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UP के इस जिले में 10 गांवों की जमीन खरीद बिक्री पर लगाई रोक, आदेश जारी

उत्तर प्रदेश भारत का सबसे बड़ा राज्य है। यह अपनी सभ्यता, सांस्कृतिक विविधता और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। जिसके चलते हर साल यहां लाखों पर्यटन आते हैं। जैसे जैसे काशी में पर्यटन की संख्या में इजाफा हो रहा है सुविधाओं मद्देयनजर रखते हुए शहर का तेजी से विस्तार किया जा रहा है। यूपी सरकार ने एक योजना की शुरूआत की है, जिसमें दस गावों को शामिल किया गया है। जिसके तहत सरकार ने इन गावों में जमीन खरीद-फरोख्त पर रोक लगा दी है। चलिए नीचे खबर में जानते हैं- 

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HR Breaking News (ब्यूरो)। उत्तर प्रदेश भारत देश का सबसे बड़ा राज्य है यूपी की सभ्यता, सांस्कृतिक विविधता और ऐतिहासिक महत्व के लिए मशहूर है। प्रदेश में अनेकों पर्यटन स्थल हैं। यहां पर घूमने के लिए लोग विदेशों से भी आते हैं। एक रिपोर्ट में पता चला है  काशी के पर्यटन में भारी वृद्धि हुई है और बुनियादी सुविधाओं की वजह से शहर का तेजी से विस्तार हो रहा है। विस्तार का कार्य व्यवस्थित तरीके से हो इस कारण शासन स्तर पर बीते वर्ष छह आवासीय योजनाएं शुरू की गईं थीं। इसमें अब सातवीं आवासीय योजना को भी शामिल किया गया है।

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जीटी रोड आवासीय योजना (GT Road Housing Scheme) के नाम से प्रस्तावित इस योजना में 10 गांवों को शामिल किया गया है। जिलाधिकारी एस राजलिंगम (Rajalingam) ने इन गांवों में जमीनों की खरीद-बिक्री पर रोक लगा दी है। नवीन योजना में मोहनसराय से डाफी हाईवे के बीच सड़क के बाईं तरफ की ग्राम सभाओं को शामिल किया गया है।

इन 10 गांवों में नहीं होगी भूमि की खरीद


इस जीटी रोड आवासीय योजना (GT Road Housing Scheme) में जिले के ग्राम हांसापुर, मीरापुर, सगहट, मिसिरपुर, निबिया, नकाईन, सदलपुर, कादीपुर, रामपुर व फरीदपुर को शामिल किया गया है। योजना के अंतर्गत ग्रामों के चिह्नित आराजी नंबरों एवं रकबों की भूमियों की खरीद-बिक्री अब नहीं होगी। अन्य भूमियों के लिए विक्रेताओं को जिला प्रशासन से अनुमति लेनी होगी। चिह्नित भूमि से संबंधित किसानों को नोटिस देकर छह अन्य आवासीय योजनाओं की तरह सहमति के आधार पर जमीनों की प्रशासन खरीद करेगा।

हो रही थी राजस्व की भारी हानि

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उल्लेखनीय है कि आवास विकास परिषद की पूर्व की छह योजनाओं में से वरुणा विहार फेज एक और दो की जमीनों की खरीद बिक्री पर लगी रोक को स्थगित कर दिया गया है। इसका कारण है कि वरुणा विहार में बाढ़ आदि का निर्धारण नहीं हुआ था। इस कारण भविष्य में बंधा आदि बनाना होता। बिना तैयारी के कारण रोक से राजस्व की भारी हानि हो रही थी। अब यह रोक पहले की पांच योजनाओं पर ही रह गई है।