home page

Business Plan: कैसे करें खुद का बिजनेस शुरू, पहले समझ लें ये गणित, उसके बाद लगाएं पैसा

Business Plan: अगर आप भी नया बिजनेस शुरू करने का प्लान कर रहे है तो ये खबर आपके लिए है। दरअसल आज हम आपको अपनी इस खबर में बिजनेस शुरू करने से जुड़ी पूरी जानकारी विस्तार से बताने जा रहे है... जिससे जान लेना आपके लिए फायदेमंद रहेगा। 
 | 
Business Plan: कैसे करें खुद का बिजनेस शुरू, पहले समझ लें ये गणित, उसके बाद लगाएं पैसा

HR Breaking News, Digital Desk- लोग अपना खुद का बिजनेस भी करना चाहते हैं, लेकिन कई बार लोग कम पूंजी होने के कारण खुद का बिजनेस शुरू नहीं कर पाते हैं. यहां हम आपको बताना चाहेंगे कि आप कम पूंजी के जरिए एक सटीक प्लान के सहारे इंवेस्टमेंट कर सकते हैं. ऐसे में आइए जानते हैं कि कैसे कम पूंजी में बिजनेस की शुरुआत कर सकते हैं.

लागत की गणना करें-

आप चाहें सर्विस बिजनेस में हों या फिर आप किसी प्रॉडक्ट का निर्माण कर रहे हैं, आपको लागत की गणना जरूर करनी चाहिए. आपको यह गणित पहले ही लगा लेनी चाहिए कि आपके सर्विस बिजनेस को चलाने में या प्रॉडक्ट को बनाने में आपकी लागत कितनी आएगी. सही लागत की गणना करने पर आपको ये पता चल जाएगा कि आपकी जेब से कितना पैसा जाने वाला है और शुरुआत में कितने पैसों की जरूरत होगी.

बिक्री के दाम-
लागत की गणना करने के बाद आपको बिक्री के दाम की गणना करनी चाहिए. आपको ये देखना चाहिए कि आप जो सर्विस ऑफर कर रहे हैं या आप जो प्रॉडक्ट बना रहें कि उनको आप किस दाम पर बेच सकते हैं. साथ ही ये भी देखें कि उस दाम में बेचने पर आपको कितना मुनाफा हो रहा है.

इंवेस्टमेंट-
अब जब आप लागत और बिक्री के दाम की गणना कर चुके हैं तो आपको अपने बिजनेस में लगाए जाने वाले इंवेस्टमेंट का हिसाब लगाना है. अगर आपके पास पूंजी कम है तो आपको ध्यान रखना होगा कि आपको अपनी लागत को और कम करने की जरूरत है और बिक्री के दाम ज्यादा करने की जरूरत होगी. ऐसे में ध्यान रखें कि लागत इतनी कम न कर दें कि सर्विस या प्रॉडक्ट की क्वालिटी पर असर पड़े और बिक्री के दाम इतने ना बढ़ा दें कि उसे कोई खरीदे ही ना.

शुरुआती पूंजी-
अगर आप लागत, बिक्री के दाम पर सही गणना कर चुके हैं और पूंजी की राशि निर्धारित कर चुके हैं तो ध्यान रखें कि शुरुआती दौर पर आप धीरे-धीरे करते हुए पूंजी लगाएं और जैसे-जैसे माल बेचने पर मुनाफा होता रहे, उसे बिजनेस में लगाते जाएं. इससे धीरे-धीरे कैश फ्लो मेंनेट होगी, पूंजी बढ़ेगी और बिजनेस भी ग्रो होगा. इसके बाद कम पूंजी में शुरू किए जाने वाले कारोबार को बढ़ाया जा सकेगा.