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UP News : यूपी के इस शहर में है दुनिया का सबसे बड़ा स्कूल, गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज है नाम

Largest School of the World: स्‍कूल को साल 1959 में सिर्फ 5 स्‍टूडेंट्स के साथ शुरू किया गया था. लेकिन आज ये पूरी दुनिया का सबसे बड़ा स्‍कूल बन चुका है. आज इस स्‍कूल में 58,000 विद्यार्थी हैं. यहां जानिए इसके बारे में.आइए जानते है इसके बारे में विस्तार से.

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HR Breaking News (नई दिल्ली)। शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर सुविधाओं और बड़े अचीवमेंट्स की बात आती है, तो ज्‍यादातर लोग विदेश का जिक्र करते हैं. लेकिन क्‍या आपको पता है कि दुनिया का सबसे बड़ा स्‍कूल भारत में है? वो भी नवाबों की नगरी लखनऊ में. जी हां, अपनी बोली अदब, तहजीब के लिए दुनियाभर में मशहूर शहर लखनऊ का सिटी मोंटेसरी  स्‍कूल (CMS) को दुनिया का सबसे बड़ा स्‍कूल माना जाता है. 

पांच बच्‍चों के साथ हुई थी स्‍कूल की शुरुआत


साल 1959 में इस स्‍कूल को सिर्फ 5 स्‍टूडेंट्स के साथ शुरू किया गया था. कहा जाता है कि उस समय स्कूल के फाउंडर डॉ. जगदीश गांधी और डॉ. भारती गांधी ने 300 रुपए उधार लेकर इसकी शुरुआत की थी. लेकिन आज ये पूरी दुनिया का सबसे बड़ा स्‍कूल बन चुका है. आज इस स्‍कूल में 58,000 विद्यार्थी हैं. इसके 20 कैंपस, 1000 क्लास रूम, 3800 कंप्यूटर के अलावा 2500 शिक्षकों के साथ कुल 4500 कर्मचारी स्‍कूल में काम कर रहे हैं.

गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड 


सिटी मोंटेसरी स्कूल को अब तक तमाम अवॉर्ड से नवाजा जा चुका है. साल 2019 में इस स्‍कूल के छात्रों की संख्या के मामले में इसे दुनिया का सबसे बड़ा स्‍कूल मानते हुए इसका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल किया गया था. इतना ही नहीं, ये स्‍कूल यूनेस्‍को से भी अवॉर्ड प्राप्‍त कर चुका है. साल 2002 में सीएमएस को 'यूनेस्को प्राइज फॉर पीस' अवॉर्ड से भी नवाजा गया था. 

आईसीएसई बोर्ड से मान्‍यता प्राप्‍त


आज सीएमएस आईसीएसई बोर्ड से मान्‍यता प्राप्‍त है. इसमें बच्‍चे की उम्र के हिसाब से प्‍ले ग्रुप और प्री-प्राइमरी स्‍कूल में एडमिशन दिया जाता है. एडमिशन के दौरान नगर निगम द्वारा जारी जन्‍म प्रमाण पत्र देना होता है. वहीं कक्षा 3 और उससे ऊपर के क्‍लास के लिए एडमिशन दिलाने के लिए बच्‍चों के पिछले वर्ष के परिणाम और स्कूल द्वारा आयोजित लिखित परीक्षा में प्रदर्शन को देखा जाता है, साथ ही स्‍कूल के प्राचार्य के साथ एक साक्षात्कार होता है. इसके बाद ही प्रवेश मिलता है. स्‍कूल में क्‍लास के हिसाब से बच्‍चों की अलग-अलग फीस होती है.