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26 साल के ऐतिहासिक स्तर पर पहुंची बालू (रेता) की कीमत

Sand rate Today : घर बानने वालों को अब तगड़ा झटका लगने वाला है। भवन निर्माण में काम आने वाली बालू यानी रेता की कीमत में ऐतिहासिक बढ़ौतरी हो गई है। ये बढ़ौतरी पिछले 26 साल में सबसे ज्यादा है।

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Sand rate Today :  बालू (रेता) की कीमत में 26 साल की सबसे ज्यादा बढ़ौतरी

HR BREAKING NEWS (ब्यूरो)। सपनों का आशियाना बनाना अब महंगा होने वाला है। बालू (रेता) की किल्लत की वजह से राजधानी में निर्माण कार्य (Construction work) तो ठप हो ही गए हैं वहीं इस उद्योग से जुड़े कामों पर भी इसका सीधा असर पड़ा है। भवन निर्माण सामग्रियों (building materials dealer) की बिक्री करने वाले कारोबारियों का कहना है कि बालू की किल्लत (cost of sand) के कारण बीते दो महीने में सीमेंट, छड़, स्टील आदि की मांग 90 प्रतिशत तक घट गई है। भवनों का निर्माण कार्य बंद होने से वायरिंग का काम (wiring work) भी मंदा पड़ गया है। 

 

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हजारों करोड़ का कारोबारा प्रभावित


बालू के रेट ज्यादा होने से इलेक्ट्रिक सामानों की बिक्री (sales of electric goods) भी 70  प्रतिशत तक कम हो गई है। यही नहीं ढलाई का काम पूरा कर चुके लोग, बालू के कारण (because of sand) फ्लोरिंग का काम नहीं करवा पा रहे हैं। इससे पेबर ब्लॉक टाइल्स (Peber Block Tiles) आदि का व्यापार भी प्रभावित हो रहा है। 
यानी बालू की कमी (lack of sand) की बाजार पर भारी पड़ रही है। रिपोर्ट के अनुसार राजधानी में हर माह तकरीबन एक हजार करोड़ की छड़ और सीमेंट का कारोबार होता था। यानी बालू के कारण हर महीने 900 करोड़ का कारोबार खत्म हो गया है। 

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डबल हो गए हैं रेट


कमी के चलते बाजार में बालू नहीं मिल रहा है। किसी तरह मिल भी गया तो वह दोगुना से भी अधिक कीमत (double rate of sand) पर मिल रहा है। मौजूदा समय में बालू 36000 से 40000 रुपये प्रति हाइवा (डंपर) मिल रहा है। एक महीने पहले तक बालू प्रति हाइवा (डंपर) 18000 रुपये और टर्बो में 4000 रुपये (130 सीएफटी) में मिल रहा था। बालू ट्रक एसोसिएशन (sand truck association) के अध्यक्ष ने कहा कि अगले चार महीने तक बालू के खनन पर रोक (ban on sand mining) रहेगी। इसकी वजह से बालू उपलब्ध नहीं है। पिछले एक महीने से तो बालू के लिए परेशानी काफी बढ़ गई है।

सामग्री एक माह पहले दाम         वर्तमान में


सीमेंट 320-360                            280-320
सरिया 42-64                               57-84
स्टील 73-88                                 58-70

90 फिसदी तक घटी सीमेंट की मांग


सिमेंट व आयरन स्टील के कारोबारी (cement and iron steel traders) राधेश्याम कहते हैं मैं 26 सालों से इस व्यापार से जुड़ा हूं। लेकिन अब तक ऐसी स्थिति कभी नहीं हुई है। बालू की किल्लत (sand shortage) की वजह से April से ही मंदी आनी शुरू हो गई थी। 
इसकी वजह से 90 प्रतिशत कारोबार ठप हो गया है। कई दुकानदारों ने तो दुकान खोलना ही बंद कर दिया।

दूसरी ओर बालू की किल्लत से बाजार में सीमेंट की मांग (Cement demand down) में पिछले एक महीने में 90 फीसदी की गिरावट आई गई है। कारोबारियों के मुताबिक मांग में कमी से काम धंधे चौपट हो गए हैं। आने वाले समय में भी इससे उभरने की ज्यादा उम्मीद नहीं दिख रही है।