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LIC को तगड़ा झटका, निगेटिव हुआ निवेश

LIC: अब LIC को भी अडानी ग्रुप में किए गए अपने इंवेस्टमेंट में भारी नुकसान उठाना पड़ा है. अडानी समूह के शेयरों में भारी बिकवाली के कारण सरकार की ओर से संचालित बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) ने समूह की कंपनियों में किया गया निवेश निगेटिव हो गया है. आइए जानते है इसके बारे में पूरी जानकारी।
 
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HR Breaking News (ब्यूरो) : हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद से ही अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी नुकसान देखने को मिल रहा है. अडानी ग्रुप के शेयर पिछले करीब एक महीने से भारी दबाव में काम कर रहे हैं.

वहीं इससे अडानी ग्रुप की मार्केट कैप में काफी नुकसान हुआ है. साथ ही लोगों के इंवेस्टमेंट को भी तगड़ा झटका लगा है. अडानी ग्रुप की कंपनियों में भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) की ओर से भी भारी इंवेस्टमेंट किया गया था.

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अडानी ग्रुप


अब LIC को भी अडानी ग्रुप में किए गए अपने इंवेस्टमेंट में भारी नुकसान उठाना पड़ा है. अडानी समूह के शेयरों में भारी बिकवाली के कारण सरकार की ओर से संचालित बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) ने समूह की कंपनियों में किया गया निवेश निगेटिव हो गया है क्योंकि 23 फरवरी 2023 को मार्केट क्लोजिंग के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में एलआईसी का निवेश मूल्य लगभग 27,000 करोड़ रुपये हो चुका है. यह अब खरीद मूल्य से भी नीचे आ गया है.


हिंडनबर्ग रिपोर्ट


हिंडनबर्ग रिपोर्ट जारी होने के बाद 30 जनवरी को एलआईसी ने कहा था कि अडानी ग्रुप के शेयरों में दिसंबर के अंत में इक्विटी और Debt के तहत 35,917 करोड़ रुपये हैं. इसमें कहा गया है कि अडानी ग्रुप की सभी कंपनियों के तहत इक्विटी का कुल खरीद मूल्य 30,127 करोड़ रुपये है और 27 जनवरी, 2023 को इसका बाजार मूल्य 56,142 करोड़ रुपये था.

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एलआईसी


वहीं हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद से ग्रुप की 10 लिस्टेड कंपनियों का संयुक्त बाजार मूल्य 146 बिलियन डॉलर या लगभग 60% कम हो गया है क्योंकि यूएस-आधारित शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग ने एक महीने पहले अपनी रिपोर्ट जारी की थी जिसमें अडानी ग्रुप पर लेखा धोखाधड़ी और स्टॉक हेरफेर का आरोप लगाया गया था. हालांकि अडानी ग्रुप ने इन आरोपों से इनकार किया था.


हिस्सेदारी


गुरुवार की गिरावट के साथ एलआईसी के निवेश का मूल्य निगेटिव हो गया है, यानी इसके निवेश पर नुकसान हुआ है. वहीं ध्यान देने वाली बात एक यह भी है कि एलआईसी ने 30 जनवरी से ग्रुप की कंपनियों में हिस्सेदारी खरीदी या बेची नहीं है.