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Bank Cheque Rule : चेक के पीछे साइन करना कब जरूरी, चेक से लेनदेन करने वाले जान लें नियम

Bank Cheque Rule : हर खाताधारक को चेकबुक के उपयोग के लिए कुछ महत्वपूर्ण नियम जान लेना चाहिए. दरअसल सही जानकारी न होने पर व्यक्ति बड़े फ्रॉड (fraud) का शिकार हो सकता है. आपको बता दें कि  यदि आप चेक के पीछे साइन करके किसी को देते हैं, तो यह वित्तीय जोखिम पैदा कर सकता है-

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Bank Cheque Rule : चेक के पीछे साइन करना कब जरूरी, चेक से लेनदेन करने वाले जान लें नियम

HR Breaking News, Digital Desk- (Cheque Signature Rule) चेकबुक के उपयोग के लिए कुछ महत्वपूर्ण नियम हर खाताधारक को जानना चाहिए. सही जानकारी न होने पर व्यक्ति बड़े फ्रॉड (fraud) का शिकार हो सकता है. एक चेक पर सही जगह पर साइन (sign) करना आवश्यक है, ताकि वह वैध और सुरक्षित रहे. यदि आप चेक के पीछे साइन करके किसी को देते हैं, तो यह वित्तीय जोखिम पैदा कर सकता है. ऐसे में यह जानना महत्वपूर्ण है कि किस स्थिति में किसे चेक देना है, ताकि धन की हानि से बचा जा सके. (Bank cheque rules)

Cheque के पीछे साइन करते वक्त दे ध्यान?

चेक एक वित्तीय संस्थान या व्यक्तिगत कैश निकासी का एक लिखित गारंटी होता है. इसे ऐसे समझ सकते हैं कि यह आमतौर पर एक बैंक को एक खाते से दूसरे खाते में एक तय राशि का भुगतान करने का एक लिखित आदेश होता है.

बैंक द्वारा चेक को दो पक्षों के बीच लेनदेन करने का एक सुरक्षित, संरक्षित और सुविधाजनक तरीका माना जाता है. चेक पर या उसके पीछे साइन करने का बैंक की भाषा में एक खास मतलब होता है. सभी तरह के चेक पर पीछे साइन नहीं किया जाता है. सिर्फ बियरर्स चेक पर ही पीछे के तरफ साइन किया जाता है.

बियरर्स चेक (bearers cheque) उस तरह के चेक को कहा जाता है जिसे बैंक में जाकर जमा कराया जाता है और उसमें किसी व्यक्ति का नाम नहीं होता है. उस चेक की मदद से कोई भी कैश (cash) बैंक से निकाल सकता है. बैंक बियरर्स चेक को सहमति से जारी किया गया ट्रांजेक्शन (transaction) मान लेता है. नियम के मुताबिक, इस तरह के चेक से हुए फ्रॉड की जिम्मेदारी बैंक की नहीं होती है.  

चेक से जुड़ी जरूरी बातें-

- चालू या बचत खाते के लिए चेक जारी किया जा सकता है.

- केवल चेक पर नामित भुगतानकर्ता ही इसे भुना सकता है.

- बिना तारीख वाला चेक अमान्य माना जाता है.

- एक बैंक चेक जारी होने की तारीख से तीन महीने के लिए वैध होता है.

- चेक के निचले भाग में 9 अंकों का एमआईसीआर कोड होता है जो चेक क्लीयरेंस प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाता है.

- चेक की रकम शब्दों और अंकों दोनों में लिखी होनी चाहिए.

- चेक जारी करने वाले को बिना ओवरराइटिंग (overwriting)  के चेक पर हस्ताक्षर करना चाहिए.

- चेक पर प्राप्तकर्ता का नाम ठीक से लिखा होना चाहिए.

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