Power of Attorney से रजिस्ट्री कराने पर रोक, योगी सरकार ने लिया बड़ा फैसला
यूपी में योगी सरकार (CM Yogi) ने पावर ऑफ अटॉनी से जमीन की रजिस्ट्री कराने के इस खेल को खत्म कर दिया है। दरअसल, यूपी के कई शहरों में पावर ऑफ अटॉर्नी (Power of Attorney) के सहारे रजिस्ट्री कराकर प्रदेश सरकार के राजस्व पर सेंध लगाई जा रही थी। लेकिन अब सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए इसपर रोक लगा दी है।

HR Breaking News (ब्यूरो)। यूपी में पावर ऑफ अटॉर्नी से रजिस्ट्री कराने का खेल अब खत्म होगा. राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने भारतीय स्टांप (उत्तर प्रदेश संशोधन) अध्यादेश 2023 को मंजूरी दे दी है. इसके बाद अब यूपी में सिर्फ खून के रिश्ते को छोड़कर पावर ऑफ अटॉर्नी से रजिस्ट्री कराने पर रोक रहेगी. इससे सरकार के राजस्व में इजाफा होगा।
इसलिए उठाया गया कदम
दरअसल, नोएडा और गाजियाबाद समेत कई शहरों में पावर ऑफ अटॉर्नी के सहारे रजिस्ट्री कराकर प्रदेश सरकार के राजस्व पर सेंध लगाई जा रही थी. इसके बाद प्रदेश की योगी सरकार ने भारतीय स्टांप (उत्तर प्रदेश संशोधन) अध्याधेश 2023 को पास कर दिया. इसके बाद विधेयक को राज्यपाल के पास भेजा गया. राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने मंजूरी दे दी है।
पश्चिमी यूपी में बड़े स्तर पर चल रहा था खेल
अभी तक सौ रुपये का स्टांप लगाकर पावर ऑफ अटॉर्नी लेकर बड़े पैमाने पर खेल किया जा रहा था. प्रॉपर्टी डीलर व बिल्डर इसके जरिए करोड़ों की चोरी करते थे. इससे सरकार के राजस्व में बड़े स्तर पर चोरी की जा रही थी. अब संशोधन के बाद खून के रिश्तों को छोड़कर अगर कोई शख्स पावर ऑफ अटॉर्नी वाली संपत्तियों पर अब सर्किल रेट का 7 फीसदी स्टांप शुल्क का भुगतान करना होगा।
इन लोगों में आसानी से हो सकेगा पावर ऑफ अटॉर्नी
जानकारी के मुताबिक, पश्चिमी यूपी में बड़े स्तर पर खेल चल रहा था. अकेले पश्चिमी यूपी के जिलों में दो लाख से ज्यादा पावर ऑफ अटॉर्नी कर खेल फर्जीवाड़े का खुलासा किया गया. इसके बाद अब पिता, माता, पति, पत्नी, पुत्र पुत्रवधू, पत्नी, दामाद, भाई, बहन, पौत्र, पौत्री, नाती, नातिन के बीच आसानी से पावर ऑफ अटॉर्नी की जा सकेगी।