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Reserve Bank Of India : RBI बेचने जा रहा है 8000 करोड़ के ग्रीन बॉन्ड, जानिए क्या है बॉन्ड और कैसे करते हैं काम

क्या आप ग्रीन बॉन्ड के बारे में जानते हैं, RBI ने हाल ही में 8000 करोड़ के ग्रीन बांड्स को बेचने का एलान किया है।  आइये आज हम आपको बताते हैं इन बांड्स के बारे में पूरी डिटेल । 
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RBI news

HR Breaking News, New Delhi : रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank Of India) ने बड़ा फैसला लिया है. आरबीआई 8,000 करोड़ रुपये के अपने पहले सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड (Sovereign Green Bonds) की नीलामी करने के लिए तैयार है. केंद्र सरकार की नई एसजीआरबी (SGRB) 2028 और एसजीआरबी 2033 की नीलामी होने जा रही है. ये 16,000 करोड़ रुपये के सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड की नीलामी का हिस्सा हैं जो आरबीआई चालू वित्त वर्ष में आयोजित करेगा.

2 बॉन्ड की हो रही है नीलामी
आपको बता दें ग्रीन बॉन्ड की नीलामी का दूसरा दौर 9 फरवरी को आयोजित की जाएगी. केंद्रीय बैंक पांच और 10 साल की अवधि वाले दो ग्रीन बॉन्ड की नीलामी कर रहा है, जिनमें से प्रत्येक की कीमत 4,000 करोड़ रुपये है.

9 नवंबर 2022 को सरकार ने दी थी जानकारी
ग्रीन बांड किसी भी संप्रभु संस्था, अंतर-सरकारी समूहों और कॉरपोरेट्स द्वारा जारी किए जाते हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि बांड की आय का उपयोग पर्यावरण की दृष्टि से स्थायी परियोजनाओं के लिए किया जाता है. सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड के लिए रूपरेखा सरकार द्वारा 9 नवंबर, 2022 को जारी की गई थी.


ग्रीन इंफ्रास्ट्रक्चर को सरकार देगी बढ़ावा
आपको बता दें केंद्र सरकार अपने कुल मार्केट बोरोइंग (Market Borrowing) के तौर पर ये सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड जारी कर रही है. ग्रीन इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने के लिए ये बॉन्ड जारी किए जा रहे हैं. देश की इकोनॉमी की कार्बन इंटेंसिटी को कम करने के उद्देश्य से ग्रीन बॉन्ड जारी किए जाएंगे.

क्या होते हैं ग्रीन बॉन्ड्स?
आपको बता दें यह ऐसे बॉन्ड होते हैं जिसका इस्तेमाल सरकार वित्तीय परियोजनाओं के लिए करती है. इन बॉन्ड का पर्यावरण पर काफी पॉजिटिव असर देखने को मिलता है. ग्रीन बॉन्ड को यूरोपीय निवेश बैंक और वर्ल्ड बैंक ने 2007 में लॉन्च किया गया था. इसकी मदद से ग्रीन प्रोजेक्ट्स के लिए धनराशि जुटाई जाती है.