home page

Uttar Pradesh : यूपी के 80 गांवों की जमीन बनेगी सोना, यहां बसाया जाएगा नया शहर

Uttar Pradesh News : सरकार की ओर से दिल्ली व एनसीआर के विकास के लिए कई नए प्रोजेक्ट शुरू किए जा रहे है। सरकार की इन विकास योजनाओं के तक अब एक नया शहर बनाने की तैयारी की जा रही है। ऐसे में इस शहर का बनाना विकास को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ा कदम साबित होगा। 

 | 
Uttar Pradesh : यूपी के 80 गांवों की जमीन बनेगी सोना, यहां बसाया जाएगा नया शहर

HR Breaking News (Uttar Pradesh News) इस शहर को बसाने के लिए अब सभी पहलूओं पर काम किया जा रहा है।  इसकी जमीन अधिग्रहण (Land acquisition) के लिए सरकार से अंतिम मंजूरी मिलने को है। ऐसा माना जा रहा है कि सरकार की ओर से लगभग एक-डेढ़ महीने में अंतिम मंजूरी मिल जाएगी। 

 

 

वर्तमान में जो तैयारियां चल रही हैं उनके मुताबिक हाइब्रिड मॉडल के तहत जमीन अधिग्रहण का काम किया जा रहा है। ऐसे में दोनों ही ऑप्शन को ओपन रखा गया है। इसमें किसानों से उनकी सहमति प्राप्त करना और प्रशासनिक प्रकियाओं का प्रयोग शामिल है। चलिए इस प्रोजक्ट और शहर के बारे में सारी जानकारी आपको बताते हैं। 

 

 

क्या किसानों को मिलेगा फायदा


यह जो नया मॉडल लाया जा रहा है इसके तहत कोई अधिकारी (अथॉरिटी) या कोई अन्य डेवलपर भी आपसी सहमति कर किसानों से डायरेक्ट जमीन की खरीद कर सकता है। हालांकि जरूरत के हिसाब से भूमि अधिग्रहण अधिनियम की धारा 4 व 6 के अनुरूप जमीन अधिग्रहण के लिए जिला प्रशासन का माध्यम भी अपनाया जा सकता है। इस मामले में  अधिकारियों ने कहा है कि यह हाइब्रिड मॉडल का फैसला किसानों के हितों के मध्यनजर लिया गया है। इसके तहत किसानों के हितों का पूरा ध्यान रखा जाएगा। 

 

 

80 गांवों की जमीन पर पड़ेगा असर


जो नया शहर बसाया जा रहा है इसका प्रभाव 80 गांवों की जमीन पर दिखेगा। नए शहर को दादरी व बुलंदशहर इलाके के तकरीबन 80 गांवों की जमीन पर बसाए जाने का प्रस्ताव वर्तमान में रखा गया है। वहीं, कागजों के अनुसार इस नई योजना का नाम DNGIR है। वहीं, इसे पूरा करने के लिए 4 चरण निर्धारित किए गए हैं।   इसे 4 चरणों में पूरा कर दिया गया है। वहीं, इस प्रोजेक्ट का सबसे पहला चरण भूमि अधिग्रहण करना व मुआवज़े की दरें तय करना शामिल किया गया है। 

जानें कब तय होंगी मुआवजे की दरें 


प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारियों के अनुसार जल्द ही बैठक कर सभी प्रकार के मुआवजे की दरों को तय किया जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि जनवरी में यह बैठक करने को लेकर फैसला किया गया है। वहीं, अथॉरिटी की ओर से पहले ही इस प्रोजेक्ट से जुड़ा हुआ एक प्रस्ताव तैयार किया जा चुका है। वहीं, सरकारी लेवल पर भी भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया और मॉडल को लेकर बैठक की जा चुकी है। इस बैठक में ही हाइब्रिड मॉडल को लकर सहमति बनने के आसार हैं। 

जानें कहां से शुरू होगी भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया


इस प्रोजेक्ट के लिए जमीन अधिग्रहण (Land acquisition) करने के लिए योजना भी बना ली गई है। इसके अनुसार जोखाबाद व सांवलि क्षेत्र में ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे व जीटी रोड के जंक्शन के पास लगती जमीन को पहले चरण में अधिग्रहण करने का प्रोसेस शुरू किया जा सकता है। ऐसे में अधिकारियों को कहना है कि आगमी एक-डेढ़ महीने के भीतर सरकारी मंजूरी मिलने की उम्मीद है और इसके तुरंत बाद से ही भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को औपचारिक रूप से शुरू कर दिया जाएगा। 

जानें क्या है DNGIR मास्टर प्लान


उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से बीते साल यानी 2024 के अक्टूबर महीने में DNGIR मास्टर प्लान 2041 को मंजूरी दी गई थी। इसके बाद से ही इस प्रोजेक्ट के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को लेकर काम तेजी से आगे बढ़ाया गया है।

अतिरिक्त प्रशासनिक कर्मचारी की भूमि अधिग्रहण की होगी आवश्यकता


नोएडा अथॉरिटी ने प्रशासन से भूमि अधिग्रहण के लिए अतिरिक्त कर्मचारी की भी मांग की है। अथॉरिटी ने सरकार से 3 तहसीलदार, 6 कानूनगो और लेखपाल उपलब्ध कराने के लिए अनुरोध किया है। कुछ कर्मचारियों ने भी इसके लिए अपनी इच्छा जाहिर की है। कुछ तहसीलदारों ने इसके लिए अथॉरिटी का सहयोग करने की इच्छा जताई है।
 


नए नोएडा का 21000 हेक्टेयर में होगा निर्माण 


अथॉरिटी के मुताबिक नया नोएडा डेवलप (New Noida) करने के लिए 21000 हेक्टेयर जमीन की जरूरत है। पहला फेज 2027 तक पूरा किया जाएगा, जिसके लिए 3165 हैक्टेयर जमीन की जरूरत पड़ेगी। दूसरा फेज 2027 से 2032 तक बनेगा। इसमें 3798 हैक्टेयर जमीन की जरूरत है। तीसरा फेज 2032 से 2037 तक पूरा किया जाएगा। इसमें 5908 हैक्टेयर जमीन उपयोग में ली जाएगी। वहीं, आखिरी फेज की बात की जाए तो आखिरी फेज को 2037 से 2041 के बीच 8230 हेक्टेयर जमीन पर डेवलप किया जाएगा।
 


नए नोएडा में होगी एजुकेशन सिटी 


नए नोएडा (New Noida Project) को मुख्य रूप से एजुकेशन सिटी के रूप में डेवलप किया जाएगा। यहां पर कॉलेज और यूनिवर्सिटी बनाए जाएंगे। यह प्रोजेक्ट शहरी विकास और इंडस्ट्रियल एरिया के लिए गेम चेंजर के रूप में देखा जा रहा है। 

इंडस्ट्रियल और रेजिडेंशियल हब के रूप में विकसित होगा नया नोएडा 


नए नोएडा प्रोजेक्ट में लाखों लोगों को रोजगार का अवसर प्रदान किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट में इंडस्ट्री, रियल एस्टेट, शिक्षा और हेल्थ केयर को विकसित किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट के तहत 21000 हेक्टेयर जमीन में एक नया इंडस्ट्रियल और रेजिडेंशियल हब (New industrial and residential hub) बनाया जाएगा। यह प्रोजेक्ट दिल्ली, मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर से भी जुड़ा होगा। इस कॉरिडोर के साथ जुड़ने से बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी। वहीं, आर्थिक विकास और रोजगार के भी नये मौके लोगों को मिलेंगे।