Unauthorized Colonies Update : अवैध कॉलोनियों में रहने वाले लोगों के लिए आई खुशखबरी, हुआ बड़ा फैसला
Unauthorized Colonies Update : अवैध कॉलोनी में रहने वाले 75 लाख लोगों के लिए अच्छी खबर आई है। कॉलोनी वैध नहीं होने के चलते इन लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता था।

HR BREAKING NEWS (ब्यूरो)। अब अवैध कालोनियों में रहने वाले लोगों के लिए मालिकाना हक लेना बेहद आसान हो जाएगा। दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) की ओर से शुक्रवार को मालिकाना हक पाने के नियमों में छूट (Relaxation in the rules of getting ownership) की घोषणा की है। अब इन लोगों के लिए वसीयत (legacy) अनिवार्य नहीं होगी और निजी जमीन (private land) के मामले में पूरे प्लॉट पर मालिकाना हक दिया जाएगा।
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वसीयत दस्तावेज न होने के कारण नहीं मिला मालिकाना हक
इन नियमों में संशोधनों से ज्यादा लोगों को उनकी प्रॉपर्टी के स्वामित्व अधिकार (property ownership rights) मिलने में मदद होगी। पिछले एक साल से वसीयत दस्तावेज नहीं होने के कारण लगभग 2000 लोगों को मालिकाना हक नहीं दिया गया था। इसके अलावा केंद्र ने पीएम उदय योजना (PM Uday Yojana) के अंतर्गत लाभ प्राप्त करने हेतु जीपीए/एटीएस (GPA/ATS) के स्थान पर रजिस्टर्ड गिफ्ट डीड (deed) प्रस्तुत करने की भी अनुमति दी है।
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ये होगा फायदा
इन संशोधनों से ज्यादा लोगों को उनकी प्रॉपर्टी के स्वामित्व अधिकार प्राप्त (ownership of property) करने और नगर निकायों (municipal bodies) द्वारा बिल्डिंग प्लान को अनुमोदित करने में मदद मिलने की उम्मीद है। साथ ही आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (Ministry of Housing and Urban Affairs) के मुताबिक दिल्ली आवास अधिकार योजना (Delhi Awas Adhikar Yojana) में प्रधानमंत्री-अनधिकृत कॉलोनी के तहत कई आवेदकों के पास वैध वसीयत और गिफ्ट डीड नहीं है। इसके चलते इनको मालिकाना हक नहीं मिल रहा है।
75 लाख लोगों को मिलेगा लाभ
डीडीए (D.D.A) की ओर से इस योजना के तहत अनाधिकृत कॉलोनियों (unauthorized colonies) के अन्य 75 लाख निवासियों को लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा है। वास्तव में स्वामित्व अधिकार प्राप्त करने वाले (possessor of land ownership) निवासियों की संख्या कम है।
प्रस्तावित संशोधनों से कन्वेन्स डीड या प्राधिकरण पर्ची (authorization slip) प्राप्त करने की प्रक्रिया को बहुत आसान बनाने की उम्मीद है। साथ ही ये भी पाया गया कि बहुत से ऐसे आवेदन प्राप्त हुए जिनमें आवेदकों ने PM-UDAY Scheme के अंतर्गत लाभ प्राप्त करने हेतु जीपीए/एटीएस (GPA/ATS) के स्थान पर रजिस्टर्ड गिफ्ट डीड को दिया है ।