UP में बसाया जाएगा 20 गांवों को मिलाकर नया शहर, बनेंगे 150 से ज्यादा वार्ड
HR Breaking News -(Greater Ghaziabad) यूपी की योगी सरकार ने नए शहर के प्लान को जमीन पर उतारने की कवायद शुरू कर दी है. इस नए शहर को बसाने के लिए 20 गांवों मिलाया जाएगा। बता दें कि यूपी के इस नए शहर की नींव गाजियाबाद जिले में पड़ रही है। इस शहर के निर्माण से योगी सरकार शहरी विकास की दिशा में एक बड़ा कदम उठा रही है।
गाजियाबाद को लेकर नक्शे पर चर्चा
बता दें कि इस नए शहर का नाम (name of new city) ग्रेटर गाजियाबाद होगा. यूपी में उठाते हुए सरकार ने मुरादनगर क्षेत्र के 20 गांवों को मिलाकर इस ग्रेटर गाजियाबाद को बनाने को लेकर तैयारी शुरू कर दी है. बीते गुरुवार को नगर आयुक्त ने ग्रेटर गाजियाबाद बनाने को लेकर प्रशासनिक और निगम अधिकारियों के साथ इसके विस्तार को लेकर बैठक की. इस बैठक के दौरान कई पहलुओं पर बातचीत की गई है।
जानकारी के अनुसार गाजियाबाद को बसाने को लेकर नक्शे पर चर्चा करने के साथ ही अनुमानित क्षेत्रफल को लेकर चर्चा की गई है. बता दें कि बैठक में मुरादनगर व पिलखुआ में अंडरपास व मेरिट के आधार पर कुछ ट्रेनों के स्टॉपेज जैसे मुद्दों पर भी बातचीज की गई है।
150 से 175 वार्ड होंगे शामिल
नगर आयुक्त का कहना है कि नगर निगम द्वारा गाजियाबाद में खोड़ा, लोनी, मुरादनगर के क्षेत्रफल में ग्रेटर गाजियाबाद को बसाया जानपा है। इसके विस्तार के लिए सभी अधिकारी कार्रवाई कर रहे हैं। इस दौरान टीम को बुलाकर बढ़ाने वाले क्षेत्रफल को देखा गया। इस प्रोजेक्ट के तहत खोड़ा, लोनी, डासना नगर पंचायत और मुरादनगर के 20 गांवों को शामिल किया गया है, इसमे कुल 150 से 175 वार्ड बनाए जाने की तैयारी है।
गाजियाबाद के ग्रेटर गाजियाबाद बनने के बाद क्षेत्रफल के विस्तार के साथ ही प्रदेश के विकास (UP News) को भी नई दिशा मिलेगी और योगी सरकार द्वारा योजना बनाते हुए ग्रेटर गाजियाबाद को आगे बढ़ाया जा सकता है। इस शहर के विकास के लिए प्रशासनिक और निगम अधिकारी आपसी सहयोग से आगे बढ़ रहे हैं।
उपनगरीय टर्मिनल विकसित करने की मांग
दूसरी तरफ सांसद अतुल गर्ग ने विजय नगर में रक्षा मंत्रालय की खाली पड़ी 500 एकड़ जमीन पर दिल्ली रेलवे स्टेशन के उपनगरीय टर्मिनल के रूप में विकसित करने की मांग की है। इस संबंध में सांसद ने गुरुवार को लोकसभा में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मुलाकात कर गाजियाबाद में रेल सुविधाएं (Rail facilities in Ghaziabad) बढ़ाने पर चर्चा की।
मिली मौखिक सहमति
उन्होंने बताया कि रेल मंत्री (Railway Minister) ने इस पर मौखिक सहमति दे दी है और जल्दी ही औपचारिक पत्राचार का आश्वासन दिया। रेल मंत्री ने परियोजना से संबंधित समन्वय की जिम्मेदारी भी गर्ग को सौंपी, जिसमें रेलवे, रक्षा, शहरी विकास मंत्रालय एवं स्थानीय प्रशासन से संवाद शामिल है।
प्रशासनिक सुगमता के लिए कमिश्नरेट जैसी व्यवस्था
ग्रेटर गाजियाबाद में प्रशासनिक सुगमता के लिए कमिश्नरेट जैसी व्यवस्था लागू होगी। जिसके तहत पूरे एरिया को तीन जोन में बांटा जाएगा, और हर जोन की कमान सचिव स्तर के IAS ऑफिसरों के हाथ में होगी।
