Chandi Rate : सोना तो सोना! चांदी के भी बढ़ रहे है दाम, जान लें क्या है कारण, कहां से आ रही डिमांड?
Silver Price Hike : सोना-चांदी की कीमतों में पिछले कई दिनों से लगातार उछाल देखने को मिल रहा है। सोने के रेट तो डिमांड के साश्रज्ञ ही बढ़ते समझ आते है लेकिन चांदी के रेट (chandi ak rate) को लेकर सब हैरान रह गए है। यह नए उच्चतम स्तर 93000 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गई है। इस पर एक्सपर्ट ने इसके पीछे का कारण बताया है कि चांदी का किन चीजों में इस्तेमाल होता है और इसकी कीमतों में तेज उछाल का क्या कारण है।
HR Breaking News (ब्यूरो) : सोने-चांदी की कीमतों (Gold-Silver Prices today) में तेजी का दौर जारी है। सोने की कीमतें (sone ka Rate) हर दिन नई ऊंचाईयों पर पहुंच रही है। साल 2024 की शुरुआत के साथ ही, सोने की कीमत (Gold Price) में रिकॉर्ड बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। लेकिन इसी के साथ ही पिछले कुछ समय से चांदी के दाम भी लगातार तेजी से बढ़ रहे हैं। यह नए उच्चतम स्तर 93,000 रुपये किलो पर पहुंच गई है। तेजी का यह मौजूदा दौर करीब तीन महीने पहले शुरू हुआ। 14 फरवरी को चांदी का भाव ठीक 74,000 रुपये प्रति किलो (1 kg chandi price) था। लेकिन, उसके बाद से इसमें लगभग 19,000 रुपये का उछाल आ चुका है।
आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि चांदी का किन चीजों में इस्तेमाल होता है और इसकी कीमतों में तेज उछाल की क्या वजह है।
क्या गहने हैं चांदी के दाम बढ़ने की वजह?
ये तो सब जानते है कि भारतीयों को सोने और चांदी (sone chandi ka bhaav) से कितना लगाव है। भू-राजनीतिक तनाव की वजह से पिछले कुछ समय के दौरान गोल्ड की कीमतें काफी तेजी से बढ़ी हैं। भारत समेत दुनियाभर के केंद्रीय बैंक भी गोल्ड रिजर्व बढ़ा (Central bank increased gold reserves) रहे हैं, ताकि अचानक आने वाली मुश्किलों का मुकाबला किया जा सके।
भारत में चांदी की डिमांड पूरी करने में हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड (Hindustan Zinc Limited) की अहम भूमिका है। इसके CEO अरुण मिश्रा का कहना है कि सोने का भाव बढ़ने के लिए जेवरात के शौकीनों ने चांदी का रुख किया है। इसमें बड़ी संख्या नौजवानों की है। इससे चांदी की डिमांड बढ़ रही है और उसका असर कीमतों पर भी दिख रहा है।
जान लें कहां होता है चांदी का इस्तेमाल?
आपने ये बात गौर की होगी कि सोने और चांदी (gold and silver price) का जिक्र भले ही एक साथ होता हो, लेकिन दोनों को एक जैसा नहीं माना जाता। इनका इस्तेमाल भी अलग-अलग होता है। चांदी की बात करें, यह सोने के मुकाबले कम दुर्लभ है। इस वजह से इसका दाम भी कम है। सोने का जेवरात और निवेश को छोड़कर ज्यादा इस्तेमाल नहीं होता। लेकिन, चांदी का जेवरात से ज्यादा इंडस्ट्रियल इस्तेमाल अधिक होता है। खासकर, कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री में।
जानकारी के लिए बता दें कि चांदी इलेक्ट्रिक स्विच, सोलर पैनल और RFID चिप्स का प्रमुख घटक है। इसका तकरीबन सभी कंप्यूटर, मोबाइल फोन, ऑटोमोबाइल और इक्विपमेंट में इस्तेमाल होता है। पिछले साल चांदी की ग्लोबल डिमांड में करीब 11 प्रतिशत का उछाल आया है।
चेक करें चांदी का इकोनॉमी से कनेक्शन
बता दें कि चांदी का इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल (Use of silver in industrial production) होता है। इसका मतलब है कि अगर इकोनॉमी मजबूत होगी, मैन्युफैक्चरिंग बढ़ेगी, तो चांदी की डिमांड भी बढ़ेगी, साथ में कीमतें भी। इस साल दुनियाभर में चांदी की डिमांड 1.2 अरब औंस तक पहुंचने का अनुमान है। अगर ग्लोबल इकोनॉमी में कोई बड़ा उतार-चढ़ाव नहीं आता, तो चांदी के दाम में भी भारी आ सकता है।
चांदी के भाव में तेजी का कारण
आज चांदी के दाम में तेजी की कई वजहें (Many reasons for the rise in silver prices) हैं। अरुण मिश्रा का कहना है, 'चांदी की औद्योगिक डिमांड लगातार बढ़ रही है। इसका सोलर पैनल, इलेक्ट्रॉनिक्स और पावर सेक्टर में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होता है। चांदी मुद्रास्फीति से बचाव में भी अहम भूमिका रहती है। हमारा अनुमान है कि चांदी की कीमतें जल्द ही 31-32 डॉलर प्रति ट्रॉय औंस को पार कर जाएंगी। फिलहाल यह लगभग 29 डॉलर प्रति ट्रॉय औंस पर कारोबार कर रही है, जो नया उच्चतम स्तर है।'
चांदी की इंडस्ट्रियल डिमांड अधिक है या कंज्यूमर?
चांदी की डिमांड (demand of silver) की बात करें तो ये दोनों वजह से बढ़ रही है। इस वक्त शादियों का सीजन चल रहा है। अब युवाओं के बीच चांदी से बने गहनों की डिमांड काफी है। खासकर, हाथ, गले और पैरों में पहने जाने वाली ज्वैलरी की। साथ ही, सरकार रिन्यूएबल एनर्जी पर काफी फोकस कर रही है। इससे भी चांदी की डिमांड भारी तेजी है, क्योंकि यह सोलर पैनल का एक अहम हिस्सा है।
क्या चांदी की कीमतों में उछाल रहेगा जारी?
अब चांदी के दाम में लगातार तेजी आएगी, फिर चाहे बात निकट अवधि की हो, या दीर्घकालिक। चांदी का फोटोवोल्टिक्स (पीवी) के रूप में दुनियाभर में इस्तेमाल बढ़ रहा है। यह तकनीक धूप को सीधे बिजली में कन्वर्ट करती है। इससे जाहिर है कि चांदी की तेज डिमांड (strong demand for silver) बनी रहेगी और उसकी कीमतों में उछाल आएगा।
अमेरिका के सिल्वर इंस्टीट्यूट (Silver Institute of America) का दावा है कि चांदी मौजूदा दौर में हाई-बीटा वर्जन है। फिलहाल, बाजार की स्थितियां संकेत दे रही हैं कि चांदी की कीमतों में उछाल का दौर बना रहेगा।