापुड़ -- - -- 13
मुजफ्फरनगर -- 30 -- 13
मेरठ -- 21 -- 13
मऊ -- 33 -- 13
बागपत -- 14 -- 21
झांसी -- 20 -- 15
हर क्षेत्र में सुधरी प्रदेश की स्थिति
सुविधा -- पहले -- अब
पेयजल -- 3.66 -- 2.06
बिजली -- 27.43 -- 9.16
संपत्ति -- 12.44 -- 7.80
बैंक खाते -- 4.87 -- 2.96 (आंकड़े फीसदी में)
यूपी में ये है प्रति व्यक्ति आय
उत्तर प्रदेश (UP) के नगरीय क्षेत्र में वर्ष 2017-18 में बेरोजगारी दर प्रति हजार जनसंख्या पर 97 थी, जबकि 2019-20 में ये 88 और 2020-21 में 80 पर आ गई। यूपी में प्रति व्यक्ति आय में भी साल दर साल तेज बढ़ोतरी हुई है।
2017-18 में उप्र में प्रति व्यक्ति आय 57944 रुपये थी जो 2018-19 में 62350 रुपये, 2019-20 में 65666 रुपये, 2020-21 में 61666 रुपये और 2021-22 में 68810 रुपये पहुंच गई। प्रदेश में कारखानों की संख्या में भी लगातार बढौतरी हुई है।
गरीबी घटाने में उत्तरप्रदेश (UP) और मध्यप्रदेश (MP) से से आगे बिहार
बिहार में गरीबों का अनुपात 51.89 से घटकर 33.76 रह गया है। देश में गरीबी सूचकांक में ये सबसे तेज कमी है। इसीलिए बिहार शीर्ष पर है। इसके बाद सबसे तेज कमी मध्य प्रदेश और यूपी में देखी गई। यहां गरीबों का अनुपात क्रमश: 20.63 व और 22.93 फीसदी रह गया है। गरीबों की संख्या के मामले में पिछले पांच वर्ष में 3.43 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकलने के साथ यूपी शीर्ष पर है। इसके बाद बिहार (2.25 करोड़) और मध्य प्रदेश (1.36 करोड़) हैं।