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UP News : योगी सरकार ने बदल दिया वरासत वाला नियम, अब प्रोपर्टी हस्तांतरण के लिए देनी होगी इतनी फीस

उत्तर प्रदेश विधानसभा में शुक्रवार को भारतीय स्‍टाम्‍प (उत्तर प्रदेश संशोधन) विधेयक 2024 बहुमत से पारित हो गया, जिसके तहत यह व्यवस्था दी गयी है कि रक्त संबंधों में संपत्ति हस्तांतरण पांच हजार रुपये स्टांप शुल्क देने के बाद किया जा सकेगा। आइए जानते है इसके बारे में विस्तार से.

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HR Breaking News (नई दिल्ली)।  विधानसभा में संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने भारतीय स्‍टाम्‍प (उत्‍तर प्रदेश संशोधन) विधेयक 2024 को पारित करने के लिए सदन में अनुरोध किया। पक्ष में बहुमत होने से विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने इसे पारित करने की घोषणा की।

दरअसल जमीनों की खरीद फरोख्‍त ‘पावर ऑफ अटॉर्नी' बनाकर की जा रही थी, जिससे राजस्व का नुकसान हो रहा था। करोड़ों की जमीनों को मामूली शुल्क पर ‘पावर ऑफ अटॉर्नी' बनाकर बेचने का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा था। लेकिन अब यह व्यवस्था दी गई है कि रक्त संबंधों से बाहर के व्यक्तियों को ‘पावर ऑफ अटॉर्नी’ पर सर्किल रेट का 7 प्रतिशत स्टांप शुल्क देना होगा।


इसमें यह भी व्यवस्था दी गयी है कि रक्त संबंधों में मात्र 5 हजार रुपये के स्टांप पर ही संपत्ति हस्तांतरण करने की सहूलियत रहेगी। खून के रिश्तों में मुख्तारनामा के जरिए संपत्ति हस्तांतरण अब भी 5,000 रुपये के स्टांप पेपर पर होगा। खून के रिश्तों में पिता, माता, पति, पत्नी, पुत्र, पुत्री, पुत्रवधू, दामाद, भाई, बहन, पौत्र, पौत्री, नाती और नातिन के बीच ही यह मुख्तारनामा बनेगा।

100 के स्टांप पर पावर ऑफ अटॉर्नी बनाकर नहीं होगी खरीद-फरोख्त


100 रुपये के स्टांप पेपर पर पावर ऑफ अटॉर्नी बनाकर यूपी में करोड़ों की जमीन खरीदने और बेचने का खेल खत्म हो गया है। शुक्रवार को विधानसभा में भारतीय स्टांप (उप्र संशोधन) विधेयक 2024 ध्वनिमत से पास हो गया। हालांकि, विपक्ष ने इस विधेयक को प्रवर समिति के सुपुर्द करने का प्रस्ताव रखा, जो ध्वनिमत से गिर गया।संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि लोग सौ रुपये के स्टाम्प पेपर पर पापवर ऑफ अटॉर्नी बनाकर करोड़ों की जमीन और प्रापर्टी खरीदते और बेचते थे। इससे तय स्टांप न लगने से राजस्व को नुकसान हो रहा था। अब सिर्फ खून के रिश्तों के अलावा कोई पावर ऑफ अटॉर्नी बनवाता है, तो सर्किल रेट का 7% स्टांप शुल्क देना होगा। संशोधन में प्रॉपर्टी की देखरेख से संबंधित पावर ऑफ अटॉर्नी को स्टांप शुल्क से बाहर रखा गया है।